समकालीन जनमत

Month : June 2020

स्मृति

याद -ए -सादेकैन

अशोक भौमिक
सादेकैन के चित्रों में हम बार-बार मेहनतकश मज़दूरों को केंद्र में देख पाते हैं जहाँ उनके साथ मेहनत करती हुई महिलाएं भी अनिवार्य रूप से...
कहानी

लियो टॉलस्टॉय की कहानी: अलीयोश कुल्हड़

समकालीन जनमत
( उन्नीसवीं शताब्दी के महान रूसी उपन्यासकार व कहानी लेखक लियो टॉलस्टॉय द्वारा रचित यह कहानी जीवन के विविध आयाम को छूती है। अत्यंत सरल,...
देसवा

‘ हमरो बाबू असो चल गईल ’

( पत्रकार मनोज कुमार के साप्ताहिक कॉलम ‘देसवा ‘ की  दूसरी क़िस्त  ) ‘असो हमहूं चल जाइब’ जब मैं संतकबीर नगर जिले के मेंहदावल ब्लाक...
कविता

रूपम की कविताएँ पितृसत्ता की चालाकियों की बारीक़ शिनाख़्त हैं

समकालीन जनमत
दुर्गा सिंह हिंदी समाज एक ऐसी कालावधि से गुजर रहा है, जिसमें एक तरफ निरंतरता की ताकतें, सामाजिक वर्ग- समूह आजादी के बाद के सबसे...
ख़बर

डीजल-पेट्रोल के बेलगाम होते दाम के खिलाफ किया धरना-प्रदर्शन

समकालीन जनमत
आज़मगढ़. डीजल-पेट्रोल के दामों में लगातार हो रही वृद्धि एवं बेलगाम मंहगाई के मुद्दे पर संगठन के देशव्यापी आह्वान पर माले से संबद्ध अ. भा....
ख़बर

डीजल-पेट्रोल के बढ़े हुए दाम वापस लेने की मांग पर पटना में प्रदर्शन

पटना. अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चा तेल सस्ता होने के वावजूद डीजल-पेट्रोल के दाम में लगातार वृद्धि के खिलाफ आज पटना में इनौस, खेग्रामस और किसान...
स्मृति

टूटते हुए लोगों की आवाज थे चितरंजन सिंह

समकालीन जनमत
चितरंजन सिंह हारे-शिकस्त खाए लोगों की आवाज बन बनकर सामने आए. उन्होंने हमेशा अन्याय का प्रतिरोध किया और डटकर किया. वे बार-बार जेल गए....
ये चिराग जल रहे हैं

राजेंद्र माथुर :  हिंदी पत्रकारिता के आकाश में चमचमाता सितारा

नवीन जोशी
( वरिष्ठ पत्रकार एवं लेखक नवीन जोशी के प्रकाशित-अप्रकाशित संस्मरणों की  श्रृंखला ‘ये चिराग जल रहे हैं’ की  दसवीं   क़िस्त  में  प्रस्तुत  है  प्रखर  हिंदी ...
स्मृति

आंदोलन का दूसरा नाम चितरंजन सिंह

राजीव यादव   महाश्वेता देवी के शब्दों में आंदोलन यानि चितरंजन सिंह आज आपातकाल की बरसी पर हम सबको छोड़कर चले गए. मानवाधिकार-लोकतांत्रिक अधिकार आंदोलन...
स्मृति

चितरंजन सिंह का जाना एक जनयोद्धा का जाना है

कौशल किशोर
चितरंजन भाई (चितरंजन सिंह) के नहीं रहने की दुखद सूचना मिली। उनका जाना एक जनयोद्धा का जाना है। वे क्रांतिकारी वाम आंदोलन के साथ नागरिक...
ख़बर

‘ चितरंजन सिंह का निधन लोकतांत्रिक आंदोलनों के लिए अपूरणीय क्षति ’

लखनऊ.  भाकपा (माले) की राज्य इकाई ने जाने-माने नागरिक अधिकार कार्यकर्ता चितरंजन सिंह के निधन पर गहरा शोक प्रकट किया है। लंबी बीमारी के बाद...
चित्रकला

जीवन का संकट और सुधीर सिंह की रचनाशीलता

कोविड – 19 महामारी के प्रसार ने , मानव व प्रकृति के संम्बंध को लेकर नये सिरे से चिंतित किया है. आदमी ने क्षुद्र स्वार्थ...
शिक्षा

ऑनलाइन शिक्षा समय की ज़रूरत है पर स्थायी समाधान नहीं

समकालीन जनमत
बृजराज सिंह महामारी और लॉकडाउन के बाद पूरे देश की शैक्षिक गतिविधियाँ पूर्णतः स्थगित हैं। ऐसे में तमाम शिक्षाविद एवं शिक्षा संस्थाएँ आगामी सत्र की...
ज़ेर-ए-बहस

कोरोना काल में महिलाओं की दुनिया : घर और बाहर

समकालीन जनमत
डॉ.दीना नाथ मौर्य गायत्री अपने पति और बच्चों के साथ मुम्बई के धारावी इलाके में पिछले 20 सालों से रहती हैं। मूल रूप से उत्तर-प्रदेश...
पुस्तक

समय, समाज, संवेदना को व्यक्त करती है ‘मेक्सिको: एक घर परदेश में’

समकालीन जनमत
ममता सिंह सवाल है कि आख़िर हम यात्रा वृत्तांत क्यों पढ़ते हैं, किसी जगह, देश की भौगोलिक, ऐतिहासिक, प्राकृतिक जगहों के बारे में तो इंटरनेट...
सिनेमा

विभाजन की पीड़ा, त्रासदी और साम्प्रदायिक उभार का महाख्यान है गरम हवा

मुकेश आनंद
(महत्वपूर्ण राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय फिल्मों पर  टिप्पणी के क्रम में आज प्रस्तुत है मशहूर निर्देशक एम.एस. सथ्यू की गरम हवा । समकालीन जनमत केेे लिए मुकेश आनंद...
कहानीज़ेर-ए-बहस

‘नमक का दरोगा’ में नमक का किरदार

Chandan Pandey
‘नमक का दरोगा’ कहानी को कैसे पढ़ा जाये, यह प्रश्न यदा-कदा कौंध जाता है. पिछले दिनों कथाकार उमाशंकर चौधरी ने इस कहानी के अंत पर...
शख्सियत

लोकतंत्र अभी भी सपनों में पलता एक इरादा है

कुमार मुकुल
(महेश्वर हिंदी की क्रांतिकारी जनवादी धारा के महत्वपूर्ण एक्टिविस्ट, पत्रकार, संपादक, लेखक, कवि और विचारक थे। वे समकालीन जनमत के प्रधान संपादक थे। महेश्वर जी...
ज़ेर-ए-बहस

हिंदी कविता में हिंदुत्व का प्रिस्क्रिप्शन

राजन विरूप
“दुर्भाग्यवश, हिंदी-साहित्य के अध्ययन और लोक-चक्षु-गोचर करने का भार जिन विद्वानों ने अपने ऊपर लिया है, वे भी हिंदी साहित्य का संबंध हिंदू जाति के...
स्मृति

आपातकाल में जब गिरफ़्तार हुए पिता

समकालीन जनमत
अनिल शुक्ल    27 जून 1975,पूर्वाह्न। 11-साढ़े 11 बज रहे थे जब पुलिस हमारे घर आ धमकी। लोहामंडी सीओ पुलिस (लोहामंडी), एसएचओ और कोई 2...
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