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December 8, 2023
समकालीन जनमत

Category : साहित्य-संस्कृति

कहानी

व्यक्ति और समाज की मानसिक बुनावट को सामने लाती है फरजाना महदी की कहानी ‘ उल्टा जमाना ’

समकालीन जनमत
लखनऊ। जन संस्कृति मंच (जसम) की ओर से 19 नवंबर को आयोजित कहानी पाठ कार्यक्रम में युवा कथाकार फ़रज़ाना महदी ने ‘हंस’ के नवम्बर अंक...
कहानीपुस्तक

हाशिये के यथार्थ को व्यक्त करती कहानियाँ

समकालीन जनमत
रामनरेश राम  लालबहादुर जी से मेरा परिचय तब हुआ जब 2019 में विश्वविद्यालय में हिंदी विभाग में शिक्षक के रूप में नियुक्त हुआ . शुरू...
कहानी

डॉ इशरत नाहीद की कहानियां वर्तमान समाज का आईना – डॉ. वज़ाहत हुसैन रिज़वी

समकालीन जनमत
लखनऊ। जन संस्कृति मंच की ओर से एकेडमी ऑफ़ मास कम्युनिकेशन कैसर बाग, लखनऊ में महफ़िल ए अफसाना का आयोजन किया गया जिसमें कहानीकार डॉ....
कहानी

सदय के कहानी-संग्रह ‘ मनसा ‘ प कुछ बात 

बलभद्र
किताब चाहे कवनो भाषा के होखे, पढ़े के जरूरत हमेशा बनल रहेला। जब जब पढ़ल जाई, कुछ ना कुछ बात जरूर कहे जोग निकल आई।...
कविता

कविता संग्रह ‘पोतराज’ : समकाल के क्रूर यथार्थ को रचने वाली कविताएं

समकालीन जनमत
लखनऊ। जन संस्कृति मंच की ओर से 28 अक्टूबर को यूपी प्रेस क्लब में कवि वल्लभ के तीसरे कविता संग्रह ‘पोतराज’ पर परिचर्चा का आयोजन...
कविता

पायल भारद्वाज की कविताएँ स्त्री-विमर्श के अनेक पक्षों को बेबाकी के साथ उजागर करती हैं

समकालीन जनमत
निरंजन श्रोत्रिय पायल भारद्वाज की कविताएँ स्त्री-विमर्श, इन्सानी रिश्तों और समाज के दोहरे मानदंडों पर मुखर और जागरूक अभिव्यक्ति हैं। वे अपने कहन में जहाँ...
कविता

मौमिता की झकझोरती कविताएँ : सीधी, गहरी और सवाल करती हैं

समकालीन जनमत
अमिता शीरीं ‘इस वक्त जब दुनिया लहूलुहान है ऐसे में चाँद की खूबसूरती पर कवितायें लिखना गुनाह है….’ मौमिता आलम पूरी ज़िम्मेदारी से कविताएँ लिखती...
साहित्य-संस्कृति

सत्ता और व्यवस्था के सामने आईना की तरह होता है लेखक : सुरेश काँटक

समकालीन जनमत
‘सहयोग’ पत्रिका ने कथाकार-नाटककार सुरेश काँटक को सम्मानित किया काँट/ ब्रह्मपुर। ‘सहयोग’ पत्रिका ने 19 अक्टूबर को सुप्रसिद्ध साहित्यकार सुरेश काँटक को उनके गाँव ‘काँट’...
कविता

नेहल शाह की कविताएँ मन के विभिन्न संस्तरों के ट्रांस्फॉर्मेशन की पड़ताल हैं

समकालीन जनमत
निरंजन श्रोत्रिय नेहल शाह की इन कविताओं का मूल स्वभाव विद्रोही है जो अंततः दरअसल कवि का ही है। वे किसी भी तरतीब के ख़िलाफ़...
कविता

‘ क्षितिज से उगेगा चंद्रमा ’ : परिवर्तन के पक्ष में मनुष्यता का गान

कौशल किशोर
जितेन्द्र कुमार कविता की दुनिया के सजग और सचेत नागरिक हैं। इनकी पहली कविता पुस्तक ‘रात भर रोई होगी धरती’ करीब 25 साल पहले आई...
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