समकालीन जनमत

Month : May 2020

शख्सियत

सभ्यता का संकट-रवींद्रनाथ टैगोर

समकालीन जनमत
(रवीन्द्रनाथ टैगोर के आखिरी व्याख्यान ‘क्राइसिस ऑफ सिविलाइजेशन’ का यह अनुवाद हम समकालीन जनमत के पाठकों के लिए दे रहे हैं । अनुवाद किया है ...
कविता

पंकज की कविताएँ जाति-संरचना के कठोर सच की तीखी बानगी हैं

समकालीन जनमत
सुशील मानव पंकज चौधरी की कविताएँ दरअसल विशुद्ध जाति विमर्श (कास्ट डिस्कोर्स) की कविताएँ हैं। जो अपने समय की राजनीति, संस्कृति ,समाज, अर्थशास्त्र न्याय व्यवस्था...
ये चिराग जल रहे हैं

जिज्ञासु : ‘ अचल ’ की परम्परा के वाहक

नवीन जोशी
( वरिष्ठ पत्रकार एवं लेखक नवीन जोशी के प्रकाशित-अप्रकाशित संस्मरणों की  श्रृंखला ‘ये चिराग जल रहे हैं’ की  चौथी  क़िस्त  में  प्रस्तुत  है   कुमाऊंनी भाषा ...
ज़ेर-ए-बहस

महाजनी सभ्यता और महामारी के सबक

समकालीन जनमत
डॉ. दीना नाथ मौर्य सभ्यता के विकासक्रम में मानव जाति पर समय-समय पर आयी प्राकृतिक आपदाओं के ऐतिहासिक अनुभव से यह सीख ली जा सकती...
स्मृति

नंदकिशोर नवल : हिन्दी आलोचना की एक असमाप्त यात्रा 

आशुतोष कुमार
नवल जी हिन्दी की साहित्यिक सम्वेदना और सुरुचि को उत्पीडित साधारण-जन के संघर्ष की जरूरतों के मुताबिक़ ढालने वाले आलोचकों में अग्रणी रहे हैं.  संघर्ष...
जनमत

पैदल चले जा रहे मज़दूरों पर इतनी चुप्पी क्यों है ?

अनामिका 1960 में एक फ़िल्म आई थी, ‘उसने कहा था’. हिन्दी के सुप्रसिद्ध कहानीकार चन्द्रधर शर्मा गुलेरी की कहानी पर आधारित है. फिल्म का एक...
ज़ेर-ए-बहस

डराने के बजाय स्वास्थ्य ढांचे को सुदृढ़ करने पर ध्यान दे उत्तराखंड सरकार

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने पिछले दिनों उत्तराखंड में कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ने का जो अनुमान जाहिर किया,वह भयावह है. मुख्यमंत्री तो...
ज़ेर-ए-बहस

आर्थिक पैकेज-लघु व मध्यम उद्योगों को शीर्षासन कराती मोदी सरकार

भारत एक गहरे आथिक संकट के जाल में फंसा है. यह आर्थिक संकट का जाल कोरोना की ही देन नहीं है, बल्कि कोरोना पूर्व का...
सिनेमा

सामंती मूल्यबोध से आधुनकि मूल्यों की टकराहट को दर्ज करती ‘माया दर्पण’

मुकेश आनंद
(महत्वपूर्ण राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय फिल्मों पर  टिप्पणी के क्रम में आज प्रस्तुत है मशहूर निर्देशक कुमार शाहनी की माया दर्पण । समकालीन जनमत केेे लिए मुकेश आनंद...
कहानीसाहित्य-संस्कृति

लाल्टू की चार कहानियों का पाठ

समकालीन जनमत
(समकालीन जनमत  द्वारा चलाई जा रही फ़ेसबुक लाइव श्रंखला के तहत 12 मई 2020 की शाम हिंदी रचनाकार लाल्टू ने अपनी चार कहानियों  ‘काश कि...
नाटक

रंगनायक द लेफ्ट थिएटर का नया प्रयोग, फेसबुक लाइव पर नाटक का मंचन

समकालीन जनमत के फेसबुक पेज पर 12 मई से 23 मई तक चलने वाले लाइव साहित्यिक कार्यक्रम में 12 मई को दोपहर 2 बजे रंगनायक...
स्मृति

असगर अली इंजीनियर : सच्चा धर्मनिरपेक्ष, नायाब विद्वान और निर्भीक एक्टिविस्ट

फिरकापरस्त ताकतों के खिलाफ एकजुटता ही आज डा़ असग़र अली इंजीनियर को सच्ची श्रद्धांजलि होगी....
ख़बर

श्रम कानूनों को ख़त्म किए जाने के ख़िलाफ़ देशभर में एक्टू ने किया दो-दिवसीय प्रतिरोध

अभिषेक कुमार
• श्रम कानूनों को निरस्त करना – कॉर्पोरेट घरानों से चुनाव में लिया गया चंदा वापस करने का तरीका है_ • ऐक्टू ने श्रम कानूनों...
स्मृति

मैंने कैफ़ी आज़मी को देखा है, सुना है और जाना है

“बस इक झिझक है यही हाल ए दिल सुनाने में, कि तेरा जिक्र भी आएगा इस फसाने में।” जिस समय कैफ़ी साहब का इंतकाल (10...
ज़ेर-ए-बहस

वे लौट रहे हैं…

डॉ रामायन राम
वे लौट रहे हैं, खुद को घसीटते हुए। अपनी गठरी, मोटरी, बच्चे समेत रेल की पटरियों पर, सड़कों पर, साइकिलों पर, ट्रकों में आलू के...
ख़बर

सरकार के जन-विरोधी रवैये का एक और उदाहरण है राजधानी के दाम पर सिर्फ वातानुकूलित ट्रेन को आरंभ करना

समकालीन जनमत
सोशलिस्ट पार्टी (इंडिया) ने राजधानी के दाम पर सिर्फ वातानुकूलित ट्रेन को आरंभ करने को सरकार के जन-विरोधी रवैये का एक और उदाहरण बताया है....
इतिहास

औपनिवेशिक शोषण, किसान और 1857

दुर्गा सिंह
अंग्रेजों के उपनिवेशवादी शोषण का कहर भारतीय किसानों पर ही सबसे ज्यादा बरपा। औपनिवेशिक आर्थिक नीतियाँ, भू-राजस्व की नयी प्रणाली और उपनिवेशवादी प्रशासनिक एवं न्यायिक...
शख्सियत

छोटी कहानियों में बड़ी बात कहने वाला अफसानानिगार मंटो

सआदत हसन मंटो की यौमे पैदाइश पर ख़ास ग़ालिब का एक मशहूर शे’र है- ‘हैं और भी दुनिया में सुख़न-वर बहुत अच्छे कहते हैं कि...
ख़बर

ऐक्टू ने औरंगाबाद और विशाखापट्टनम में हुए हादसों के ख़िलाफ़ किया देशव्यापी प्रदर्शन

समकालीन जनमत
आल इंडिया सेंट्रल काउंसिल ऑफ ट्रेड यूनियंस (ऐक्टू) ने औरंगाबाद और विशाखापट्टनम में मजदूरों की मौत के खिलाफ देशभर में प्रदर्शन किया....
Fearlessly expressing peoples opinion