अपनी विश्व प्रसिद्ध पुस्तक ‘सेपियन्स’ में युवाल नोआ हरारी संस्कृति और तथाकथित मनुष्यता पर सवाल उठाते लिखते हैं- …हमारी प्रजाति, जिसे हमने निर्लज्ज ढंग से...
यह ‘लैला'(कल्कि कोचलिन)की दुनिया है।लैला यानी ‘सेरेब्रल पॉल्सी’ की शिकार।वह शतरंज खेलती है।फेसबुक चलाती है। संगीत सुनती है। धुने बनाती है। डांस भी करती है।...