समकालीन जनमत वेब पोर्टल की पहल पर मई दिवस को समर्पित फेसबुक लाइव का सिलसिला आज 30 अप्रैल को दुपहर 2 बजे जन संस्कृति मंच से जुड़े बेगूसराय के थिएटर समूह ‘रंगनायक द लेफ्ट थिएटर’ की गीतों की प्रस्तुति से शुरू हुआ.
इस प्रस्तुति में नाल पर राजकुमार पप्पू, डफ पर आर्यन, मंझरी पर यथार्थ सांगत दे रहे थे जबकि मोहित मोहन, विजय सिन्हा और दीपक सिन्हा मिलकर गीत गा रहे थे. 45 मिनट चले इस सांगीतिक प्रस्तुति का सोशल मीडिया पर सञ्चालन रंगनायक से ही जुड़े सचिन कर रहे थे.
गानों की प्रस्तुति शुरू करने से पहले 30 सेकण्ड का मौन हाल ही में दिवंगत इरफ़ान खान, ऋषि कपूर और बेगुसराय के रंगकर्मी पंकज कुमार सिन्हा की स्मृति में किया गया.
आज की प्रस्तुति की शुरुआत बल्ली सिंह चीमा के गीत ‘चलो कि मंजिल दूर नहीं’ से हुई . इसके बाद पीयूष मिश्रा द्वारा रचित नाटक ‘गगन दमामा बाज्यो’ में एक पुराने गीत ‘इलाही जिस तस्सवुर’ को पेश किया गया. तीसरे गाने के रूप में दीपक सिन्हा के लिखे गाने ‘इन्कलाब माँगता हूँ , इंसाफ़ माँगता हूँ’ की बेहद नाटकीय प्रस्तुति रंगनायक के कलाकारों ने की. चौथा गीत गोरख पाण्डेय का मशहूर गाना ‘समाजवाद बबुआ’ था तो पांचवां गाना अदम गोंडवी की नज़्म ‘हिन्दू या मुस्लिम के अहसासात को मत छेड़िए’ थी. फेसबुक लाइव की प्रस्तुति का अंत दीपक सिन्हा के लिखे एक और नाटकीय गीत ‘आज़ादी का गीत’ से हुआ.
फ़ेसबुक लाइव के दौरान लगातार कलाकार साथियों को मुंह पर मास्क लगाने और भौतिक दूरी बनाये रखने की सलाह दर्शक अपने मेसेज लिखकर कर रहे थे जिसका सम्मान करते हुए टीम के वादक साथियों ने अपने गमछे को मास्क की तरह पहन लिया और प्रस्तुति चलती रही.
फ़ेसबुक लाइव का यह सिलसिला आज और कल ज़ारी रहेगा. अभी से थोड़ी ही देर में शाम 4 बजे सुनिए हिरावल, पटना से जुड़े साथी डी पी सोनी बंटू को समकालीन जनमत के पेज से.
इस प्रस्तुति को समकालीन जनमत के पेज या पोर्टल पर जाकर अथवा नीचे दिए गए लिंक पर जाकर देखा सुना जा सकता है.
https://www.facebook.com/s.janmat/videos/271418317222318/
आभार .
समकालनी जनमत टीम