साहित्य-संस्कृति मशालें लेकर चलना कि जब तक रात बाकी हैसंजय जोशीApril 30, 2020May 3, 2020 by संजय जोशीApril 30, 2020May 3, 202002791 समकालीन जनमत के फेसबुक लाइव कार्यक्रम की कड़ी में हिरावल, पटना के डी. पी. सोनी ने अपने गीतों की प्रस्तुति दी । गीतों की श्रृंखला...
साहित्य-संस्कृति रंगनायक के गीतों से शुरू हुआ मई दिवस को समर्पित फेसबुक लाइव का सिलसिलासंजय जोशीApril 30, 2020May 2, 2020 by संजय जोशीApril 30, 2020May 2, 202002240 समकालीन जनमत वेब पोर्टल की पहल पर मई दिवस को समर्पित फेसबुक लाइव का सिलसिला आज 30 अप्रैल को दुपहर 2 बजे जन संस्कृति...
जनमतस्मृति सफ़र अभी मुक़म्मल नहीं हुआ !समकालीन जनमतApril 30, 2020May 1, 2020 by समकालीन जनमतApril 30, 2020May 1, 20203 2184 आशीष कुमार क्या उन सब्ज आंखों को भुलाया जा सकता है ? क्या उस बेतकल्लुफ़ और बेपरवाह हंसी को समेटा जा सकता है ?क्या कला...
सिनेमा पूँजीवाद और सामंतवाद के गठजोड़ से उपजे शोषण को चित्रित करती है ‘दामुल’मुकेश आनंदApril 30, 2020May 1, 2020 by मुकेश आनंदApril 30, 2020May 1, 202003433 (महत्वपूर्ण राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय फिल्मों पर टिप्पणी के क्रम में आज प्रस्तुत है जाने माने निर्देशक प्रकाश झा की दामुल । समकालीन जनमत केेे लिए मुकेश आनंद द्वारा लिखी जा रही...
सिनेमास्मृति मुझे लगा कि मैं एक्टिंग में अपने आपको एक्सप्लोर कर सकता हूँ – इरफ़ान खान समकालीन जनमतApril 30, 2020May 1, 2020 by समकालीन जनमतApril 30, 2020May 1, 202002858 राज्य सभा टी वी के मशहूर प्रोगाम 'गुफ़्तगू' में एक्टर इरफ़ान खान के साथ इरफ़ान की बातचीत...
स्मृति इतनी जल्दी नहीं जाना था आपकोआशुतोष चन्दनApril 29, 2020April 30, 2020 by आशुतोष चन्दनApril 29, 2020April 30, 202001375 पानसिंग तोमर देखने के बाद यही सोचता रहा था कि काश आख़िरी सीन में पानसिंग को गोली न लगती। वो अपनी वो रेस जीत जाता...
स्मृति अलविदा प्रिय अभिनेतादिवसApril 29, 2020April 30, 2020 by दिवसApril 29, 2020April 30, 202003035 कुछ अभिनेताओं की पर्दे में उपस्थिति वैसी ही ख़ुशी देती है जैसे अपने किसी बहुत अज़ीज़ को देखकर रोम-रोम ख़ुशी से लहरा उठते हैं....
ख़बर छात्रों, बुद्धिजीवियों, प्रतिरोध की आवाज़ों को खामोश करने की सत्ता की कोशिशें जारी हैंसमकालीन जनमतApril 29, 2020April 30, 2020 by समकालीन जनमतApril 29, 2020April 30, 20204 1985 देश भर में छात्रों, बुद्धिजीवियों, प्रतिरोध की आवाज़ों को धमकाने की, खामोश करने की सत्ता की कोशिशों और कार्यवाही की ही कड़ी में 27 अप्रैल...
पुस्तक अवधेश त्रिपाठी की आलोचना पद्धति में लोकतंत्र के मूल्य प्राण की तरह हैदुर्गा सिंहApril 29, 2020April 30, 2020 by दुर्गा सिंहApril 29, 2020April 30, 20205 2043 किसी भी आलोचक के लिए जरूरी होता है, कि वह बाह्य जगत के सत्य और रचना के सत्य से बराबर-बराबर गुजरे। आलोचना के लिए...
स्मृति मशहूर अभिनेता इरफान खान नहीं रहेसमकालीन जनमतApril 29, 2020April 30, 2020 by समकालीन जनमतApril 29, 2020April 30, 202002411 मशहूर अभिनेता इरफान खान का आज मुम्बई के कोकिला बेन अस्पताल में निधन हो गया। 54 वर्षीय इरफान खान की तबियत कल शाम अचानक बिगड़...
जनमत महामारी के उद्यमीराजन विरूपApril 28, 2020April 28, 2020 by राजन विरूपApril 28, 2020April 28, 20200816 हम उलट कर बोलते हैं - जहान है तो जान है. जहान मतलब यह पूंजीवादी अर्थव्यवस्था और यह बात ग्लोबल सत्य है...
कविता कोरोना काल में स्त्री कविता : ‘ये खाई सदियों पुरानी है/यह सूखी रोटी और पिज्जा के बीच की खाई है’समकालीन जनमतApril 28, 2020April 30, 2020 by समकालीन जनमतApril 28, 2020April 30, 20204 2178 जन संस्कृति मंच की ओर से फेसबुक पर चलाये जा रहे ‘कविता संवाद’ लाइव कार्यक्रम के तहत 26 अप्रैल को सात कवयित्रियों की रचनाएं सुनाई...
पुस्तक लोकतंत्र का मर्सिया हैं ‘सुगम’ की ग़ज़लेंदुर्गा सिंहApril 27, 2020April 30, 2020 by दुर्गा सिंहApril 27, 2020April 30, 202002935 हिंदी ग़ज़ल में महेश कटारे ‘सुगम’ जाना-माना नाम है। ‘सुगम’ हिंदी ग़ज़ल की उसी परंपरा से आते हैं, जिसे दुष्यंत, अदम गोंडवी, शलभ श्रीराम...
स्मृति ‘गाओ कि जीवन गीत बन जाए’ लिखने वाले कवि, गीतकार महेन्द्र भटनागर नहीं रहेकौशल किशोरApril 27, 2020April 27, 2020 by कौशल किशोरApril 27, 2020April 27, 202003287 महेन्द्र भटनागर की कविताएं बाहर की दुनिया के साथ भीतर की दुनिया में उतरती हैं. प्रणय और प्रकृति प्रेम पर लिखी इनकी कविताएं हमें केदारनाथ...
सिनेमा द फेमिली मैन – हर जगह खास करने के लिए संघर्ष करते आम आदमी के घर और बाहर की कहानीपंकज पाण्डेयApril 27, 2020April 30, 2020 by पंकज पाण्डेयApril 27, 2020April 30, 202002410 हमारे समय के सभी मत्वपूर्ण सवालों पर कमेंट करती यह वेब सीरीज है, जिसे राज निदिमोरू, और कृष्ण डी. के. ने एक कहानी के माध्यम...
जनमत महामारी के दौर में कितना असुरक्षित है देश का ‘नया मजदूर’ ?मीनलApril 26, 2020April 30, 2020 by मीनलApril 26, 2020April 30, 202001636 ये न तो गरीब हैं, जो फिलहाल भूख से मर रहा है और न ही ये वे लोग हैं जिनको सरकार किसी किस्म की आर्थिक...
कविता यातना का साहस भरा साक्षात्कार हैं लाल्टू की कविताएँआशुतोष कुमारApril 26, 2020April 30, 2020 by आशुतोष कुमारApril 26, 2020April 30, 202003193 धरती प्रकृति ने बनाई है. लेकिन दुनिया आदमी ने बनाई हैं. दुनिया की बीमारियाँ , पागलपन और विक्षिप्तियाँ भी आदमी ने बनाई हैं. लेकिन कविता,...
स्मृति जिंदादिली और जीवटता की अद्भुत मिसाल थे कामरेड अखिलानंद पांडेयसमकालीन जनमतApril 26, 2020April 30, 2020 by समकालीन जनमतApril 26, 2020April 30, 202001529 ऐसे प्रतिबद्ध, जिंदादिल एवं अद्भुत जीवट वाले बहादुर कम्युनिस्ट योद्धा का हमारे बीच से जाना समूचे कम्युनिस्ट व मजदूर आंदोलन की भारी क्षति है....
पुस्तक अछरिया हमरा के भावेलेगोपाल प्रधानApril 26, 2020April 30, 2020 by गोपाल प्रधानApril 26, 2020April 30, 202003543 पुस्तकालय केवल कोई इमारत नहीं होता बल्कि सम्पूर्ण सामाजिक ढांचा होता है। किताब में जो जानकारी कूटबद्ध होती है उसे हासिल करने के जरिए हम...
ये चिराग जल रहे हैं अशोकजी : पराड़कर-युगीन पत्रकारिता का अंतिम अध्यायनवीन जोशीApril 24, 2020April 30, 2020 by नवीन जोशीApril 24, 2020April 30, 202003926 आज जब शब्द, भाषा, व्याकरण, उच्चारण सब गड्ड-मड्ड हो गये हैं, यह समझा पाना मुश्किल है कि तब पत्रकारिता में इनको कितना महत्त्वपूर्ण माना जाता...