समकालीन जनमत

Category : शख्सियत

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उपन्यास सम्राट प्रेमचंद की रचनाधर्मिता और आधार भूमि 

(31 जुलाई को प्रेमचंद की 140वीं जयंती के अवसर पर समकालीन जनमत 30-31 जुलाई ‘जश्न-ए-प्रेमचंद’ का आयोजन कर रहा है। इस अवसर पर समकालीन जनमत...
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प्रेमचंद ! अब सब कहते हैं ईमान के डर से जान थोड़ी गवायेंगे!

समकालीन जनमत
(31 जुलाई को प्रेमचंद की 140वीं जयंती के अवसर पर समकालीन जनमत 30-31 जुलाई ‘जश्न-ए-प्रेमचंद’ का आयोजन कर रहा है। इस अवसर पर समकालीन जनमत...
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प्रेमचंद की कहानी ‘बड़े भाई साहब’ का पाठ: जश्न-ए-प्रेमचंद में बच्चों की भागीदारी

समकालीन जनमत
31 जुलाई को प्रेमचंद की 140वीं जयंती के अवसर पर समकालीन जनमत दो दिवसीय ‘जश्न-ए-प्रेमचंद’ का आयोजन कर रहा है। इसी के तहत समकालीन जनमत...
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हिन्दी साहित्य का जातिवाद और प्रेमचंद: रामायन राम

समकालीन जनमत
(31 जुलाई को प्रेमचंद की 140वीं जयंती के अवसर पर समकालीन जनमत 30-31 जुलाई ‘जश्न-ए-प्रेमचंद’ का आयोजन कर रहा है। इस अवसर पर समकालीन जनमत...
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मेरे जीवन में प्रेमचंद: शेखर जोशी

समकालीन जनमत
( नयी कहानी आंदोलन के प्रमुख कहानीकार शेखर जोशी का जन्म उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले के ओलियागांव ग्राम में हुआ. अपनी माँ की असमय मृत्यु...
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जमीन की लड़ाई लड़ती सी.के. जानू !

जनार्दन
‘मैं भुला दिए गए उन हजारों योद्धाओं की ओर से बोल रहा हूं, जो आजादी की लड़ाई में आगे रहे, लेकिन उनकी कोई पहचान नहीं।...
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अफीम सागर के विरोध में उठा एक मजबूत स्त्री का हाथ

समकालीन जनमत
डा. शिवप्रिय  हिंदी सूचना संसार अपनी खुद (हिंदी क्षेत्र) की स्मस्याओं से अटा-पटा रहता है। यह आलेख इस हिंदी बौद्धिक समाज की तंद्रा तोड़ने के...
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प्रो. तुलसी राम के चिंतन व लेखन को सामने लाना ज़रूरी है!

डॉ रामायन राम
“जब मैं पहले दिन स्कूल पहुंचा तो नाम लिखते हुए अध्यापक मुंशी राम सूरत लाल ने पिता जी से पूछा यह कब पैदा हुआ था?...
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लोकतंत्र अभी भी सपनों में पलता एक इरादा है

कुमार मुकुल
(महेश्वर हिंदी की क्रांतिकारी जनवादी धारा के महत्वपूर्ण एक्टिविस्ट, पत्रकार, संपादक, लेखक, कवि और विचारक थे। वे समकालीन जनमत के प्रधान संपादक थे। महेश्वर जी...
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विविधता से भरा है बसु चटर्जी का फ़िल्म संसार

मुकेश आनंद
(समकालीन जनमत के लिए महत्वपूर्ण राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय फिल्मों पर  साप्ताहिक टिप्पणी लिख रहे मुकेश आनंद याद कर रहे हैं सुप्रसिद्ध हिंदी सिने निर्देशक बसु चटर्जी को.-सं)...
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सभ्यता का संकट-रवींद्रनाथ टैगोर

समकालीन जनमत
(रवीन्द्रनाथ टैगोर के आखिरी व्याख्यान ‘क्राइसिस ऑफ सिविलाइजेशन’ का यह अनुवाद हम समकालीन जनमत के पाठकों के लिए दे रहे हैं । अनुवाद किया है ...
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छोटी कहानियों में बड़ी बात कहने वाला अफसानानिगार मंटो

सआदत हसन मंटो की यौमे पैदाइश पर ख़ास ग़ालिब का एक मशहूर शे’र है- ‘हैं और भी दुनिया में सुख़न-वर बहुत अच्छे कहते हैं कि...
शख्सियत

आम अवाम के शायर कैफ़ी आज़मी

कैफ़ी आज़मी की पुण्यतिथि पर 14 जनवरी 1919. मिजवां, आजमगढ़ के जमींदार परिवार सैयद फतह हुसैन रिज़्वी और कनिज़ फातमा के घर अतहर हुसैन रिज़्वी...
शख्सियत

गैरबराबरी और अन्याय के खिलाफ़ डॉ. स्वाति का जुझारू जज़्बा हमेशा आह्वान देता रहेगा

हमें इस अनोखी बात पर गौर करना चाहिए कि एक शख़्सियत ने विज्ञान और वैज्ञानिक सोच की राह पर चलते हुए सक्रिय राजनीति और समाज...
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वह आग मार्क्स के सीने में जो हुई रौशन

आज 5 मई को कार्ल मार्क्स के जन्मदिन पर दिल्ली विश्वविद्यालय में हिंदी की प्राध्यापिका उमा राग की आवाज़ में प्रस्तुत हैं दो कविताएँ ।...
कविताशख्सियत

मुझें मसीहाई में यक़ीन है ही नहीं, मैं मानता ही नहीं कि कोई मुझसे बड़ा होगा

समकालीन जनमत
ममता मुझें मसीहाई में यक़ीन है ही नहीं, मैं मानता ही नहीं कि कोई मुझसे बड़ा होगा, जनकवि  रमाशंकर यादव ‘विद्रोही’ का जन्म 5 दिसम्बर...
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तुम मुझे यूं भुला न पाओगे: हसरत जयपुरी

विष्णु प्रभाकर
(उर्दू के मक़बूल शायर और हिंदी फ़िल्म संगीत की दुनिया के जाने माने नाम हसरत जयपुरी को उनके यौमे पैदाइश पर याद कर रहे हैं...
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डॉ. अंबेडकर और बौद्ध धम्म : मोक्षदाता नहीं, मार्गदाता की तलाश

डॉ रामायन राम
14 अक्टूबर 1956 को नागपुर में डॉ. अंबेडकर ने तीन लाख से भी अधिक लोगों के साथ बौद्ध धर्म अंगीकार किया। आधुनिक भारत के इतिहास...
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मोहब्बत और उम्मीद के शायर फ़िराक़ गोरखपुरी

 (उर्दू के मशहूर शायर फिराक गोरखपुरी की पुण्यतिथि पर युवा कहानीकार, आलोचक विष्णु प्रभाकर का लेख। ) उर्दू शायरी में कहन पर जियादा जोर है।...
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