शख्सियत वह आग मार्क्स के सीने में जो हुई रौशनसमकालीन जनमतMay 5, 2020May 6, 2020 by समकालीन जनमतMay 5, 2020May 6, 20200939 आज 5 मई को कार्ल मार्क्स के जन्मदिन पर दिल्ली विश्वविद्यालय में हिंदी की प्राध्यापिका उमा राग की आवाज़ में प्रस्तुत हैं दो कविताएँ ।...
कविताशख्सियत मुझें मसीहाई में यक़ीन है ही नहीं, मैं मानता ही नहीं कि कोई मुझसे बड़ा होगासमकालीन जनमतApril 17, 2020April 17, 2020 by समकालीन जनमतApril 17, 2020April 17, 202003824 ममता मुझें मसीहाई में यक़ीन है ही नहीं, मैं मानता ही नहीं कि कोई मुझसे बड़ा होगा, जनकवि रमाशंकर यादव ‘विद्रोही’ का जन्म 5 दिसम्बर...
शख्सियत तुम मुझे यूं भुला न पाओगे: हसरत जयपुरीविष्णु प्रभाकरApril 15, 2020April 15, 2020 by विष्णु प्रभाकरApril 15, 2020April 15, 202002821 (उर्दू के मक़बूल शायर और हिंदी फ़िल्म संगीत की दुनिया के जाने माने नाम हसरत जयपुरी को उनके यौमे पैदाइश पर याद कर रहे हैं...
शख्सियत डॉ. अंबेडकर और बौद्ध धम्म : मोक्षदाता नहीं, मार्गदाता की तलाशडॉ रामायन रामApril 14, 2020April 17, 2020 by डॉ रामायन रामApril 14, 2020April 17, 202003131 14 अक्टूबर 1956 को नागपुर में डॉ. अंबेडकर ने तीन लाख से भी अधिक लोगों के साथ बौद्ध धर्म अंगीकार किया। आधुनिक भारत के इतिहास...
शख्सियत मोहब्बत और उम्मीद के शायर फ़िराक़ गोरखपुरीविष्णु प्रभाकरMarch 3, 2020March 3, 2020 by विष्णु प्रभाकरMarch 3, 2020March 3, 20205 3244 (उर्दू के मशहूर शायर फिराक गोरखपुरी की पुण्यतिथि पर युवा कहानीकार, आलोचक विष्णु प्रभाकर का लेख। ) उर्दू शायरी में कहन पर जियादा जोर है।...
शख्सियत प्रेम और परिवर्तन की तड़प से भरे क्रांतिकारी कवि एर्नेस्तो कार्देनाल मार्तिनेससमकालीन जनमतMarch 3, 2020March 3, 2020 by समकालीन जनमतMarch 3, 2020March 3, 202002297 मंगलेश डबराल रूबेन दारीओ, पाब्लो नेरूदा और सेसर वाय्यखो के बाद एर्नेस्तो कार्देनाल लातिन अमेरिकी धरती के चौथे बड़े कवि माने जाते हैं, जिनकी आवाज़...
ख़बरशख्सियत शहीद चंद्रशेखर आजाद के सपनों का भारत बनाने की जिम्मेदारी लेनी होगीके के पांडेयFebruary 27, 2020February 27, 2020 by के के पांडेयFebruary 27, 2020February 27, 20204 2164 (शहीद चंद्रशेखर आजाद की स्मृति को सलाम करते हुए उनके सपनों के हिंदुस्तान बनाने की जिम्मेदारी याद दिलाते हुए आज़ाद के शहादत दिवस पर यहां...
ख़बरशख्सियत मेहनत और मोहब्बत के शायर मख़दूम मोहिउद्दीनविष्णु प्रभाकरFebruary 4, 2020February 5, 2020 by विष्णु प्रभाकरFebruary 4, 2020February 5, 202003586 1936 का साल अदब के लिए भी ऐसा साल रहा है जिसने अदब की दिशा और दशा को नया मोड़ दे दिया। इसी साल अंजुमन...
जनमतशख्सियतस्मृति आम आदमी की हमसफ़र कहानियों के कहानीकार स्वयं प्रकाशसमकालीन जनमतDecember 9, 2019December 9, 2019 by समकालीन जनमतDecember 9, 2019December 9, 201903876 रत्नेश विष्वक्सेन आम आदमी की हमसफर कहानियों के कहानीकार स्वयं प्रकाश जी का इस तरह चले जाना उदास करता है।उनकी रिक्तता को उनकी कहानियां भरेंगी...
ज़ेर-ए-बहसशख्सियत वंचितों और पराधीन लोगों की ओर से बोलने वाले पहले दार्शनिक थे बुद्ध– प्रो. गोपाल प्रधानसमकालीन जनमतDecember 9, 2019 by समकालीन जनमतDecember 9, 201902448 ” जिसे बौद्ध दर्शन का दुःखवाद कहा जाता है उसे अगर सामान्य जीवन के अर्थों में परिभाषित करें तो क्या परिभाषा निकलती है कि दुःख...
जनमतशख्सियतस्मृति एक हमदर्द दोस्त की तरह मिलीं स्वयंप्रकाश की कहानियाँसुधीर सुमनDecember 8, 2019December 8, 2019 by सुधीर सुमनDecember 8, 2019December 8, 201902967 स्वयं प्रकाश से मिलने का इत्तिफाक नहीं हुआ, पर उनकी कहानियां इत्तिफाकन जिंदगी के बेहद बेचैन वक्तों में मेरे करीब आईं और मुझे किसी हमदर्द...
जनमतशख्सियतस्मृति क्या तुमने कभी स्वयं प्रकाश को देखा है ?समकालीन जनमतDecember 8, 2019December 8, 2019 by समकालीन जनमतDecember 8, 2019December 8, 201914201 प्रवीण कुमार क्या तुमने कभी स्वयं प्रकाश को देखा है ? हाँ ! मेरा यही जवाब है . देखा है और तीन बार मुलाकात भी...
कविताशख्सियतसाहित्य-संस्कृति बरेली में वीरेन डंगवाल के स्मारक का लोकार्पणसमकालीन जनमतDecember 8, 2019December 8, 2019 by समकालीन जनमतDecember 8, 2019December 8, 201902543 साहित्य अकादेमी सम्मान से पुरस्कृत विख्यात हिन्दी कवि वीरेन डंगवाल की स्मृति में बरेली में एक स्मारक का लोकार्पण आज किया गया. हिन्दी के जाने-माने...
जनमतशख्सियतस्मृति स्वयं प्रकाश की कहानियाँ: कुछ नोट्ससमकालीन जनमतDecember 8, 2019December 8, 2019 by समकालीन जनमतDecember 8, 2019December 8, 20192 9633 रेखा सेठी स्वयं प्रकाश जी का जाना हिंदी कहानी में एक युग के अंत का सूचक है। उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए एक पुराना लेख साझा...
जनमतशख्सियतस्मृति हमारे समय का सबसे ज़िंदादिल कथाकार चला गयासमकालीन जनमतDecember 7, 2019December 8, 2019 by समकालीन जनमतDecember 7, 2019December 8, 20195 3665 मिहिर पंड्या ‘अशोक और रेणु की असली कहानी’, ‘क्या तुमने कभी सरदार भिखारी देखा है’ जैसी अनेक अविस्मरणीय कहानियाँ लिखने वाले महत्वपूर्ण कथाकार स्वयंप्रकाश जी...
शख्सियतसाहित्य-संस्कृति अभी चलता हूँ ज़रा ख़ुद को सँभालूँ तो चलूँ: असरार-उल-हक़ ‘मजाज़’ को याद करते हुएविष्णु प्रभाकरDecember 5, 2019December 5, 2019 by विष्णु प्रभाकरDecember 5, 2019December 5, 20193 3457 (19 अक्टूबर 1911 – 5 दिसम्बर 1955) साल 1911। इसी साल दो बच्चे पैदा हुए, आगे चलकर जिन्होंने अपनी शायरी से उर्दू अदब में खूब...
जनमतशख्सियतस्मृति भोजपुर के चमकते लाल सितारेसमकालीन जनमतNovember 29, 2019November 29, 2019 by समकालीन जनमतNovember 29, 2019November 29, 201913111 शहादत की 44वीं बरसी : कॉ. जौहर, कॉ. निर्मल व कॉ. रतन को लाल सलाम! आज 29 नवंबर है। 1975 में आज ही के दिन भाकपा-माले...
जनमतशख्सियतस्मृति अलविदा शौक़त आपासमकालीन जनमतNovember 23, 2019November 23, 2019 by समकालीन जनमतNovember 23, 2019November 23, 201901785 अली जावेद कैफी़ ने कहा था: एलान-ए-हक़ में ख़तर-ए-दार-ओ-रसन तो है लेकिन सवाल ये है कि दार-ओ-रसन के बाद? याद कीजिये तरक़्की़पसंद अदबी तहरीक का...
जनमतशख्सियतस्मृति “यह थी भूमिका हम-तुम मिले थे जब” मुक्तिबोध स्मरण (जन्मदिन 13 नवम्बर)रामजी रायNovember 13, 2019November 13, 2019 by रामजी रायNovember 13, 2019November 13, 201902734 मुक्तिबोध और उनकी कविता के बारे में लोग कहते हैं कि वो विकल-बेचैन, छटपटाते कवि हैं. लेकिन देखिये तो दरअसल, मुक्तिबोध कविता की विकलता के...
शख्सियतसाहित्य-संस्कृति जम्हूरियत की ज़ुबान : अदम गोंडवीआशुतोष कुमारOctober 23, 2019December 18, 2021 by आशुतोष कुमारOctober 23, 2019December 18, 202104491 फूल के जिस्म पे पहलू बदल रही तितली , पेट की आग में जलते हुए बशर की तरह . मेरे ज़ेहन में तेरी शक्ल...