समकालीन जनमत

Month : April 2022

ज़ेर-ए-बहस

भारतीय समाज की विविधता के बारीक तंतुओं पर पर टिका लोकतंत्र ही बड़ी प्रतिरोधी ताकत है

जयप्रकाश नारायण  गुजरात के बड़गांम के विधायक जिग्नेश मेवानी को यह पता नहीं था, कि कोई प्रशिक्षित दस्ता उनके दरवाजे पर रात्रि के 11:30 बजे...
जनमत

उर्दू पत्रकारिता में इंसानियत का दायरा बड़ा होना चाहिए

जनार्दन
(इस आलेख का विचार शफ़ी किदवई के एक आलेख से ग्रहण किया गया है। शफ़ी किदवई का यह आलेख ‘उर्दू का लोकवृत्त’ (The Urdu public...
समर न जीते कोय

समर न जीते कोय-12

मीना राय
(समकालीन जनमत की प्रबन्ध संपादक और जन संस्कृति मंच, उत्तर प्रदेश की वरिष्ठ उपाध्यक्ष मीना राय का जीवन लम्बे समय तक विविध साहित्यिक, सांस्कृतिक, राजनैतिक...
स्मृति

जनमुक्ति के संघर्ष व स्वप्न का कवि विजेन्द्र

कौशल किशोर
स्मृति दिवस 29 अप्रैल   पिछले साल आज के दिन 29 अप्रैल को हमने अपना अग्रज साथी, सहयोद्धा, लोकधर्मी कवि और साहित्य चिन्तक विजेन्द्र को...
जनमतदुनिया

महामारी, युद्ध और वैश्विक शक्ति संतुलन- पांच

जयप्रकाश नारायण  मंदी और महामारी के साथ पिछले दो दशक से श्रृंखलाबद्ध युद्धों  में उलझा अमेरिकी साम्राज्यवाद गहरे संकट में फंसा है। जिससे उसकी बादशाहत...
जनमतदुनिया

महामारी, युद्ध और वैश्विक शक्ति संतुलन- चार

जयप्रकाश नारायण  संयुक्त राज्य अमेरिका पिछले 70 वर्षों से दुनिया का रखवाला और संरक्षक बना हुआ है। लेकिन आज उसके इस स्थान को कई क्षेत्रों...
ख़बर

पहली बरसी पर स्मृति सभा आयोजित कर कामरेड उषा शर्मा को याद किया गया 

भागलपुर। ऐपवा की जिला अध्यक्ष व भाकपा-माले की नगर कमिटी सदस्य रहीं कामरेड उषा शर्मा की प्रथम बरसी पर  23 अप्रैल को स्थानीय पेंशनर समाज...
ख़बर

जनसुनवाई में कोशी तटबन्ध के बीच सर्वे के प्रावधान को रैयत/किसान विरोधी बताया गया

 सुपौल (बिहार)। ” कोशी नदी के तटबन्ध के बीच चल रहे सर्वे के प्रावधान किसान रैयत विरोधी है उसे नही बदला गया तो विवश होकर...
स्मृति

रामनिहाल गुंजन : मेरा जीवन और मेरा परिवेश

( रामनिहाल गुंजन जी ने अपने जीवन की यह दास्तान समकालीन जनमत के संपादक मंडल के सदस्य सुधीर सुमन के बहुत अनुरोध पर लिखी थी।...
स्मृति

रामनिहाल गुंजन : कभी खत्म नहीं होती हैं शब्द यात्राएँ

सुधीर सुमन
रामनिहाल गुंजन हिन्दी की प्रगतिशील-जनवादी आलोचना के सुपरिचित नाम थे। उनका जन्म 9 नवंबर 1936 को हुआ था। वे हिन्दी के ऐसे आलोचक थे, जो...
स्मृति

संगठन और आन्दोलन के व्यक्ति थे सुरेश पंजम

कौशल किशोर
प्रथम स्मृति दिवस 25 अप्रैल ‘ वे नष्ट कर सकते हैं/तमाम फूलों को पर बसंत को आने से/वे रोक नहीं पायेंगे ’  यह सुरेश पंजम...
ख़बर

भाकपा माले का का प्रतिनिधि मंडल खैवजपुर पहुंचा, कहा-यूपी में कानून व्यवस्था ध्वस्त 

समकालीन जनमत
प्रयागराज। भाकपा माले ने थरवई थाना क्षेत्र के खैवजपुर में एक ही परिवार के पाँच लोगों की हत्या की घटना की जल्द खुलासे और घटना...
ख़बर

‘ बेरोजगारी के कारण बढ़ती हताशा आत्महत्या की प्रमुख वजह ’

प्रयागराज। नौजवानों में बढ़ते अवसाद और आत्महत्या पर आइसा व आरवाईए द्वारा इलाहाबाद विश्वविद्यालय छात्रसंघ भवन पर छात्र युवा संवाद का आयोजन किया गया। संवाद...
स्मृति

‘ लेखन व जीवन की समरूपता के प्रतीक थे रामनिहाल गुंजन ’

आरा। जाने माने आलोचक, कवि रामनिहाल गुंजन की स्मृति में जन संस्कृति मंच , भोजपुर-आरा की ओर से स्थानीय बाल हिंदी पुस्तकालय में रविवार की...
पुस्तक

समकाल की आवाज़ – कुछ कवि, कुछ नोट्स

उमा राग
कुमार मुकुल   आँखें आशंकित थीं हाथों ने कर दिखाया अजेय की कविताएँ ठोस ढंग से विवेक की ताकत को अभिव्‍यक्‍त करती श्रम की संस्‍कृति...
कविता

भास्कर चौधुरी की कविताएँ: यहाँ कोई सरहद नहीं है

समकालीन जनमत
कौशल किशोर समकालीन रचनाशीलता दबाव में है। रचनाकार के निजी जीवन, अनुभव संसार, भाव-संवेदना,  लय-ध्वनि सभी अतिरिक्त दबाव में हैं। यह उसके अन्तर्य पर बाह्य...
ख़बर

साम्प्रदायिक ताकतों के खिलाफ दिल्ली के नागरिक समाज ने जंतर मंतर पर किया विरोध प्रदर्शन

समकालीन जनमत
संघ-गिरोह अपने स्थापना-काल से ही मुसलमानों के खिलाफ अनर्गल दुष्प्रचार करने और नफरत फैलाने के गर्हित-घृणित कार्य में लगा हुआ है। सन् 2014 में सत्ता...
ख़बर

संविधान पर बुलडोजर नहीं सहेंगे

समकालीन जनमत
बुलडोजर को रोकेंगे, संघर्ष करेंगे जीतेंगे बलिया के निर्दोष पत्रकारों को रिहा करो, सांप्रदायिक हिंसा पर रोक लगाओ जैसे नारों के साथ आज इलाहाबाद के नागरिक...
जनमतदुनिया

महामारी, युद्ध और वैश्विक शक्ति संतुलन- तीन

जयप्रकाश नारायण  1980 के बाद समाजवादी मुल्कों में आये आर्थिक ठहराव और संकट ने चीन जैसे देशों को अपनी नीतियों को पुनर्संयोजित और व्यवस्थित करने...
जनमत

शिवम तोमर की कविताएँ समय की निर्मम रेखाओं को उनकी गतिशीलता के साथ दर्ज करती हैं

समकालीन जनमत
नितिन यादव शिवम तोमर की ये कविताएँ अनुपस्थिति में उपस्थिति की अनुगूंज की कविताएँ हैं; गहरे अकेलेपन और यंत्रणा की अभिव्यक्ति हैं। पिता पर शिवम...
Fearlessly expressing peoples opinion