समकालीन जनमत

Tag : जनता

शख्सियत

प्रेमचंद और भारतीय किसान: सुधीर सुमन 

प्रेमचंद की कृतियों में भारतीय समाज के विस्तृत चित्र मिलते हैं। उनका साहित्य ऐतिहासिक दस्तावेज की तरह है। शायद ही ऐसा कोई चरित्र या सामाजिक...
कविता

धूमिल की ‘नक्सलबाड़ी’

गोपाल प्रधान
धूमिल की यह कविता उनके पहले काव्य संग्रह ‘संसद से सड़क तक’ में कुल चार पृष्ठों में प्रकाशित है । संग्रह से पहले 1967 में...
ज़ेर-ए-बहस

किसानों का साथ देने सड़कों पर उतरे लेखक और बुद्धिजीवी

सुशील मानव
आज किसान आंदोलन को दो महीने (60 दिन) पूरे हो गये। इत्तेफाक से आज स्वतंत्रता संग्राम में ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ़ सशस्त्र जंग छेड़ने वाले...
ज़ेर-ए-बहसशख्सियत

वंचितों और पराधीन लोगों की ओर से बोलने वाले पहले दार्शनिक थे बुद्ध– प्रो. गोपाल प्रधान

” जिसे बौद्ध दर्शन का दुःखवाद कहा जाता है उसे अगर सामान्य जीवन के अर्थों में परिभाषित करें तो क्या परिभाषा निकलती है कि दुःख...
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