समकालीन जनमत

Category : ज़ेर-ए-बहस

ज़ेर-ए-बहस

क्या धर्मनिरपेक्षता भारत की परंपराओं के लिए खतरा है ?

राम पुनियानी
भारत को एक लंबे संघर्ष के बाद 15 अगस्त 1947 को ब्रिटिश राज से मुक्ति मिली. यह संघर्ष समावेशी और बहुवादी था. जिस संविधान को...
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देश में असहमति के प्रति बढ़ती असहनशीलता लोकतंत्र के लिए गंभीर खतरा

एल एस हरदेनिया
न सिर्फ देश का सर्वोच्च न्यायालय, अनेक उच्च न्यायालय, अनेक समाचार पत्र, संविधान एवं न्यायिक क्षेत्र के  अनेक विशेषज्ञ, और यहां तक कि दुनिया के विभिन्न देशों की मानवाधिकार...
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किसान आंदोलन और लोकतंत्र

गोपाल प्रधान
सिद्ध है कि किसान आंदोलन का सवाल अब केवल खेती के लाभकर होने से ही जुड़ा नहीं रह गया है। इसकी सफलता पर लोकतंत्र और...
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आपके पाँव देखे..बहुत हसीन हैं, इन्हें ज़मीन पर मत उतारिएगा…क्यों?

समकालीन जनमत
रूपाली सिन्हा उनके पाँव….. आपके पाँव देखे..बहुत हसीन हैं….इन्हें ज़मीन पर मत उतारिएगा…मैले हो जाएँगे…नायिका कागज़ के पुर्ज़े की लिखाई को बार-बार पढ़ती, सुर्ख़ होकर...
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भारत के नागरिकों को आन्‍दोलनजीवी होने पर गर्व है

दीपंकर भट्टाचार्य
मोदी राज के छ: साल नागरिक स्‍वतंत्रता, भारत के संविधान और लोकतंत्र पर अनवरत हमले के साल रहे हैं. प्रधानमंत्री मोदी ने 8 फरवरी को...
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किसानों का साथ देने सड़कों पर उतरे लेखक और बुद्धिजीवी

सुशील मानव
आज किसान आंदोलन को दो महीने (60 दिन) पूरे हो गये। इत्तेफाक से आज स्वतंत्रता संग्राम में ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ़ सशस्त्र जंग छेड़ने वाले...
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सांप्रदायिक राजनीतिक अभियान का हिस्सा है बाबा खान की याद में बने अस्पताल का नाम बदलना

राम पुनियानी हाल में हरियाणा के मुख्यमंत्री एम.एल. खट्टर की ओर से जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया कि हरियाणा सरकार ने फरीदाबाद के खान...
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लव जिहाद ,धर्म परिवर्तन और धार्मिक स्वातंत्र्य पर हमला

समकालीन जनमत
  राम पुनियानी पिछले दिनों  (27 नवंबर 2020) उत्तर प्रदेश सरकार ने “उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश 2020” लागू किया. उसके बाद मध्यप्रदेश...
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कृषि क्षेत्र के लिये कोई तुरंता इलाज़ बेमानी है

( मानव विकास संस्थान के दिल्ली चेयर के प्रोफेसर सारथी आचार्य और ‘ रिवाइविंग जाॅब्स : ऐन एजेन्डा फाॅर ग्रोथ’ के सम्पादक हैं, सन्तोष मेहरोत्रा...
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हर गाँव में हो सावित्रीबाई फुले पुस्तकालय

समकालीन जनमत
(अग्रेसर में  में स्थापित सावित्रीबाई फुले पुस्तकालय के तीन बरस पूरे होने के अवसर पर युवा सृजन संवाद के फेसबुक पेज पर ममता सिंह से...
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फ़िरक़ा और जातिप्रथा आधुनिक मुस्लिम समाज के निर्माण में एक बड़ी अड़चन हैं

समकालीन जनमत
मुहम्मद उमर  ( इलाहाबाद विश्वविद्यालय के छात्र मुहम्मद उमर  का कालम  ‘ मियों का मोहल्ला’ ‘ की दूसरी किस्त ) कमरुद्दीन भाई और जमाल भाई...
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प्रकृति के प्रांगण में मानव की विनाश लीला!

जनार्दन
हर शहर कोहरे के साये में लिपटा हुआ है। हर तरफ़ सांसें उखड़ रहीं हैं और हर जिंदगी परेशान सी है; यह सब क्यों हो...
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महामारियां अवसाद बुनती हैं!

जनार्दन
महामारियां और आपदाएं जीवन-जगत को आकार प्रदान करती हैं; उनकी मानसिकता के ढांचे को तोड़कर नए ढांचे का निर्माण करती हैं –आपदाएं नवीन और परिवर्तनकामी...
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उत्तर प्रदेश में गरीब दलित महिला होना अपराध हो गया है

2012 में निर्भया आंदोलन के बाद 2020 में हाथरस में हुई दलित बेटी की बलात्कार हत्या के खिलाफ फिर उसी तरह पूरा देश उठ खड़ा...
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गांव-शहर को रहने लायक बनाने वाले सफाई देवताओं पर कुछ विचार

जनार्दन
ऐ, दिल मुझे ऐसी जगह ले चल, जहाँ कोई ना हो ऐ, दिल मुझे ऐसी जगह ले चल, जहाँ कोई ना हो चलना है सब...
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मीडिया और बाज़ार

समकालीन जनमत
कोरस के फेसबुक लाइव की शृंखला में बीते रविवार 4 अक्टूबर को स्वतंत्र पत्रकार नेहा दीक्षित से ‘मीडिया और बाज़ार ‘ जैसे महत्वपूर्ण विषय पर...
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एक बड़े राजनीतिक बदलाव के मुहाने पर खड़ा भारत

हमारा देश भारत आज एक बड़े राजनीतिक बदलाव के मुहाने पर खड़ा है. आजादी के बाद देश में कई बड़े जन आन्दोलन हुए, जिन्होंने भारतीय...
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विकास, विस्थापन और आदिवासी समुदाय की चुनौतियाँ

रविवार 27  सितंबर को कोरस के लाइव कार्यक्रमों की शृंखला में ‘विकास, विस्थापन और आदिवासी समुदाय की चुनौतियाँ’ विषय पर सामाजिक कार्यकर्ता दयामनी बारला से...
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ऑर्डनेंस फैक्ट्रियों के निगमीकरण और निजीकरण की तरफ बढ़ती मोदी सरकार

इन्द्रेश मैखुरी
बीते 30 सितंबर को लगभग सभी अंग्रेजी पत्र-पत्रिकाओं ने एक खबर प्रकाशित की. उक्त खबर के अनुसार भारतीय सेना ने रक्षा मंत्रालय को सौंपी रिपोर्ट...
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खुले बाजार के बड़े खिलाड़ियों के सामने किसान कैसे टिकेगा ?

इन्द्रेश मैखुरी
बीते सितंबर माह में संसद के मॉनसून सत्र में केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने खेती से जुड़े तीन विधेयक – कृषि उपज व्यापार एवं...
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