समकालीन जनमत

Tag : प्रो आशुतोष कुमार

ज़ेर-ए-बहस

सोचता हूँ, इसलिए अपराधी हूँ..( भीमा कोरेगांव-16 और असहमति से आतंकित राज्य )

आशुतोष कुमार
भीमा कोरेगांव-16 ठीक इस समय, जब ये पंक्तियाँ लिखी जा रही हैं, देश के कुछ लब्धप्रतिष्ठ लेखक,कलाकार, प्रोफ़ेसर, वकील, बुद्धिजीवी और मानवाधिकारवादी कर्मकर्ता जेलों में बंद हैं. कुछ जो...
शख्सियतसाहित्य-संस्कृति

जम्हूरियत की ज़ुबान : अदम गोंडवी

आशुतोष कुमार
  फूल के जिस्म पे पहलू बदल रही तितली , पेट की आग में जलते हुए बशर की तरह . मेरे ज़ेहन में तेरी शक्ल...
कवितासाहित्य-संस्कृति

‘ चन्द्रेश्वर की कविताएं सरल पर लिखना उतना ही कठिन ’

समकालीन जनमत
चन्द्रेश्वर प्रेम और प्रतिरोध के कवि हैं. ऐसी कविताओं की जरूरत थी. ये अपनी रचना प्रक्रिया और कन्टेन्ट में समकालीन कविताएं हैं. यहां व्यंग्य चित्र...
Fearlessly expressing peoples opinion