समकालीन जनमत

Tag : महामारी

दुनिया

नेक हौसलों से भरा दिल दुनिया को खूबसूरत बनाता है

जनार्दन
राह चलते, मिलते-जुलते, पढ़ते-पढ़ाते कई दफ़ा ऐसे किरदार मिलते हैं, जो बहुत दूर होकर भी साथ चलने लगते हैं। भौगोलिक और सरहदी दूरियां बेमानी हो...
ज़ेर-ए-बहस

आदिवासियों की हत्या पर चुप्पी क्यों ?  

जनार्दन
अप्रैल से मई के बीच कई घटनाएं घटीं। महामारी का विकराल रूप पूरे देश ने देखा, महसूस किया और कई लोगों ने अपने प्रियजनों को...
ज़ेर-ए-बहस

महामारियां अवसाद बुनती हैं!

जनार्दन
महामारियां और आपदाएं जीवन-जगत को आकार प्रदान करती हैं; उनकी मानसिकता के ढांचे को तोड़कर नए ढांचे का निर्माण करती हैं –आपदाएं नवीन और परिवर्तनकामी...
ज़ेर-ए-बहस

कोरोना काल में महिलाओं की दुनिया : घर और बाहर

समकालीन जनमत
डॉ.दीना नाथ मौर्य गायत्री अपने पति और बच्चों के साथ मुम्बई के धारावी इलाके में पिछले 20 सालों से रहती हैं। मूल रूप से उत्तर-प्रदेश...
शख्सियत

सभ्यता का संकट-रवींद्रनाथ टैगोर

समकालीन जनमत
(रवीन्द्रनाथ टैगोर के आखिरी व्याख्यान ‘क्राइसिस ऑफ सिविलाइजेशन’ का यह अनुवाद हम समकालीन जनमत के पाठकों के लिए दे रहे हैं । अनुवाद किया है ...
ज़ेर-ए-बहस

महाजनी सभ्यता और महामारी के सबक

समकालीन जनमत
डॉ. दीना नाथ मौर्य सभ्यता के विकासक्रम में मानव जाति पर समय-समय पर आयी प्राकृतिक आपदाओं के ऐतिहासिक अनुभव से यह सीख ली जा सकती...
कविता

भूख दुनिया की सबसे पहली महामारी है

आज 1 मई है, जिसे पूरी दुनिया में मजदूर दिवस के रूप में मनाया जाता है. मजदूरों के सम्मान, उनके हक और उनके संघर्षों को...
ख़बर

क्या आरसीएफ कपूरथला के बनाये वेंटिलेटर, सेनिटाइजर टनल और पीपीई को प्रमाणन हासिल हो पायेगा ?

समकालीन जनमत
डा. कमल उसरी भारतीय रेल की शुरुआत 16 अप्रैल 1853 में हुई जब एशिया एवं भारत की प्रथम रेल बोरीबंदर (छत्रपति शिवाजी टर्मिनल -मुम्बई )...
ग्राउन्ड रिपोर्ट

लॉकडाउन से ठहर गया है कोलकाता

देवेश मिश्र
 देवेश मिश्र   लॉकडाउन ने पूरे देश की अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव डाला है. देश की एक बड़ी मज़दूर आबादी का पलायन शहरों से गाँवों...
ख़बर

परेशान अधिवक्ता फोन करते रहे, बहन को अस्पताल पहुँचाने में लगे पांच घंटे

समकालीन जनमत
प्रयागराज। कोरोना विषाणु के संक्रमण को रोकने के लिए किए गए सरकारी उपायों की हकीकत क्या है, यह शनिवार की रात एक बार फिर उजागर...
ख़बर

‘ 15 दिन से कोई काम नहीं मिला, हम रोज कमाने-खाने वाले कैसे जियेंगे  ’

समकालीन जनमत
महाप्रसाद प्रयागराज. कोरोना वायरस से फैली महामारी भारतीय मानवता के इतिहास में बड़ी त्रासदी व कुरूप के रूप में उभरा है. इससे कोई अछूता नहीं,...
Fearlessly expressing peoples opinion