समकालीन जनमत

Category : साहित्य-संस्कृति

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निराला का वैचारिक लेखन: राष्ट्र निर्माण का सवाल और नेहरू

दुर्गा सिंह
निराला कवि और लेखक होने के साथ चिंतक भी हैं। निराला का वैचारिक लेखन भी उसी मात्रा में है, जितना कविता और गद्य लेखन। निराला...
कविता

शोभा अक्षर की कविताएँ मानवता के पक्ष में मज़बूती से खड़ी होती हैं

समकालीन जनमत
प्रज्ञा गुप्ता वस्तुतः सौंदर्य एवं प्रेम की रक्षा के लिए हम संघर्ष के रास्ते पर आगे बढ़ते हैं। जिस कवि में सौंदर्य की भावना जितनी...
कविता

जसम का लेखक के घर चलो अभियान

समकालीन जनमत
शनिवार, 13 अप्रैल 2024 कवि- हरीशचन्द्र पांडे अपने शहर इलाहाबाद में रचनारत लेखकों की रचनाओं के साथ उनके जीवन, उनके घर-परिवार को जानना, उनकी रचना...
सिनेमा

आत्मपॅम्फ्लेट – भारत की अपनी फॉरेस्ट गंप जो मराठी में बनी है

समकालीन जनमत
जावेद अनीस साल 2022 रिलीज हुयी आमिर खान की फिल्म लाल सिंह चड्ढा हॉलीवुड की कल्ट कलासिक फिल्म फॉरेस्ट गंप (1994) की आधिकारिक रिमेक थी,...
कविता

प्रज्ञा गुप्ता की कविताएँ जीवन के हर्ष और विलाप को समझने का उद्यम हैं

समकालीन जनमत
विपिन चौधरी प्रज्ञा गुप्ता की कविताओं के उर्वर-प्रदेश में स्मृतियाँ, सपने, प्रेम, रिश्ते-नाते, स्त्रियों के दैनिक संघर्ष जैसे कई पक्ष आवाजाही करते हैं. उनकी कविताओं...
साहित्य-संस्कृति

भारतीय व्यवस्था धर्मतंत्र, राजतंत्र और अधिनायकतंत्र का गठजोड़ – कंवल भारती

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लखनऊ। जन संस्कृति मंच की लखनऊ इकाई के तत्वावधान में महान समाज सुधारक, संविधान निर्माता, क़ानूनविद, अर्थशास्त्री, चिंतक, राजनीतिज्ञ, अकादमीशियन डॉक्टर भीम राव अम्बेडकर की...
कविता

विजया सिंह की कविताएँ मानवता के पक्ष में युद्धरत हैं

समकालीन जनमत
निरंजन श्रोत्रिय मुझे संवेदनों की महीनता और दृष्टि की व्यापकता में व्युत्क्रमानुपाती संबंध लगता है। संवेदन जितने महीन होंगे दृष्टि या विज़न उतनी ही व्यापक...
साहित्य-संस्कृति

किताब ‘ रामेश्वर प्रशांत सुर्ख़ सवेरे की लालिमा का कवि ‘ का लोकार्पण हुआ

समकालीन जनमत
बरौनी/ गढ़हरा, 3 अप्रैल। जनवादी लेखक संघ, जिला इकाई, बेगूसराय द्वारा संगठन के राज्य सचिव कुमार विनीताभ और लब्धप्रतिष्ठ साहित्यकार कौशल किशोर के सम्पादन में...
सिनेमा

बहुसंख्यकवादी नैरेटिव को टेका लगाती फिल्में

राम पुनियानी
फिल्म जनसंचार का एक शक्तिशाली माध्यम है जो सामाजिक समझ को कई तरह से प्रभावित करता है. कई दशकों पहले भारत में ऐसी फिल्में बनी...
साहित्य-संस्कृति

मुक्तिबोध पुनर्निर्माण नहीं, बल्कि नया निर्माण चाहते हैं : देवी प्रसाद मिश्र

समकालीन जनमत
पटना। आईएमए हॉल, पटना में 31 मार्च को जन संस्कृति मंच और समन्वय की ओर से ‘स्वदेश की खोज और मुक्तिबोध’ विषय पर परिचर्चा और...
साहित्य-संस्कृति

‘ सृजन के सहयात्री ‘ कार्यक्रम में विमल किशोर और कौशल किशोर ने कविता पाठ किया

समकालीन जनमत
आरा (भोजपुर, बिहार)। आरा के बाल हिन्दी पुस्तकालय सभागार में जन संस्कृति मंच, आरा की ओर से ‘सृजन के सहयात्री’ के तहत लखनऊ से आए...
कविता

सत्येंद्र कुमार रघुवंशी की कविताएँ सामाजिक संरचना की परख हैं

समकालीन जनमत
ख़ुदेजा ख़ान कवि सत्येंद्र कुमार रघुवंशी को पढ़ते हुए कहा जा सकता है कि कोई भी कविता या रचना का पाठ संवेदना के स्तर पर...
कविता

मनोज चौहान की कविताएँ समाज के संवेदनशील विषयों की पड़ताल करती हैं।

गणेश गनी कवियों की भीड़ में मनोज चौहान निरन्तर क्रियाशील हैं और सजग भी। बाजारवाद के इस युग में कविता का भी बाजारीकरण हुआ है।...
साहित्य-संस्कृति

जसम की घरेलू गोष्ठी का आयोजन, ग़जा में युद्ध विराम के लिए अभियान का संकल्प

समकालीन जनमत
जन संस्कृति मंच की ओर से 17 मार्च, 2024 को तूलिका व मृत्युंजय के घर पर एक घरेलू गोष्ठी हुई। इस गोष्ठी में फैसला किया...
कहानीसाहित्य-संस्कृति

परिवर्तन के कहानीकार हैं मार्कण्डेय

दुर्गा सिंह
आज़मगढ़ विगत 18 मार्च 2024 को आज़मगढ़ के शिब्ली मंजिल सभागार में मार्कंडेय स्मृति  संवाद का आयोजन किया गया।  इस संवाद गोष्ठी का विषय ‘मार्कंडेय...
साहित्य-संस्कृति

कौशल किशोर की किताब भगत सिंह और पाश: अंधियारे का उजाला का हुआ विमोचन

समकालीन जनमत
भगत सिंह व पाश की वैचारिक रोशनी में हमें आगे बढ़ाना है – वन्दना मिश्र लखनऊ। जन संस्कृति मंच और भारतीय जन नाट्य संघ (इप्टा)...
कविता

स्मिता वाजपेयी की कविताएँ स्त्री की स्वतंत्र इयत्ता की आकांक्षा हैं

समकालीन जनमत
रमेश ऋतंभर यह ध्यातव्य हो कि अपने विशिष्ट संघर्ष व अनुभव और उसकी अभिव्यक्ति को लेकर कवयित्रियों ने गंभीरता से समकालीन हिन्दी कविता में अपना...
कविता

अजीत कुमार की कविताएँ जनवाद की स्प्ष्ट अनुगूंज हैं

कमलानंद झा तुम भले ऊँची करो दीवार जितनी हम परिंदे हैं, उसे भी लाँघ जाएँगे। अजीत कुमार वर्मा उन कवियों में हैं जो सिर्फ कविता...
साहित्य-संस्कृति

हिंदी के लोकप्रिय साहित्य का इतिहास

राम नरेश राम
लोकप्रियता को केवल आधार बनाया जाय और विधा में कथा साहित्य के अलावा काव्य को भी शामिल किया जाय तो हिंदी के लोकप्रिय साहित्य का...
साहित्य-संस्कृति

मासिक गोष्ठी में जसम ने उर्दू कथाकार रामलाल को याद किया, असग़र मेहदी और विमल किशोर का कहानी पाठ

लखनऊ। जन संस्कृति मंच, लखनऊ के कार्यक्रम ‘ लेखक के घर चलो’ के तहत रविवार को कवयित्री विमल किशोर और कौशल किशोर के निवास राजाजीपुरम...
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