समकालीन जनमत

Category : साहित्य-संस्कृति

जनमतव्यंग्य

बधाई है, जी बधाई है ! उत्तराखंड सरकार ने अनंत रोजगार की योजना चालू कर दी

बधाई है, जी बधाई है ! अंततः उत्तराखंड सरकार ने अनंत रोजगार की योजना चालू कर दी है. कुछ ही दिन पहले अखबारों में खबर...
कविताशख्सियतस्मृति

विद्रोह की मशाल है सावित्रीबाई फुले की कविताएँ

समकालीन जनमत
अनिता भारती (आज 10 मार्च सावित्रीबाई फुले का परिनिर्वाण दिवस है। आज के दिन को पिछले कई सालों से दलित महिला दिवस के रूप में...
नाटकसाहित्य-संस्कृति

ज़िन्दगी के अनुभवों की पताका है ‘ऐ लड़की’

समकालीन जनमत
कृष्णा सोबती के प्रसिद्ध लघु उपन्यास ‘ऐ लड़की’ का मंचन कालीदास रंगालय, पटना में कोरस टीम के द्वारा किया गया। इसका नाट्य रूपांतरण व निर्देशन...
कहानीसाहित्य-संस्कृति

रज्जब अली कहानी संग्रह पर परिचर्चा संपन्न

राम नरेश राम
कलाकार को चाहिए कि वह ज्यादा से ज्यादा पहुँचने वाले मुहावरे में अपनी बात कहे- संजीव कुमार पिछली 3 मार्च को जसम दिल्ली इकाई की...
नाटकसाहित्य-संस्कृति

लाहौर के लिए अब भी दिल धड़कता है लोगों का

संजय जोशी
चंडीगढ़, 27 फरवरी, 2019 अब थोड़े स्थूलकाय हो चले नाटे कद के घनी मूछों वाले 63 वर्षीय ज़हूर आलम नैनीताल के युगमंच थियेटर ग्रुप की...

उम्मीद को अलग-अलग ढंग से पकड़ने की कोशिश हैं रमन की कविताएँ

समकालीन जनमत
आर. चेतन क्रांति रमण कुमार सिंह की इन कविताओं में अपने मौजूदा समय को पकड़ने और उसकी क्षुद्रताओं, उसके खतरों, उसके खतरनाक इरादों और बदलावों...
सिनेमा

2 मार्च से शुरू होगा प्रतिरोध का सिनेमा का दूसरा नागपुर फ़िल्म फ़ेस्टिवल

संजय जोशी
नागपुर,  1 मार्च 2019 आगामी 2 से 3 मार्च नागपुर के शंकर नगर स्थित धनवटे सभागार में प्रतिरोध का सिनेमा का दूसरा नागपुर फ़िल्म फेस्टिवल...
जनमतमीडिया

क्या आप इन ढाई महीने के लिए चैनल देखना बंद नहीं कर सकते ? कर दीजिए

रवीश कुमार
अगर आप अपनी नागरिकता को बचाना चाहते हैं तो न्यूज़ चैनलों को देखना बंद कर दें। अगर आप लोकतंत्र में एक ज़िम्मेदार नागरिक के रूप...
कविताजनमत

ज़मीनी हक़ीक़त बयाँ करतीं चंद्र की कविताएँ

समकालीन जनमत
कुमार मुकुल चंद्र मेरी आज तक की जानकारी में पहले ऐसे व्‍यक्ति हैं जो खेती-बाड़ी में, मजूरी में पिसते अंतिम आदमी का जीवन जीते हुए पढ़ना-लिखना...
जनमतशख्सियतस्मृति

नामवर सिंह ने कभी अवकाश ग्रहण नहीं किया

प्रणय कृष्ण
नामवर सिंह नहीं रहे. 93 साल की उन्होंने उम्र पायी, लेकिन लगता है जैसे किसी विराट उपस्थिति ने अचानक हमें किसी न भरे जा सकने...
ख़बरशख्सियतसाहित्य-संस्कृति

हिंदी के अभिमान की विदाई

(हिन्दी के सुपरिचित युवा कवि और आलोचक पंकज चतुर्वेदी की तरफ से नामवर सिंह को श्रद्धांजलि ।) आज सुबह यह मालूम होते ही कि डॉक्टर...
ख़बरशख्सियतसाहित्य-संस्कृति

भय, दिग्विजय और नामवरीय ‘विडंबना’

आशुतोष कुमार
(हिन्दी आलोचना के शिखर पुरुष नामवर सिंह नहीं रहे । उन्हें समकालीन जनमत की तरफ से विनम्र श्रद्धांजलि ।) यह एक ऐसा प्रसंग है, जिससे...
जनमतस्मृति

जनतांत्रिक मूल्यों की पक्षधर, निडर रचनाकार-अर्चना वर्मा

समकालीन जनमत
(हंस और कथादेश जैसी पत्रिकाओं का सार्थक सम्पादन कर साहित्यिक पत्रकारिता में स्त्री-हस्तक्षेप के लिए भरपूर गुंजाइश बनाने वाली अर्चना वर्मा गत 16 फरवरी को...
ख़बरसिनेमा

प्रतिरोध का सिनेमा ने की दीपा धनराज की फिल्म ‘वी हैव नॉट कम हियर टु डाई’ की स्क्रीनिंग

कौशल किशोर
लखनऊ, 18 फरवरी। ‘प्रतिरोध का सिनेमा’ के सिलसिले का आरम्भ करते हुए 17 फरवरी को लखनऊ में डाक्यूमेन्ट्री फिल्म ‘वी हैव नाॅट कम हियर टू...
कविताजनमत

बादलों में आकार की खोज: रमणिका गुप्ता की कविताई

समकालीन जनमत
बजरंग बिहारी तिवारी नारीवादी आंदोलन का दूसरा दौर था. ‘कल्ट ऑफ़ डोमिस्टिसिटी’ को चुनौती दी जा चुकी थी. राजनीति में स्त्री की उपस्थिति को औचित्यपूर्ण,...
साहित्य-संस्कृति

पूछते हैं वो कि गालिब कौन है !

रवि भूषण
आज गालिब (27.12.1797-15.02.1869 ) की डेढ़ सौ वीं पुण्यतिथि है और वे बार-बार याद आ रहे हैं – ‘वह हर इक बात पर कहना कि...
जनमतमीडिया

कार्पोरेट न्यूज मीडिया : धनतंत्र के लिए और धनतंत्र-फासीवाद की सेवा में

आनंद प्रधान
अधिकांश न्यूज चैनलों पर इन दिनों 24×7 अहर्निश “बहस”, “महाबहस”, “दंगल”, “ताल ठोंक के” और इस जैसे और कई चर्चाओं के प्राइम टाइम कार्यक्रमों में...
जनमतसाहित्य-संस्कृति

निराला की कहानियाँ- आधुनिक बोध, प्रगतिशीलता व स्वाधीन चेतना की प्रबल अभिव्यक्ति

समकालीन जनमत
दुर्गा सिंह निराला के कहानी लेखन का समय 1920 ई के बाद का है। लेकिन पहली ही कहानी में आधुनिक बोध, प्रगतिशीलता व स्वाधीन चेतना...
कविताजनमत

ज्योत्सना की कविताएँ स्त्री-मन की करुणा और सम्वेदना का समकालीन पाठ हैं

समकालीन जनमत
देवेंद्र आर्य ज्योत्सना की कविताएँ स्त्री-मन की करुणा और सम्वेदना का समकालीन पाठ पेश करती हैं , पर उनका समकाल विद्रूप या भौकाल बन कर...
ख़बरसाहित्य-संस्कृति

भारतीय देशज प्रेमाख्यान पर  संगोष्ठी

समकालीन जनमत
दिल्ली विश्वविद्यालय के एआरएसडी कॉलेज में 29 और 30 जनवरी को भारतीय देशज प्रेमाख्यान साहित्य पर सघन और जीवंत संवाद का आयोजन किया गया। साहित्य...
Fearlessly expressing peoples opinion