समकालीन जनमत

Category : कविता

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मुमताज़ सत्ता की चालाकियों को अपनी शायरी में बड़े सलीके से बेनक़ाब करते हैं

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संविधान के पन्नों में तंबाकू विल्स की भर-भर के संसद की वो चढ़ें अटरिया, जै जै सीता-जै जै राम ये एक ऐसे शायर का शे’र...
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विश्वकर्मा पूजा :  रिपोर्ताज़

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( हिंदी के वरिष्ठ कथाकार शेखर जोशी ने इलाहाबाद के 508 आर्मी बेस वर्कशॉप में नौकरी करते हुए लम्बा समय कारख़ाने में कारीगरों के बीच...
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छूटते हुए ज़रूरी प्रश्नों का कवि अंजन कुमार

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बसन्त त्रिपाठी   सत्ता संरचना में अंतर्निहित क्रूर आकांक्षाओं को जिन युवा कवियों ने रोजमर्रा के अनुभवों से पकड़ने में अतिरिक्त रूप से सजगता दिखाई...
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स्त्री जीवन के अनचीन्हे सच को दर्ज करतीं रजनी अनुरागी की कविताएँ

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संजीव कौशल रजनी अनुरागी की कविताओं से गुज़रना, शरीर के ताप को सीधे महसूस करना है वह ताप जिसमें धीरे धीरे एक स्त्री का जीवन...
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समवेत की आवाज़ हैं मनोज कुमार झा की कविताएँ

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सन्तोष कुमार चतुर्वेदी अब तलक जिन क्षेत्रों को दुर्गम समझा जाता था, आज की कविता वहाँ की यात्रा सहज ही कर लेती है। अब तलक...
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सियाह समय से परे एक नई सुबह की दरियाफ़्त करतीं शंकरानंद की कविताएँ

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प्रभात मिलिंद युवा कवि शंकरानंद की इन कविताओं को पढ़ना अपनी ही खोई हुई ज़मीन की तरफ़ फ़िर से लौटने, अपनी ही विस्मृत जड़ों को...
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अनुराधा अनन्या की कविताएँ आधी आबादी के पूरे सच को उजागर करती हैं

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निरंजन श्रोत्रिय   युवा कवयित्री अनुराधा अनन्या की कविताओं में स्त्री-विमर्श किन्हीं सिद्धान्तों या भारी भरकम वैचारिक जुगाली के बजाय एक व्यावहारिक और यथार्थ रूप...
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गौरव भारती की कविताएँ अपने समय और सियासत की जटिलताओं की शिनाख़्त हैं

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निशांत कोई कवि या कविता तब हमारा ध्यान खींचती है, जब वो हमारे भीतर के तारों को धीरे से छू दे । हमारे भावलोक में...
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अशोक कुमार की कविताएँ जीवन के खाली पड़े कटोरों को प्रेम से भर देने की कामना हैं

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गिरिजेश कुमार यादव कविता से जुड़े सभी पारंपरिक और आधुनिक सिद्धान्तों का सार यही है कि कविता तभी कविता है जब वह अपने पाठक तक...
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अर्चना लार्क की कविताओं में समकाल की बारीक़ परख है

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निरंजन श्रोत्रिय युवा कवयित्री अर्चना लार्क की काव्य संवेदना का पाट व्यापक है। वे अपनी संवेदना के विस्तृत परिसर में हर जीवंत घटना को समेट...
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बसंत त्रिपाठी की कविताएँ सत्ता-संस्कृति की चीरफाड़ की बेचैन कोशिश हैं

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मृत्युंजय त्रिपाठी बसंत त्रिपाठी की इधर की कविताएँ शोषण के नए रंग-रूप, सत्ता के नए आकार-प्रकार और [कवि] कर्ता की इनके बीच की भूमिका को...
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‘कुमार कृष्ण की कविताएँ वर्तमान दौर के पोएटिक दस्तावेज़ हैं।’

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वीरेंद्र सिंह   कोरोना काल वर्तमान समय में मानव जाति के लिए सबसे मुश्किल दौर बनकर मनुष्य के अस्तित्व को ही चुनौती देता प्रतीत होता...
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अशोक तिवारी की कविताओं का तेवर नुक्कड़ कविता का है

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अनुपम त्रिपाठी अशोक तिवारी हमारे दौर के चर्चित कवि हैं। अब तक इनके तीन कविता संग्रह आ चुके हैं- सुनो अदीब (2003), मुमकिन है (2009),...
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कवि-कथाकार शोभा  सिंह को पहला ‘पथ के साथी’ सम्मान

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नई दिल्ली. सिद्धांत फाउंडेशन ने वर्ष 2020 का पहला ‘पथ के साथी’ सम्मान कवि-कथाकार और संस्कृतिकर्मी शोभा  सिंह को देने की घोषणा की है. यह...
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मारीना त्स्वेतायेवा का तूफानी जीवन और उनकी कविताएँ

क्या आप मारीना को जानते हैं ? आइये, प्रतिभा कटियार आपको उनसे मिलवाती हैं. उनकी ज़िंदगी से और ज़िंदगी की जद्दोजहद से रूबरू करवाती हैं....
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आलोकधन्‍वा : अपार करुणा का कवि

(मशहूर कवि आलोकधन्वा का आज जन्मदिन है. समकालीन जनमत के पाठकों के लिए प्रस्तुत है युवा आलोचक अवधेश त्रिपाठी का उनकी कविताओं पर लिखा लेख....
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रूपम की कविताएँ पितृसत्ता की चालाकियों की बारीक़ शिनाख़्त हैं

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दुर्गा सिंह हिंदी समाज एक ऐसी कालावधि से गुजर रहा है, जिसमें एक तरफ निरंतरता की ताकतें, सामाजिक वर्ग- समूह आजादी के बाद के सबसे...
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अमित की कविताएँ अनसुनी आवाज़ों के चाँद के दीदार की मशक़्क़त है

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रविकांत नई शताब्दी में हिंदी के नए हस्ताक्षरों में अमित परिहार मेरे प्रिय कवि हैं, पर अमूमन वे सुकवि होने से बचते हैं. दोनों में...
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कठिन भरपाइयों की कोशिश हैं अमर की कविताएँ

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विनोद विट्ठल मनुष्य ने सामुदायिकता और साझा करने के विरल मूल्यों से जो कुछ हासिल किया था उस सबको कोरोना-काल में बुरी तरह से खो...
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रोहित ठाकुर प्रकृति की पुकार के कवि हैं

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जसवीर त्यागी “नए ब्रांड का प्रेम उतारा था बाज़ार में /जिसने पहले/ लॉन्च किये हैं उसी कंपनी ने/ हत्या के नए उपकरण/ दाल-भात लिट्टी चोखे...
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