Tuesday, October 3, 2023

ख़बर

बेटियों को बचाने का नारा देने वाली सरकार बलात्कारियों को बचा रही है : मीना तिवारी

वाराणसी। अखिल भारतीय प्रगतिशील महिला एसोसिएशन (ऐपवा) का 9वां राज्य सम्मेलन रानी लक्ष्मीबाई एवम सुशीला सामद हॉल सुंदरपुर, ककर्मत्ता, वाराणसी में सावित्रीबाई फुले और फातिमा शेख मंच पर आयोजित हुआ। सम्मेलन में लखनऊ, गोरखपुर, सीतापुर,लखीमपुर, कानपुर, इलाहाबाद ,बलिया, मऊ ,देवरिया,...

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साहित्य-संस्कृति

नीरज नीर की कविताएँ विडबंनात्मक बोध को उजागर करती हैं

शिरोमणि राम महतो कुछ लोग कविता बनाते हैं और कुछ लोग कविता रचते हैं। जो कविता बनाते हैं, उनकी कविताओं में बनावटीपन ज्यादा होता है...

संध्या यादव की कविताएँ समकालीन समाज की अनेक विसंगतियों से एक स्त्री की बहसें हैं

अमरजीत कौंके फेसबुक पर जिन कवियों की कविता मुझे बहुत पसंद है और मैं जिन्हें ढूंढ कर पढ़ता हूँ, संध्या यादव उन चंद कवियों में...

शेखर जोशी स्मृति आयोजन से शहर ने किया अपने प्रिय साहित्यकार को याद

हिंदी साहित्य के सशक्त रचनाकार और इलाहाबाद शहर के गौरव शेखर जोशी के जन्मदिन के अवसर पर बीते 9-10 सितम्बर को  द्वि- दिवसीय शेखर...

जावेद आलम की कविताएँ मानवता के पक्ष में निर्भीकता से खड़ी हैं

अशोक कुमार “स्याह वक्त कि इबारतें” युवा कवि जावेद आलम खान का पहला संग्रह है, जिसे दीपक अरोड़ा स्मृति सम्मान के तहत बोधि प्रकाशन ने...

गुरशरण सिंह होने का मतलब ‘ हिन्दुस्तान को इंकलाब की शक्ल में देखना ’

16 सितम्बर प्रसिद्ध नाटककार और क्रांतिकारी रंगमंच के प्रणेता गुरशरण सिंह का जन्मदिन है। इस मौके पर पंजाब की जनवादी संस्थाएं उन्हें याद करेंगी।...

बेटियों को बचाने का नारा देने वाली सरकार बलात्कारियों को बचा रही है : मीना तिवारी

वाराणसी। अखिल भारतीय प्रगतिशील महिला एसोसिएशन (ऐपवा) का 9वां राज्य सम्मेलन रानी लक्ष्मीबाई एवम सुशीला सामद हॉल सुंदरपुर, ककर्मत्ता, वाराणसी में सावित्रीबाई फुले और...

योगेंद्र गौतम की कविताएँ अंधेरे के अज्ञात बिन्दु से प्रकाश की खोज में निकली यात्री हैं

प्रिया वर्मा यह कवि रात्रि के किसी अज्ञात बिंदु पर खड़ा हुआ है और अंधेरे के उस अज्ञात बिंदु में प्रकाश को खोजते हुए कविता...

निराला का वैचारिक लेखन: राष्ट्र निर्माण और स्त्री प्रश्न

निराला के वैचारिक लेखन की मूल अंतर्वस्तु भी उनके बाकी के साहित्य के क्रम में है। स्वाधीनता, हिंदी जाति का उत्थान और राष्ट्र निर्माण...

हम लड़ेंगे कि लड़ने के बगैर कुछ भी नहीं मिलता

सुशील सुमन पाश से हमारा पहला परिचय 'हम लड़ेंगे साथी' कविता से हुआ। एक कविता-पोस्टर पर पहली बार इस कविता की कुछ काव्य-पंक्तियाँ पढ़ने को...

“ हम झूठमूठ का कुछ भी नहीं चाहते और हम सब कुछ सचमुच का देखना चाहते हैं ”

पाश का जन्म 9 सितंबर 1950 को पंजाब के जालंधर जिले के गाँव तलवंडी सलेम में हुआ था। उनका पारिवारिक नाम अवतार सिंह था।...

गुंजन उपाध्याय पाठक की कविताएँ प्रेम के अभाव से पैदा अवसाद से मुक्ति के लिए प्रेम की जद्दोजहद हैं

सुधीर सुमन  महादेवी वर्मा ने ‘शृंखला की कड़ियाँ’ में लिखा है- ‘‘स्त्री के व्यक्तित्व में कोमलता और सहानुभूति के साथ साहस और विवेक का ऐसा सामंजस्य होना आवश्यक...

अधिग्रहण और प्रतिरोध की दास्तान

2023 में मंथली रिव्यू प्रेस से इयान आंगुस की किताब ‘द वार अगेंस्ट द कामन्स: डिसपजेशन ऐंड रेजिस्टेन्स इन द मेकिंग आफ़ कैपिटलिज्म’ का...

भोजली : मित्रता और प्रकृति के प्रति समर्पण की मिसाल

पीयूष कुमार लोकसंस्कृति के मूल में प्रकृति के प्रति कृतज्ञता और उसके मानवीय एकीकरण की भावना की जलधारसंचरित रहती है। छत्तीसगढ़ में इसी तरह का...

104 की अमृता: आशिक और अदीब मरते कहाँ हैं

पीयूष कुमार 2023 में अमृता एक सौ चार की हुईं। इस फानी दुनिया को तो उनके जिस्म ने 2005 में विदा कहा था पर आशिक...

दिल्ली में मजदूर-किसान एकता सम्मेलन 

जयप्रकाश नारायण  24 अगस्त को राजधानी दिल्ली के तालकटोरा इंडोर स्टेडियम  में आयोजित किसानों, मजदूरों का संयुक्त एकता सम्मेलन भारतीय लोकतंत्र की यात्रा के फासीवादी...
जी.एन. देवी एक अनीश्वरवादी के लिए जो विचार ईश्वर का है, वही भारत के लिए यूनिफ़ार्म सिविल कोड के प्रस्ताव का है। स्वयं में यह...
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सीधी-पेशाब कांड के पीड़ित दशमत रावत का पैर धोकर सम्मान किया और मीडिया-सोशल मीडिया पर इस...
जयप्रकाश नारायण  भारत में आरएसएस-भाजपा की  डबल इंजन सरकारों ने मुल्क को ऐसी जगह पहुंचा दिया है, जहां सभी लोकतांत्रिक, प्रगतिशील, धर्मनिरपेक्ष ताकतों की एकता...
( यह लेख ‘‘द इंडियन  एक्सप्रेस’’ से लिया गया है जिसे मूल तमिल से अंग्रेजी में वी0 गीता ने अनूदित किया है। समकालीन जनमत...
यह एक सर्वमान्य विचार है, कि भारत में साम्प्रदायिकता ब्रिटिश उपनिवेशवाद की विभेदकारी नीतियों का परिणाम है। औपनिवेशिक काल में भारतीय जनता की एकता को...
अजाज़ अशरफ (वरिष्ठ पत्रकार अजाज़ अशरफ का यह लेख मिड डे में प्रकाशित हुआ है। समकालीन जनमत के पाठकों के लिए इसका हिंदी अनुवाद इन्द्रेश...