समकालीन जनमत
शख्सियत

वह आग मार्क्स के सीने में जो हुई रौशन

आज 5 मई को कार्ल मार्क्स के जन्मदिन पर दिल्ली विश्वविद्यालय में हिंदी की प्राध्यापिका उमा राग की आवाज़ में प्रस्तुत हैं दो कविताएँ ।

पहली कविता खुद मार्क्स के युवा दिनों की रचना है जिसका शीर्षक है जीवन लक्ष्य. दूसरी कविता अली सरदार ज़ाफ़री ने मार्क्स की स्मृति में लिखी है.

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