समकालीन जनमत

Tag : समकालीन हिंदी कविता की नई कलम

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देवव्रत डंगवाल की कविताएँ प्रतिरोध और उम्मीद की खोज हैं

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विपिन चौधरी युवावस्था मनुष्य के जीवन की सबसे बेचैन अवस्था है. इसी दौर में भी प्रतिरोध के स्वर अधिक तेज़ होने लगते हैं और नकार...
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दीपेश कुमार की कविताएँ सामाजिक विषमताओं की थाह लेती हैं

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विपिन चौधरी युवा कवि दिपेश कुमार की कलम अभी नई है इन्होंने अपनी इन चारों कविताओं में भारतीय समाज के उस हिस्से को केंद्र बनाया...
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आयुष पाण्डेय की कविताएँ मनुष्यता की बेहद सरल सतह पर जीती हैं

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संध्या नवोदिता ये ताज़गी भरी कविताएँ हैं. प्रेम में गले गले तक डूबी. विछोह में साँस रोकती. हज़ार तरह के सवाल पूछती. दुनिया के बुनियादी...
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शुभम नेगी की कविताएँ इंद्रधनुषी चेतना का प्रसार एवं मनुष्यता की फिसलन की चिंता हैं

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देवेश पथ सारिया युवा कवि शुभम नेगी की कलम नई है, शुभम अपनी लेखनी के माध्यम से समाज के लिए कुछ सकारात्मक रचना चाहते हैं।...
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हमारी दुनिया की परतें उघाड़ती हैं अविनाश की कविताएँ 

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अंचित कविता का एक काम यह है कि वह हमारे भीतर के तनावों को, हमारी निराशाओं को जगह दे, वह सब कहने का माध्यम बने...
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सुधाकर रवि की कविता अपने समय से जुड़ने की एक ईमानदार कोशिश है

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अंचित अच्छी कविताओं की निर्मिति में तीन चीज़ें लगती हैं – विचारधारा, भाषा, और जीवन दृष्टि. अच्छी कविताएँ हमेशा वैसी होती हैं, जिनसे अपना दुःख,...
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प्रदीपिका की कविताएँ मानवीय आकांक्षाओं की तरफ़ खुली हुई खिड़कियाँ हैं

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सिद्धार्थ गिगू प्रदीपिका की कविताएँ किसी एक सांचे-ढांचे में नहीं बंधती. दूसरे शब्दों में कहें तो यहां उनकी भावनाओं में पर्याप्त विविधता और उतना ही...
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रोज़ी कामेई की कविताएँ सभ्यता को स्त्री की नज़र से देखने का प्रस्ताव हैं

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बसंत त्रिपाठी रोज़ी की कविताओं का संसार एक स्त्री की असंख्य उलझनों, सपनों और उम्मीदों में डूबते-उतराते निर्मित हुआ है. प्रेम इन कविताओं के केन्द्र...
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हर्ष की कविताएँ रचनात्मक आश्वस्ति देती हैं

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हर्ष अपनी कविताओं के जरिए एक रचनात्मक आश्वस्ति देते हैं बेहतर भविष्य को बुनने का. उनका दखल केवल विषयों के सटीक चयन तक ही नहीं...
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जोराम यालाम नाबाम की कविताएँ जीवन की आदिम सुंदरता में शामिल होने का आमंत्रण हैं

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बसन्त त्रिपाठी जोराम यालाम नाबाम की कविताओं में आतंक, भय, राजनीतिक दाँव-पेंच, खून-खराबे से त्रस्त जीवन को आदिम प्रकृति की ओर आने का आत्मीय आमंत्रण...
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गौरव भारती की कविताएँ अपने समय और सियासत की जटिलताओं की शिनाख़्त हैं

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निशांत कोई कवि या कविता तब हमारा ध्यान खींचती है, जब वो हमारे भीतर के तारों को धीरे से छू दे । हमारे भावलोक में...
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स्‍त्री और प्रकृति की नूतन अस्तित्‍वमानता को स्‍वर देतीं ऋतु मेहरा की कविताएँ

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कुमार मुकुल    ऋतु मेहरा की कविताएँ आपाधापी भरे जीवन और प्रकृति के विस्‍तृत वितान के मध्‍य एक तालमेल बिठाने का प्रयास करती कविताएं हैं।...
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बबली गुज्जर की कविताएँ ‘औरत के मन की राह’ को एसर्ट करती हैं

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अमरेंद्रनाथ त्रिपाठी प्रेम इन कविताओं में आवर्ती विषयवस्तु की तरह है। इसी के जरिये रचनाकार अन्य जरूरी संवेदनात्मक पक्षों पर भी मुखर हुआ है। एक...
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अर्पिता राठौर की कविताएँ लघुता की महत्ता की अभिव्यक्ति हैं

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साक्षी सिंह अर्पिता की कलम एकदम नई है और ख़ुद को अभिव्यक्त करने की बेचैनी से ज़्यादा जो अभिव्यक्त है उसके हर सम्भव आयाम को...
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