कविता प्रदीपिका की कविताएँ मानवीय आकांक्षाओं की तरफ़ खुली हुई खिड़कियाँ हैंसमकालीन जनमतJanuary 10, 2021January 10, 2021 by समकालीन जनमतJanuary 10, 2021January 10, 202101834 सिद्धार्थ गिगू प्रदीपिका की कविताएँ किसी एक सांचे-ढांचे में नहीं बंधती. दूसरे शब्दों में कहें तो यहां उनकी भावनाओं में पर्याप्त विविधता और उतना ही...
कविता रोज़ी कामेई की कविताएँ सभ्यता को स्त्री की नज़र से देखने का प्रस्ताव हैंसमकालीन जनमतJanuary 3, 2021January 5, 2021 by समकालीन जनमतJanuary 3, 2021January 5, 202102323 बसंत त्रिपाठी रोज़ी की कविताओं का संसार एक स्त्री की असंख्य उलझनों, सपनों और उम्मीदों में डूबते-उतराते निर्मित हुआ है. प्रेम इन कविताओं के केन्द्र...
कविता उज्ज्वल भट्टाचार्य की कविताएँ जनविरोधी व्यवस्था में ख़ुद के होने की शिनाख़्त हैंसमकालीन जनमतDecember 27, 2020December 28, 2020 by समकालीन जनमतDecember 27, 2020December 28, 202002607 संजय कुंदन हिंदी कविता की सुपरिचित मुख्यधारा के भीतर कई नियमित-अनियमित अंतर्धाराएं हैं, जो बिना मुखर हुए हिंदी कविता को विस्तृत कर रही हैं। उज्ज्वल...
कविता लाल्टू की दो कवितायेंसमकालीन जनमतDecember 25, 2020December 25, 2020 by समकालीन जनमतDecember 25, 2020December 25, 202001746 (कवि लाल्टू की कविता में समकालीन विषय प्रमुखता से जगह पाते हैं . पिछले एक महीने से दिल्ली के सीमांत पर चल रहे किसान आन्दोलन...
कविता श्रम संस्कृति में रचा पगा जीवन का काव्यसुशील मानवDecember 24, 2020December 24, 2020 by सुशील मानवDecember 24, 2020December 24, 202002181 श्रम मनुष्य जीवन के उद्विकास की मूलाधार प्रक्रिया है। श्रम प्रक्रिया के तहत ही मनुष्य सामूहिक और समाजिक बना। श्रम की प्रक्रिया के तहत ही...
कविता अंचित की कविताएँ मौजूदा दौर के संकटों की शिनाख़्त करती हैंसमकालीन जनमतDecember 20, 2020December 20, 2020 by समकालीन जनमतDecember 20, 2020December 20, 202001935 रमण कुमार सिंह हाल के समय में हिंदी कविता में जिन कुछ नए युवा कवियों ने अपनी कविता से ध्यान आकृष्ट किया है, उनमें अंचित...
कविता आलोक की कविताएँ यथार्थ के धरातल पर उम्मीद के फूल हैंसमकालीन जनमतDecember 13, 2020December 14, 2020 by समकालीन जनमतDecember 13, 2020December 14, 202002257 अच्युतानंद मिश्र कविता लिखना, दुनिया को देखने जानने और समझने का एक संजीदा और जरूरी काम है। ऐसे में किसी युवा कवि से यह...
कविता रेखा चमोली की कविताएँ हाशिए की आवाज़ हैंसमकालीन जनमतDecember 6, 2020December 7, 2020 by समकालीन जनमतDecember 6, 2020December 7, 202001780 आशीष कुमार कविता अपने बचाव में हथियार उठाने का विचार है साहस की सीढ़ियां है कविता उमंग है उत्साह है खुद में एक बच्चे को...
कविता भारत की कविताएँ कोमलता को कुचल देने वाली तानाशाही कठोरता का प्रतिकार हैंसमकालीन जनमतNovember 29, 2020November 29, 2020 by समकालीन जनमतNovember 29, 2020November 29, 202002109 विपिन चौधरी अपना रचनात्मक स्पेस अर्जित करने के बाद हर युवा रचनाकार पहले अपनी देखी, समझी हुई उस सामाजिक समझ को पुख्ता करता है जिससे...
कविता हर्ष की कविताएँ रचनात्मक आश्वस्ति देती हैंसमकालीन जनमतNovember 22, 2020November 27, 2020 by समकालीन जनमतNovember 22, 2020November 27, 202002268 हर्ष अपनी कविताओं के जरिए एक रचनात्मक आश्वस्ति देते हैं बेहतर भविष्य को बुनने का. उनका दखल केवल विषयों के सटीक चयन तक ही नहीं...
कविता रोमिशा की कविताओं में मैथिल स्त्री का अंतर्जगत बहुत मुखर हैसमकालीन जनमतNovember 15, 2020November 17, 2020 by समकालीन जनमतNovember 15, 2020November 17, 202001894 रमण कुमार सिंह हाल के वर्षों में जिन युवा कवयित्रियों ने मैथिली साहित्य के क्षितिज पर अपनी दमदार उपस्थिति दर्ज की है, उनमें रोमिशा प्रमुख...
कविता दीपक जायसवाल की कविताएँ अतीत और वर्तमान की तुलनात्मक प्रतिरोधी विवेचना हैंसमकालीन जनमतNovember 8, 2020October 30, 2022 by समकालीन जनमतNovember 8, 2020October 30, 202202157 कुमार मुकुल अतीत और वर्तमान के तुलनात्मक प्रतिरोधी विवेचन और वैचारिक जद्दोजहद दीपक जायसवाल की कविताओं में आकार पाते हैं। समय के अभेद्य जिरहबख्तर को भेद...
कविता जोराम यालाम नाबाम की कविताएँ जीवन की आदिम सुंदरता में शामिल होने का आमंत्रण हैंसमकालीन जनमतNovember 1, 2020November 1, 2020 by समकालीन जनमतNovember 1, 2020November 1, 202002892 बसन्त त्रिपाठी जोराम यालाम नाबाम की कविताओं में आतंक, भय, राजनीतिक दाँव-पेंच, खून-खराबे से त्रस्त जीवन को आदिम प्रकृति की ओर आने का आत्मीय आमंत्रण...
कविता उपासना झा की कविताएँ स्त्री वेदना से स्त्री चेतना के सफ़र की अभिव्यक्ति हैंसमकालीन जनमतOctober 25, 2020November 17, 2020 by समकालीन जनमतOctober 25, 2020November 17, 202003184 सोनी पाण्डेय जब भी स्त्री कविता से गुजरती हूँ मन कविता की आत्मा में कान लगा उसकी धड़कने(कहन) सुनने की कोशिश करने लगता है।मुझे याद...
कविता सविता पाठक की कविताएँ पितृसत्तात्मक चलन और पाखंड को उजागर करती हैंसमकालीन जनमतOctober 18, 2020October 18, 2020 by समकालीन जनमतOctober 18, 2020October 18, 202002912 रुपम मिश्र सविता पाठक मूल रूप से कहानीकार हैं । कहानी की गद्यात्मकता उनकी कविताओं में भी बनी रहती है । सविता की कविताएँ एक...
कविता मृदुला की कविताएँ व्यवस्था की चमक के पीछे पसरे हुए अंधकार को उजागर करती हैंसमकालीन जनमतOctober 11, 2020October 11, 2020 by समकालीन जनमतOctober 11, 2020October 11, 202002526 कामिनी त्रिपाठी स्वभाव से सरल-सहज मृदुला सिंह छत्तीसगढ़ के आदिवासी अंचल सरगुजा के एक कॉलेज में पढ़ाती हैं | यूँ तो उनका जन्म और पढ़ाई–लिखाई...
कविता प्रतिभा की कविताएँ स्त्री जीवन के सवालों को मानव सभ्यता के सवालों से जोड़ती हैंसमकालीन जनमतOctober 4, 2020October 4, 2020 by समकालीन जनमतOctober 4, 2020October 4, 202002384 बसन्त त्रिपाठी प्रतिभा कटियार उन कवियों में है जिनके पास अपनी आत्मीय भाषा तो है ही, अपनी भावनाओं से ज़रा दूर जाकर चीज़ों को देखने...
कविता अंतिम आदमी की हालत बयाँ करतीं विधान की कविताएँसमकालीन जनमतSeptember 27, 2020September 27, 2020 by समकालीन जनमतSeptember 27, 2020September 27, 202002573 कुमार मुकुल गुंजन श्रीवास्तव ‘विधान’ की कविताएँ ‘कवियों के कवि’ शमशेर बहादुर सिंह से लेकर सीधा नारा की तर्ज़ पर गांधी के ‘अंतिम आदमी’ की...
कविता मुमताज़ सत्ता की चालाकियों को अपनी शायरी में बड़े सलीके से बेनक़ाब करते हैंसमकालीन जनमतSeptember 20, 2020September 20, 2020 by समकालीन जनमतSeptember 20, 2020September 20, 202002148 संविधान के पन्नों में तंबाकू विल्स की भर-भर के संसद की वो चढ़ें अटरिया, जै जै सीता-जै जै राम ये एक ऐसे शायर का शे’र...
कविता विश्वकर्मा पूजा : रिपोर्ताज़समकालीन जनमतSeptember 17, 2020September 18, 2020 by समकालीन जनमतSeptember 17, 2020September 18, 202001606 ( हिंदी के वरिष्ठ कथाकार शेखर जोशी ने इलाहाबाद के 508 आर्मी बेस वर्कशॉप में नौकरी करते हुए लम्बा समय कारख़ाने में कारीगरों के बीच...