समकालीन जनमत

Tag : COVID-19

ख़बर

महामारी व तानाशाही से जूझते भारत को नई राजनीति की आवश्यकता: दीपंकर भट्टाचार्य

 लोग कोरोना के कारण नहीं बल्कि वक्त पर व्यवस्था नहीं होने के कारण मारे गए – मनोज झा संपूर्ण क्रांति दिवस पर भाकपा-माले ने किया...
ख़बर

मोदी सरकार भ्रम फैलाना बंद कर वैक्सीन की उपलब्धता की गारंटी करे -आइसा

समकालीन जनमत
लखनऊ। आल इण्डिया स्टूडेंट्स एसोशिएसन (आइसा) ने 31 मई को राष्ट्रीय प्रतिरोध दिवस के आवाहन पर देश भर में वैक्सीन की उपलब्धता सुनिश्चित करने की...
ज़ेर-ए-बहस

कोविड-19 से मुकाबला और वैज्ञानिक दृष्टिकोण

राम पुनियानी
भारत के कोविड महामारी की चपेट में आने बाद इस बीमारी का इलाज खोज निकालने का दावा करने वालों में बाबा रामदेव शायद सबसे पहले...
ज़ेर-ए-बहस

कोविड से मौतों को क्यों छुपाना चाहती है सरकार ?

नितिन राज
इस वक्त पूरा देश कोरोना महामारी की दूसरी लहर से लड़ रहा है, संभावना यह है कि देश को कोरोना की तीसरी लहर का भी...
ख़बर

योगी सरकार का जोर जान बचाने पर कम, मौतों को छुपाने और अपनी छवि चमकाने पर ज्यादा : भाकपा माले

समकालीन जनमत
लखनऊ।  भाकपा (माले) की राज्य इकाई ने कहा है कि योगी सरकार में कोरोना से मौत होने पर इंसानी लाशें आंकड़ा भी नहीं बन पा...
ख़बर

 भाकपा-माले जांच दल ने पटना के दो अस्पतालों का किया दौरा, स्थिति का लिया जायजा

पटना. भाकपा-माले की एक उच्चस्तरीय जांच दल ने आज पटना के दो प्रमुख अस्पतालों एनएमसीएच और पीएमसीएच का दौरा करके कोविड के दूसरे संक्रमण से उपजी...
ख़बर

 कोविड-19 संक्रमण काल में परीक्षा कराये जाने के खिलाफ आइसा ने कुलपति कार्यालय पर किया भूख हड़ताल 

समकालीन जनमत
प्रयागराज। ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (आइसा)  ने कुलपति कार्यालय पर एकदिवसीय भूख हड़ताल सत्याग्रह कर कोविड संक्रमण काल मे परीक्षा कराये जाने का विरोध किया...
जनमत

कोविड-19 से निपटने के सरकारी तरीकों की आलोचना पर पत्रकारों पर कहर

दानिश रज़ा ( दानिश रज़ा की यह रिपोर्ट ‘ द गार्जियन ’ से साभार ली गयी है। हिन्दी अनुवाद दिनेश अस्थाना का है )  ...
जनमत

जिन शहरों ने प्रवासी श्रमिकों से आँखें फेर ली थीं वही उनकी राह में आँखे बिछाये बैठे हैं

( अजीत महाले और के.वी. आदित्य भारद्वाज की यह रिपोर्ट ‘ द हिन्दू ‘ में प्रकाशित हुई है. समकालीन जनमत के पाठकों के लिए इसका...
दुनिया

राष्ट्रपति जेयर बोल्सोनारो के खिलाफ़ ब्राजील की जनता सड़कों पर

सुशील मानव
ब्राजील में 25 फरवरी को पहला कोविड-19 संक्रमण का केस सामने आया और आज की तारीख में वहां कोविड संक्रमितों की संख्या 9 लाख है,...
जनमत

दिल्ली और मुम्बई के सबसे बुरे दिन अभी आने वाले हैं

समकालीन जनमत
बरखा दत्त ( वरिष्ठ पत्रकार बरखा दत्त का यह लेख हिन्दुस्तान टाइम्स में प्रकाशित हुआ है. समकालीन जनमत के पाठकों के लिए इसका हिन्दी अनुवाद...
ज़ेर-ए-बहस

क्या सरकार ने कोविड-19 को गंभीरता से लेना छोड़ दिया है ?

सुशील मानव
लॉकाडाउन का एक तरह से खात्मा हो गया है. दुकान, बाज़ार, संस्थान, प्रतिष्ठान सब खुल गए हैं. मंदिर- मस्जिद भी खुल गए हैं. गंगा समेत...
जनमत

क्या पीएम को भारत के सबसे बुरे मानवीय संकट की रत्तीभर भी परवाह है?

समकालीन जनमत
कोरोना वायरस की महामारी का मुकाबला करने के लिये राष्ट्रव्यापी लाॅकडाउन की घोषणा उसी तरह जल्दीबाजी में की गयी जैसे नोटबन्दी की की गयी थी।...
जनमत

प्रवासी मजदूर जिनका कोई वतन नहीं

कोविड-19 को लेकर हुए लॉक डाउन के बाद हमारे देश में प्रवासी श्रमिकों की समस्या सबसे बड़े रूप  में उभर कर सामने आई है. वे...
जनमत

जीवन-संघर्ष का करुण कोलाहल

समकालीन जनमत
श्रमिकों की बदहाल अवस्था और उनकी दुर्दशा के बहाने पूंजीवादी व्यवस्था का वह वीभत्स रूप हमारे सामने है जहाँ निम्न वर्ग के जीवन का कोई...
ज़ेर-ए-बहस

“ सभी मॉडल व्यर्थ साबित हुए हैं, अलबत्ता उनमें कुछ उपयोगी हैं ”

समकालीन जनमत
‘केरल मॉडल’ अगर कामयाब हुआ तो ज़रूरी नहीं कि सारे मॉडल पास होंगे। आख़िर जॉर्ज बॉक्स ने कहा भी तो है “सभी मॉडल व्यर्थ साबित...
कविता

‘मजदूर थे वो जब तक सबके ही काम आए/मजबूर हो गए तो सबको ही खल रहे हैं’

समकालीन जनमत
लखनऊ। लोग कोरोना की चपेट में ही नहीं हैं बल्कि लाॅक डाउन से पैदा हुई अव्यवस्था के भी शिकार हुए हैं, हो रहे हैं। लोगों...
जनमत

एक हौलनाक़ सफ़रनामा

समकालीन जनमत
इस त्रासद कहानी की जड़ें एक ओर मजदूरों के मालिकों और केन्द्रीय सरकार और दूसरी ओर उनके अपने राज्य की सरकारों की नाकामी में निहित...
ज़ेर-ए-बहस

वे लौट रहे हैं…

डॉ रामायन राम
वे लौट रहे हैं, खुद को घसीटते हुए। अपनी गठरी, मोटरी, बच्चे समेत रेल की पटरियों पर, सड़कों पर, साइकिलों पर, ट्रकों में आलू के...
जनमत

लॉकडाउन और बच्चों की मौत

देश में हर साल कुपोषण और भुखमरी से लाखों बच्चें मर जाते हैं, जबकि यहां अनाज से गोडाउन भरे पड़े हैं. ऐसे में भूख से...
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