समकालीन जनमत

Month : August 2020

शख्सियत

भीष्म साहनी का लेखन और ज़िन्दगी के नए फ़लक : डॉ. अनुपमा श्रीवास्तव

समकालीन जनमत
(आज हिंदी के प्रसिद्ध साहित्यकार भीष्म साहनी का जन्मदिन है अपने उपन्यास और टेलीविजन पटकथा ‘तमस’ के लिए उन्हें विश्व स्तर की ख्याति मिली, जो...
जनमत

विश्व आदिवासी दिवस पर सामाजिक तलछट में छटपटाते कुछ सवाल

जनार्दन
आदमी ही नहीं समय भी बहरूपिया हो गया है। मनुष्य, समाज और दुनिया के तमाम पंथ अबूझ हो गए हैं। हर कहीं, हर तरफ धुंआ-धुंआ...
पुस्तक

पूंजीवाद का संक्षिप्त इतिहास

गोपाल प्रधान
2017 में बाडली हेड से यनाइस वरफ़काइस की किताब ‘टाकिंग टु माइ डाटर एबाउट द इकोनामी: ए ब्रीफ़ हिस्ट्री आफ़ कैपिटलिज्म’ का प्रकाशन हुआ। ग्रीक...
चित्रकलासाहित्य-संस्कृति

कला के बदलते स्वरूप में अरबिन्द कुमार सिंह की रचनाशीलता

कलाकार बनना बहुत आसान है मगर पुरस्कार, प्रसिद्धि , पैसा कमाना बहुत मुश्किल और उससे भी अधिक मुश्किल है किसी सार्थक कलाकृति की रचना करना।...
कहानी

दास्तानगोई परंपरा और स्त्रियों की भूमिका

समकालीन जनमत
बीते रविवार ‘कोरस’ के फेसबुक लाइव ‘स्त्री संघर्ष का कोरस’ में ‘दास्तानगोई परंपरा और स्त्रियों की भूमिका‘ विषय पर कोरस की साथी समता ने सुप्रसिद्ध...
कहानी

लाॅकडाउन

समकालीन जनमत
हेमंत कुमार  (लाॅकडाउन, हेमंत कुमार की नयी कहानी है। हेमंत कुमार ने समकालीन ग्रामीण यथार्थ को कहानियों में पुनः स्थापित किया है। ‘रज्जब अली ‘...
पुस्तक

अनिल अनलहातु का पहला काव्य संग्रह ‘बाबरी मस्जिद तथा अन्‍य कविताएँ’ विकास के विडम्बनाबोध की अभिव्यक्ति है

कुमार मुकुल
अपनी विश्‍व प्रसिद्ध पुस्‍तक ‘सेपियन्‍स’ में युवाल नोआ हरारी संस्‍कृति और तथाकथित मनुष्‍यता पर सवाल उठाते लिखते हैं- …हमारी प्रजाति, जिसे हमने निर्लज्‍ज ढंग से...
सिनेमा

काली स्लेट पर सफेद चॉक से लिखी दोस्ती की इबारत

समकालीन जनमत
  मनोज कुमार    आदर्श विद्यार्थी के जो पाँच लक्षण हमें बताए गए थे उन लक्षणों में सिनेमा देखना नहीं शामिल था| बगुले की तरह...
शख्सियत

ये हमने कैसा समाज रच डाला है?

प्रेमशंकर सिंह
(हिंदी के महत्वपूर्ण कवि वीरेन डंगवाल का आज जन्मदिन है। वह आज हमारे बीच होते तो 73 बरस के होते। वीरेन डंगवाल के जन्मदिन पर...
शख्सियत

बहुत हो गया…मैं जल्दी बरेली आऊंगा…अब जो होगा वहीं होगा

शालिनी बाजपेयी
(हिंदी के महत्वपूर्ण कवि वीरेन डंगवाल का आज जन्मदिन है। वह आज हमारे बीच होते तो 73 बरस के होते। वीरेन डंगवाल के जन्मदिन पर...
शख्सियत

वीरेनदा की कहानी तो मल्टी डायमेंशनल है

समकालीन जनमत
( 28  सितंबर 2015  की सुबह  वीरेन डंगवाल  की मृत्यु के बाद  अमर उजाला के बरेली संस्करण के स्टाफ़ फ़ोटोग्राफ़र ने अच्छी कवरेज के लिए...
शख्सियत

वीरेन दा की पत्रकारिता

समकालीन जनमत
( 5 अगस्त को हिंदी के फक्कड़ कवि वीरेन डंगवाल का जन्म दिन होता है. अगर वे जीवित होते तो आज 73 वर्ष के होते....
शख्सियत

वीरेन डंगवाल की कविता: बृजराज

समकालीन जनमत
(आज वीरेन डंगवाल का जन्मदिन है। वह हमारे साथ होते तो आज 73 बरस के होते। उनके जन्मदिन पर समकालीन जनमत विविध विधाओं में सामग्री...
शख्सियत

वीरेन डंगवाल की कविता और स्त्रियाँ

समकालीन जनमत
(आज वीरेन डंगवाल का जन्मदिन है। वह हमारे साथ होते तो आज 73 बरस के होते। उनके जन्मदिन पर समकालीन जनमत विविध विधाओं में सामग्री...
जनमत

कोविड-19 से निपटने के सरकारी तरीकों की आलोचना पर पत्रकारों पर कहर

दानिश रज़ा ( दानिश रज़ा की यह रिपोर्ट ‘ द गार्जियन ’ से साभार ली गयी है। हिन्दी अनुवाद दिनेश अस्थाना का है )  ...
ख़बर

प्रदर्शनकारियों को ही हिंसा का स्रोत बताने का सिद्धांत रचा जा रहा है : प्रोफेसर अपूर्वानंद

समकालीन जनमत
नई दिल्ली। दिल्ली हिंसा के मामले में पाँच घंटे तक पूछताछ और मोबाइल सीज किए जाने के संबंध में दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अपूर्वानंद ने...
शख्सियत

वीरेन डंगवाल: आधुनिकता का लोककवि

समकालीन जनमत
हिंदी के महत्वपूर्ण कवि वीरेन डंगवाल का आज जन्मदिन है। वह आज हमारे बीच होते तो 73 बरस के होते। वीरेन डंगवाल के जन्मदिन पर...
देसवा

गाँव की औरतों का कुबूलनामा- दो

समकालीन जनमत
कीर्ति (कीर्ति, इलाहाबाद विश्वविद्यालय में बी.ए. अंतिम वर्ष की पढ़ाई कर रही हैं। कोरोना और लाॅकडाउन के दौरान उन्होंने गाँव की औरतों के जीवन को...
सिनेमा

मार्गरीटा विद ए स्ट्रॉ: ज़िंदगी मुख़्तसर सी मिली थी हमें, हसरतें बेशुमार ले के चलें !

आशीष कुमार
यह ‘लैला'(कल्कि कोचलिन)की दुनिया है।लैला यानी ‘सेरेब्रल पॉल्सी’ की शिकार।वह शतरंज खेलती है।फेसबुक चलाती है। संगीत सुनती है। धुने बनाती है। डांस भी करती है।...
Fearlessly expressing peoples opinion