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‘ बेरोजगारी के कारण बढ़ती हताशा आत्महत्या की प्रमुख वजह ’

प्रयागराज। नौजवानों में बढ़ते अवसाद और आत्महत्या पर आइसा व आरवाईए द्वारा इलाहाबाद विश्वविद्यालय छात्रसंघ भवन पर छात्र युवा संवाद का आयोजन किया गया।

संवाद कार्यक्रम में बोलते हुए डॉ राजकुमार राव ने कहा कि केंद्रीय व राज्य विश्वविद्यालयों में इंटरव्यू देने के बावजूद चयनित ना हो पाने से मेरे अंदर खुद निराशा घर गई थी। सम्मानजनक रोजगार ना मिल पाने से नौजवानों में काफी हताशा व्याप्त है जिसके चलते आत्महत्या की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं।

आइसा के राष्ट्रीय सचिव शैलेश पासवान ने कहा कि आत्महत्या के लिए सरकार द्वारा अपनाई जा रही रोजगार विहीन विकास का मॉडल जिम्मेदार है जिसमें लोगों को स्थायी, सुरक्षित रोजगार मिलने के बजाय रोजगार खत्म हो रहा है। उन्होंने प्राइवेट सेक्टर को सरकारी क्षेत्रों में लाने की जरूरत बताई।

पीयूसीएल के जिला सचिव मनीष सिन्हा ने कहा कि पूरे संकट की वजह कारपोरेट परस्त नीति है। इसको बदल कर ही नौजवानों को आत्महत्या करने से बचाया जा सकता है।

निलेश पंत ने कहा कि समाज में व्यापक स्तर पर हताशा व्याप्त हो गई है जिस को दूर करने के लिए हमें व्यापक स्तर पर लोगों के बीच संवाद स्थापित करना होगा। लहरतारा ने कहा कि समाज में लगातार बढ़ता व्यक्तिवाद लोगों को एक दूसरे से दूर करता जा रहा है। सामाजिकता का अभाव दिखाई दे रहा है जिससे आत्महत्या की घटनाएं ज्यादा हो रही हैं।

जोया अंशु ने कहा कि आत्महत्या के खिलाफ रोजगार के अधिकार के लिए किसान आंदोलन की तरह बड़े आंदोलन की जरूरत है. संवाद में शोध छात्र शक्ति रजवार ,अनिरुद्ध ,अंकेश मद्धेशिया ,आयुष द्विवेदी शामिल रहे।

संचालन आरवाईए के प्रदेश सचिव सुनील मौर्य ने किया. बातचीत में शामिल सभी युवाओं ने एक स्वर में छात्र युवा संवाद को व्यापक स्तर पर चलाने पर जोर दिया।

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