समकालीन जनमत

Author : आशुतोष कुमार

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आशुतोष कुमार हिंदी के आलोचक हैं और दिल्ली विश्वविद्यालय में एसोसिएट प्रोफ़ेसर हैं. संपर्क: ashuvandana@gmail.com
स्मृति

अपराजिता चली गईं, लेकिन अलबेलियाँ रहेंगी!

आशुतोष कुमार
नवाचारी कलाकार और हिंदी की लोकप्रिय अध्यापिका अपराजिता शर्मा के आकस्मिक निधन से हिंदी के युवा संसार में शोक की लहर है। अपराजिता दिल्ली विश्वविद्यालय...
ज़ेर-ए-बहस

सोचता हूँ, इसलिए अपराधी हूँ..( भीमा कोरेगांव-16 और असहमति से आतंकित राज्य )

आशुतोष कुमार
भीमा कोरेगांव-16 ठीक इस समय, जब ये पंक्तियाँ लिखी जा रही हैं, देश के कुछ लब्धप्रतिष्ठ लेखक,कलाकार, प्रोफ़ेसर, वकील, बुद्धिजीवी और मानवाधिकारवादी कर्मकर्ता जेलों में बंद हैं. कुछ जो...
स्मृति

नंदकिशोर नवल : हिन्दी आलोचना की एक असमाप्त यात्रा 

आशुतोष कुमार
नवल जी हिन्दी की साहित्यिक सम्वेदना और सुरुचि को उत्पीडित साधारण-जन के संघर्ष की जरूरतों के मुताबिक़ ढालने वाले आलोचकों में अग्रणी रहे हैं.  संघर्ष...
कविता

यातना का साहस भरा साक्षात्कार हैं लाल्टू की कविताएँ

आशुतोष कुमार
धरती प्रकृति ने बनाई है. लेकिन दुनिया आदमी ने बनाई हैं. दुनिया की बीमारियाँ , पागलपन और विक्षिप्तियाँ भी आदमी ने बनाई हैं. लेकिन कविता,...
शख्सियतसाहित्य-संस्कृति

जम्हूरियत की ज़ुबान : अदम गोंडवी

आशुतोष कुमार
  फूल के जिस्म पे पहलू बदल रही तितली , पेट की आग में जलते हुए बशर की तरह . मेरे ज़ेहन में तेरी शक्ल...
जनमतसाहित्य-संस्कृति

अमर नदीम : हिन्दी ग़ज़ल का नया अंदाज़

आशुतोष कुमार
आज कॉमरेड Amar Nadeem का जन्मदिन है.   यों तो वे हमारे शहर अलीगढ़ के रहने वाले थे, लेकिन जान पहचान उनसे फेसबुक पर ही...
ख़बरशख्सियतसाहित्य-संस्कृति

भय, दिग्विजय और नामवरीय ‘विडंबना’

आशुतोष कुमार
(हिन्दी आलोचना के शिखर पुरुष नामवर सिंह नहीं रहे । उन्हें समकालीन जनमत की तरफ से विनम्र श्रद्धांजलि ।) यह एक ऐसा प्रसंग है, जिससे...
ज़ेर-ए-बहस

‘ठाकरे’ नवाजुद्दीन की विस्फोटक प्रतिभा की विफलता का स्मारक क्यों है?

आशुतोष कुमार
आशुतोष कुमार  अगर आप बाल ठाकरे और उनकी राजनैतिक शैली के प्रति पहले से ही भक्तिभाव से भरे हुए नहीं हैं, तो फिल्म’ठाकरे’ आपको हास्यास्पद...
सिनेमा

‘ठाकरे’ नवाजुद्दीन की विस्फोटक प्रतिभा की विफलता का स्मारक क्यों है ?

आशुतोष कुमार
अगर आप बाल ठाकरे और उनकी राजनैतिक शैली के प्रति पहले से ही भक्तिभाव से भरे हुए नहीं हैं, तो फिल्म ‘ ठाकरे ‘ आपको...
ज़ेर-ए-बहस

क्या प्रधानमंत्री वकील मुक्त अदालतें चाहते हैं ?

आशुतोष कुमार
एएनआई को दिए अपने इंटरव्यू में प्रधानमंत्री ने राममंदिर पर जो कुछ कहा है, वह न्यायिक प्रक्रिया में सत्ता की ताक़त के बल पर किया...
साहित्य-संस्कृति

विभाजन को समझे बिना हल नहीं होगा सौहार्द का प्रश्न

आशुतोष कुमार
सामाजिक सौहार्द का मतलब केवल शांतिपूर्ण सहअस्तित्व नहीं होता. शांति तो ताकत और दमन से भी कायम की जा सकती है. शांति तो युद्धविराम की...
सिनेमा

संजू: इसे बायोपिक की तरह न देख कर देखिए

आशुतोष कुमार
फ़िल्म संजय दत्त की ज़िंदगी की तमाम सचाइयों को दिखाती हो या नहीं, जिस कहानी को वह सचमुच दिखाती है, वह भरोसेमंद, मार्मिक और इतिहास-संगत...
ज़ेर-ए-बहस

उन्नीस की बलिवेदी पर कश्मीर

आशुतोष कुमार
कश्मीर को एक बार फिर चुनावी राजनीति की बलिवेदी पर चढ़ा दिया गया है. कश्मीर की निरन्तर जारी त्रासदी का सबसे बड़ा कारण यही है...
जनमतसिनेमा

काला : फ़ासीवाद की पहचान कराती फ़िल्म

आशुतोष कुमार
सुपरस्टार रजनीकांत की जानी पहचानी शैली की फ़िल्म होते हुए भी महज एक कल्ट फ़िल्म नहीं है. यह देश के वर्तमान राजनीतिक माहौल का नाटकीय...
कवितासाहित्य-संस्कृति

मरे हुए तालाब में लाशें नहीं विचारधाराएं तैर रही हैं

आशुतोष कुमार
“जंगल केवल जंगल नहीं है नहीं है वह केवल दृश्य वह तो एक दर्शन है पक्षधर है वह सहजीविता का दुनिया भर की सत्ताओं का...
जनमतसिनेमा

राज़ी : नागरिकता और मनुष्यता का अन्तर्द्वन्द्

आशुतोष कुमार
नेशन फर्स्ट भूमण्डलित दुनिया का नया फैशन है। अमरीका से लेकर रूस तक इसी नारे पर चुनाव जीते जा रहे हैं। भारत में भी इन...
शख्सियतस्मृति

‘ राष्ट्रीय खलनायक ’ राजिंदर सच्चर

आशुतोष कुमार
  राजघाट पर वह सन दो हज़ार बारह के मार्च की एक सुबह थी. सोरी सोनी के पुलिसिया उत्पीड़न का विरोध करने के लिए वहाँ...
साहित्य-संस्कृति

मानसा में सखी सुल्तान

आशुतोष कुमार
  इस 23 मार्च को पंजाब के मानसा कस्बे में भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव की तीन ख़ूबसूरत मूर्तियों का अनावरण किया गया. अनावरण  भाकपा...
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