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December 8, 2023
समकालीन जनमत

Author : राकेश कुमार दिवाकर

17 Posts - 0 Comments
चित्रकला

सत्ता प्रायोजित सौंदर्य प्रतिमान के विरुद्ध नया सौंदर्य प्रतिमान गढ़ती अजय शर्मा की कला

अजय शर्मा की कलाकृतियों पर गौर करते हुए यह कहा जा सकता है कि वे भी अपनी कलात्‍मक जिजीविषा को विस्तार देने के लिए लंबे...
चित्रकला

वक्त की जटिलता को जीवंतता के साथ अभिव्यक्त करने वाले चित्रकार हैं प्रमोद प्रकाश

कुछ ही ऐसे कलाकार होते हैं जो बगैर किसी आर्थिक या महत्वकांक्षी समर्थन के लंबे समय तक निरंतर सक्रिय रह पाते हैं | ऐसा तब...
चित्रकला

कोयले की कालिमा और प्रभाकर पाचपुते की कला

राकेश कुमार दिवाकर
प्रभाकर पांडुरंग पाचपुते एक ऐसे प्रतिभाशाली युवा कलाकार हैं जिसमें समकालीन कला को समृद्ध करने की प्रतिभा भी है और सार्थक दिशा देने की दृष्टि...
चित्रकला

यूसुफ : वैयक्तिक स्वतंत्रता के स्वप्नदर्शी कलाकार

राकेश कुमार दिवाकर
समकालीन कला के परिप्रेक्ष्य में यूसुफ की रचनाएं एक जरुरी तत्व की तरह हैं। उनकी रचनात्मक उपस्थिति समकालीन कला जगत में मौजूद उद्दाम स्वतंत्रता की...
चित्रकला

संघर्ष का सौन्दर्य और अनुपम रॉय की कलाकृतियां

अनुपम की कला रचना को देखना अपने समय के एक जरुरी रचनात्मक आयाम को देखना है जिसके अंदर हमारे समय का जज्बात निहित है |...
चित्रकला

समकालीन कला का विस्तार और उमेश सिंह की कलाकृतियां

नई पीढ़ी के कलाकारों में उमेश सिंह एक महत्वपूर्ण प्रयोगधर्मी रचनाकार के रुप में उभर कर सामने आए हैं | नई पीढ़ी के कलाकारों की...
चित्रकलासाहित्य-संस्कृति

कला के बदलते स्वरूप में अरबिन्द कुमार सिंह की रचनाशीलता

कलाकार बनना बहुत आसान है मगर पुरस्कार, प्रसिद्धि , पैसा कमाना बहुत मुश्किल और उससे भी अधिक मुश्किल है किसी सार्थक कलाकृति की रचना करना।...
चित्रकला

डा राखी कुमारी का रचना कर्म : कोमल भावनाओं को स्पर्श करती कलाकृतियां

वर्तमान भारतीय संस्कृति जितनी नागर है उतनी ही लोक भी है . समकालीन कला की स्थिति भी इससे भिन्न नहीं है. यहां के अनेक कलाकारों...
चित्रकला

संजीव सिन्हा के चित्रों में लोक का जीवन संघर्ष और कला

कलाकार अपने समकाल से जुडा़ हुआ एक संवेदनशील , स्वप्नदर्शी , कल्पनाशील महत्वकांक्षी प्राणी होता है | वह अपने आस पास की चीजों , घटनाओं...
चित्रकला

जीवन का संकट और सुधीर सिंह की रचनाशीलता

कोविड – 19 महामारी के प्रसार ने , मानव व प्रकृति के संम्बंध को लेकर नये सिरे से चिंतित किया है. आदमी ने क्षुद्र स्वार्थ...
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