समकालीन जनमत

Tag : Basant Tripathi

कविता

रोज़ी कामेई की कविताएँ सभ्यता को स्त्री की नज़र से देखने का प्रस्ताव हैं

समकालीन जनमत
बसंत त्रिपाठी रोज़ी की कविताओं का संसार एक स्त्री की असंख्य उलझनों, सपनों और उम्मीदों में डूबते-उतराते निर्मित हुआ है. प्रेम इन कविताओं के केन्द्र...
कविता

जोराम यालाम नाबाम की कविताएँ जीवन की आदिम सुंदरता में शामिल होने का आमंत्रण हैं

समकालीन जनमत
बसन्त त्रिपाठी जोराम यालाम नाबाम की कविताओं में आतंक, भय, राजनीतिक दाँव-पेंच, खून-खराबे से त्रस्त जीवन को आदिम प्रकृति की ओर आने का आत्मीय आमंत्रण...
कविता

प्रतिभा की कविताएँ स्त्री जीवन के सवालों को मानव सभ्यता के सवालों से जोड़ती हैं

समकालीन जनमत
बसन्त त्रिपाठी प्रतिभा कटियार उन कवियों में है जिनके पास अपनी आत्मीय भाषा तो है ही, अपनी भावनाओं से ज़रा दूर जाकर चीज़ों को देखने...
कविता

छूटते हुए ज़रूरी प्रश्नों का कवि अंजन कुमार

समकालीन जनमत
बसन्त त्रिपाठी   सत्ता संरचना में अंतर्निहित क्रूर आकांक्षाओं को जिन युवा कवियों ने रोजमर्रा के अनुभवों से पकड़ने में अतिरिक्त रूप से सजगता दिखाई...
कविता

बसंत त्रिपाठी की कविताएँ सत्ता-संस्कृति की चीरफाड़ की बेचैन कोशिश हैं

समकालीन जनमत
मृत्युंजय त्रिपाठी बसंत त्रिपाठी की इधर की कविताएँ शोषण के नए रंग-रूप, सत्ता के नए आकार-प्रकार और [कवि] कर्ता की इनके बीच की भूमिका को...
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