कविता शिव कुशवाहा की कविताएँ अपने समय के संघर्षों को दर्ज करती हैंसमकालीन जनमतApril 4, 2021April 4, 2021 by समकालीन जनमतApril 4, 2021April 4, 202101255 कौशल किशोर युवा कवियों ने कविता को नया तेवर दिया है। यह कथ्य तथा शिल्प दोनों स्तर पर देखा जा सकता है। कविता के क्षेत्र...
कविता वासुकि प्रसाद ‘उन्मत्त’ की कविता जीवन की प्रतिक्रिया से कविता की प्रक्रिया तक ज़रूरी और नैसर्गिक यात्रा हैसमकालीन जनमतMarch 28, 2021April 3, 2021 by समकालीन जनमतMarch 28, 2021April 3, 202102300 आलोक कुमार श्रीवास्तव इस कठिन और चुनौतीपूर्ण समय में साहित्यिक हस्तक्षेप कैसा हो, यह बात हर लोकतंत्र-प्रेमी साहित्यिक सोचता है। धूर्त सत्ता द्वारा जनता के...
कविता रूपाली सिन्हा की कविताओं में स्त्री जीवन की नई राह गढ़ती दिखाई पड़ती हैसमकालीन जनमतMarch 21, 2021March 21, 2021 by समकालीन जनमतMarch 21, 2021March 21, 202101435 कामिनी पिछले दिनों आथर्स प्राइड पब्लिकेशन से रूपाली सिन्हा का कविता संग्रह ‘असुविधा के लिए खेद नहीं है’ प्रकाशित हुआ है | इस संग्रह में...
कविता प्रभात प्रणीत की कविताएँ अपने समय की विडंबनाओं की परख हैंसमकालीन जनमतMarch 14, 2021March 6, 2022 by समकालीन जनमतMarch 14, 2021March 6, 202201897 कुमार मुकुल जिस तरह चंद्र किसान जीवन के नये कवि हैं उसी तरह प्रभात प्रणीत नागर जीवन की नूतन आवाज हैं। चंद्र की कविताएँ अगर...
कविता अभिनव निरंजन की कविताएँ एक घर्षण हैं जिसके ताप से कवि अपने समय का बुख़ार नापता हैसमकालीन जनमतJanuary 31, 2021January 31, 2021 by समकालीन जनमतJanuary 31, 2021January 31, 202101731 निरंजन श्रोत्रिय युवा कवि अभिनव निरंजन अपनी कविताओं में रूपकों, स्थितियों एवं दृश्यों का विभेदन कर उसमें से कविता अर्जित करते हैं। उनके लिए ये...
कविता उस चाँद पर अब ख़ून के धब्बे हैं ..समकालीन जनमतJanuary 19, 2021January 19, 2021 by समकालीन जनमतJanuary 19, 2021January 19, 202101145 (आलोचना पत्रिका में प्रकाशित फ़रीद ख़ाँ की कविताओं पर एक नज़र) मोहम्मद उमर इस बार की हिंदी त्रैमासिक पत्रिका ‘आलोचना’ के ‘अक्टूबर-दिसम्बर 2020’ के अंक...
कविता राही डूमरचीर आदिवासी समाज और जीवन के गहरे कंसर्न के कवि हैंसमकालीन जनमतJanuary 17, 2021January 17, 2021 by समकालीन जनमतJanuary 17, 2021January 17, 202102145 विनय सौरभ राही डूमरचीर की कविताएँ पढ़ते हुए कुछ साधारण चीज़ें असाधारण तरीक़े से उनकी कविताओं में आती दिखती हैं। जैसे उनकी कविताओं के विषय।...
कविता उज्ज्वल भट्टाचार्य की कविताएँ जनविरोधी व्यवस्था में ख़ुद के होने की शिनाख़्त हैंसमकालीन जनमतDecember 27, 2020December 28, 2020 by समकालीन जनमतDecember 27, 2020December 28, 202002607 संजय कुंदन हिंदी कविता की सुपरिचित मुख्यधारा के भीतर कई नियमित-अनियमित अंतर्धाराएं हैं, जो बिना मुखर हुए हिंदी कविता को विस्तृत कर रही हैं। उज्ज्वल...
कविता अंचित की कविताएँ मौजूदा दौर के संकटों की शिनाख़्त करती हैंसमकालीन जनमतDecember 20, 2020December 20, 2020 by समकालीन जनमतDecember 20, 2020December 20, 202001937 रमण कुमार सिंह हाल के समय में हिंदी कविता में जिन कुछ नए युवा कवियों ने अपनी कविता से ध्यान आकृष्ट किया है, उनमें अंचित...
कविता आलोक की कविताएँ यथार्थ के धरातल पर उम्मीद के फूल हैंसमकालीन जनमतDecember 13, 2020December 14, 2020 by समकालीन जनमतDecember 13, 2020December 14, 202002257 अच्युतानंद मिश्र कविता लिखना, दुनिया को देखने जानने और समझने का एक संजीदा और जरूरी काम है। ऐसे में किसी युवा कवि से यह...
कविता रेखा चमोली की कविताएँ हाशिए की आवाज़ हैंसमकालीन जनमतDecember 6, 2020December 7, 2020 by समकालीन जनमतDecember 6, 2020December 7, 202001780 आशीष कुमार कविता अपने बचाव में हथियार उठाने का विचार है साहस की सीढ़ियां है कविता उमंग है उत्साह है खुद में एक बच्चे को...
कविता उपासना झा की कविताएँ स्त्री वेदना से स्त्री चेतना के सफ़र की अभिव्यक्ति हैंसमकालीन जनमतOctober 25, 2020November 17, 2020 by समकालीन जनमतOctober 25, 2020November 17, 202003184 सोनी पाण्डेय जब भी स्त्री कविता से गुजरती हूँ मन कविता की आत्मा में कान लगा उसकी धड़कने(कहन) सुनने की कोशिश करने लगता है।मुझे याद...
कविता सविता पाठक की कविताएँ पितृसत्तात्मक चलन और पाखंड को उजागर करती हैंसमकालीन जनमतOctober 18, 2020October 18, 2020 by समकालीन जनमतOctober 18, 2020October 18, 202002913 रुपम मिश्र सविता पाठक मूल रूप से कहानीकार हैं । कहानी की गद्यात्मकता उनकी कविताओं में भी बनी रहती है । सविता की कविताएँ एक...
कविता मृदुला की कविताएँ व्यवस्था की चमक के पीछे पसरे हुए अंधकार को उजागर करती हैंसमकालीन जनमतOctober 11, 2020October 11, 2020 by समकालीन जनमतOctober 11, 2020October 11, 202002527 कामिनी त्रिपाठी स्वभाव से सरल-सहज मृदुला सिंह छत्तीसगढ़ के आदिवासी अंचल सरगुजा के एक कॉलेज में पढ़ाती हैं | यूँ तो उनका जन्म और पढ़ाई–लिखाई...
कविता प्रतिभा की कविताएँ स्त्री जीवन के सवालों को मानव सभ्यता के सवालों से जोड़ती हैंसमकालीन जनमतOctober 4, 2020October 4, 2020 by समकालीन जनमतOctober 4, 2020October 4, 202002385 बसन्त त्रिपाठी प्रतिभा कटियार उन कवियों में है जिनके पास अपनी आत्मीय भाषा तो है ही, अपनी भावनाओं से ज़रा दूर जाकर चीज़ों को देखने...
कविता अंतिम आदमी की हालत बयाँ करतीं विधान की कविताएँसमकालीन जनमतSeptember 27, 2020September 27, 2020 by समकालीन जनमतSeptember 27, 2020September 27, 202002573 कुमार मुकुल गुंजन श्रीवास्तव ‘विधान’ की कविताएँ ‘कवियों के कवि’ शमशेर बहादुर सिंह से लेकर सीधा नारा की तर्ज़ पर गांधी के ‘अंतिम आदमी’ की...
कविता छूटते हुए ज़रूरी प्रश्नों का कवि अंजन कुमारसमकालीन जनमतSeptember 13, 2020September 13, 2020 by समकालीन जनमतSeptember 13, 2020September 13, 202003128 बसन्त त्रिपाठी सत्ता संरचना में अंतर्निहित क्रूर आकांक्षाओं को जिन युवा कवियों ने रोजमर्रा के अनुभवों से पकड़ने में अतिरिक्त रूप से सजगता दिखाई...
कविता स्त्री जीवन के अनचीन्हे सच को दर्ज करतीं रजनी अनुरागी की कविताएँसमकालीन जनमतSeptember 6, 2020September 7, 2020 by समकालीन जनमतSeptember 6, 2020September 7, 202003781 संजीव कौशल रजनी अनुरागी की कविताओं से गुज़रना, शरीर के ताप को सीधे महसूस करना है वह ताप जिसमें धीरे धीरे एक स्त्री का जीवन...
कविता समवेत की आवाज़ हैं मनोज कुमार झा की कविताएँसमकालीन जनमतAugust 30, 2020August 29, 2020 by समकालीन जनमतAugust 30, 2020August 29, 202002265 सन्तोष कुमार चतुर्वेदी अब तलक जिन क्षेत्रों को दुर्गम समझा जाता था, आज की कविता वहाँ की यात्रा सहज ही कर लेती है। अब तलक...
कविता सियाह समय से परे एक नई सुबह की दरियाफ़्त करतीं शंकरानंद की कविताएँसमकालीन जनमतAugust 23, 2020August 23, 2020 by समकालीन जनमतAugust 23, 2020August 23, 202002652 प्रभात मिलिंद युवा कवि शंकरानंद की इन कविताओं को पढ़ना अपनी ही खोई हुई ज़मीन की तरफ़ फ़िर से लौटने, अपनी ही विस्मृत जड़ों को...