सिने दुनिया सिने दुनिया: परफ़्यूम(जर्मन): एक मरा हुआ पैगंबर..फ़िरोज़ ख़ानMay 30, 2021June 1, 2021 by फ़िरोज़ ख़ानMay 30, 2021June 1, 202101363 नायक-खलनायक, देवता-राक्षस, पैगंबर और शैतान, जीवन के सिर्फ दो ही शेड नहीं होते। किसी पैगंबर या देवता या ईश्वर का कोई ऐसा शेड भी हो...
कविता तनुज की कविताएँसमकालीन जनमतMay 30, 2021May 30, 2021 by समकालीन जनमतMay 30, 2021May 30, 202102159 प्रशांत विप्लवी “कविता की नब्ज़ को छूकर हम महसूस कर सकते हैं कि उसमें हमारा कितना रक्त, कितने ताप और दबाव का प्रवाह दौड़ रहा...
ज़ेर-ए-बहस कोविड-19 से मुकाबला और वैज्ञानिक दृष्टिकोणराम पुनियानीMay 28, 2021May 28, 2021 by राम पुनियानीMay 28, 2021May 28, 20210909 भारत के कोविड महामारी की चपेट में आने बाद इस बीमारी का इलाज खोज निकालने का दावा करने वालों में बाबा रामदेव शायद सबसे पहले...
ज़ेर-ए-बहस कोविड से मौतों को क्यों छुपाना चाहती है सरकार ?नितिन राजMay 28, 2021May 28, 2021 by नितिन राजMay 28, 2021May 28, 20210964 इस वक्त पूरा देश कोरोना महामारी की दूसरी लहर से लड़ रहा है, संभावना यह है कि देश को कोरोना की तीसरी लहर का भी...
जनमतसाहित्य-संस्कृति निराला की कहानियाँ: राष्ट्र-निर्माण, शिक्षा और संस्कृतिदुर्गा सिंहMay 27, 2021 by दुर्गा सिंहMay 27, 202101275 निराला ऐसे रचनाकार हैं, जिन्हें भारतीय प्रबोधन या नवजागरण के तत्वों से अलग करके नहीं देखा जा सकता है। यह प्रबोधन वैयक्तिक स्वतंत्रता की चेतना...
स्मृति शक़ील अहमद ख़ान: होठों पर हँसी, आँखों में प्यार बसा था जिसके…फ़िरोज़ ख़ानMay 26, 2021May 26, 2021 by फ़िरोज़ ख़ानMay 26, 2021May 26, 202104943 शक़ील अहमद ख़ान को सुपुर्द-ए-आग कर दिया गया। जी हाँ, ठीक सुना- सुपुर्द-ए-ख़ाक नहीं। लखनऊ के इलेक्ट्रिक शव दाह गृह में उनकी करीब 30...
कविता फ़िरोज़ की कविताएँ इस राजनीतिक सन्निपात में एक सचेत बड़बड़ाहट हैंसमकालीन जनमतMay 23, 2021May 23, 2021 by समकालीन जनमतMay 23, 2021May 23, 202101347 प्रभात मिलिंद फ़िरोज़ खान की ये कविताएँ फ़ासीवाद के ख़िलाफ़ आक्रोश की कविताएँ है। काव्य-वक्रोक्ति की अनुपस्थिति में ये अपने लहज़े में थोड़ी खुली हुई...
स्मृति मेरी मातृभूमि का कोई मुआवज़ा नहीं हो सकता: सुंदरलाल बहुगुणासमकालीन जनमतMay 22, 2021May 22, 2021 by समकालीन जनमतMay 22, 2021May 22, 20210829 मई 1995 में वर्तमान में उत्तराखण्ड में शिक्षक नवेंदु मठपाल टिहरी बांध आंदोलन और वहाँ के डूब क्षेत्र के गाँवों की स्थितियों को नज़दीक से...
ख़बर योगी सरकार का जोर जान बचाने पर कम, मौतों को छुपाने और अपनी छवि चमकाने पर ज्यादा : भाकपा मालेसमकालीन जनमतMay 20, 2021May 20, 2021 by समकालीन जनमतMay 20, 2021May 20, 20210759 लखनऊ। भाकपा (माले) की राज्य इकाई ने कहा है कि योगी सरकार में कोरोना से मौत होने पर इंसानी लाशें आंकड़ा भी नहीं बन पा...
स्मृति प्रो. लाल बहादुर वर्मा: वे एक साथ अध्यापक और दोस्त दोनों थेसमकालीन जनमतMay 18, 2021May 20, 2021 by समकालीन जनमतMay 18, 2021May 20, 202101823 धर्मेंद्र सुशांत लाल बहादुर वर्मा नहीं रहे.. करीब 20–21 साल पहले पटना में उनसे पहली बार मुलाकात हुई थी गोकि जान उन्हें पहले चुका था....
स्मृति प्रो. लाल बहादुर वर्मा: एक प्रोफ़ेसर जिसने विविधता का मतलब बतायासमकालीन जनमतMay 17, 2021November 20, 2021 by समकालीन जनमतMay 17, 2021November 20, 202101820 सविता पाठक ये माना जिन्दगी है चार दिन की बहुत होते हैं यारों ये चार दिन भी -फ़िराक़ प्रो लालबहादुर वर्मा नहीं रहे। ये ख़बर...
स्मृति प्रो. लालबहादुर वर्मा : अप्रतिम आवयविक बुद्धिजीवी के रूप में एक प्रकाश-स्तम्भप्रणय कृष्णMay 17, 2021May 17, 2021 by प्रणय कृष्णMay 17, 2021May 17, 202101689 ( अप्रतिम जनबुद्धिजीवी प्रो. लालबहादुर वर्मा अब हमारे बीच नहीं हैं। आज उनका निधन हो गया। समकालीन जनमत उनको श्रद्धांजलि देते हुए प्रो. प्रणय कृष्ण का...
स्मृति मेरी नींद मत लो मेरे सपने लो: मंगलेश स्मृतिसमकालीन जनमतMay 17, 2021May 18, 2021 by समकालीन जनमतMay 17, 2021May 18, 202101344 मिथिलेश श्रीवास्तव दिल्ली शहर मंगलेश डबराल की कविता ‘मत्र्योश्का’ की तरह है ( मत्र्योश्का रूस की एक लोकप्रिय गुड़िया है जिसमें लकड़ी की बनी क्रमशः...
कविता पहाड़ों की यातनाएं संजोते मंगलेश दासमकालीन जनमतMay 16, 2021 by समकालीन जनमतMay 16, 202101447 अर्पिता राठौर मंगलेश डबराल का रचना कर्म उस सफर सरीखा है जो अपना समस्त जीवन मानवीय विडंबनाओं में संभावना तलाशते हुए गुज़ार देना चाहता है।...
सिने दुनिया सिने दुनिया: बारां (पर्शियन)(ईरान): मोहब्बत में नहीं है फ़र्क़ जीने और मरने का…फ़िरोज़ ख़ानMay 16, 2021May 16, 2021 by फ़िरोज़ ख़ानMay 16, 2021May 16, 20210971 प्रेम कहानियों के सिरहाने न जाने कितने दर्द, कितनी तकलीफ़ें दफ़्न हैं। यह बात इसलिए भी कि प्रेम एक सियासी मसला है। सियासत तय करती...
कविता रवि निर्मला सिंह की कविताएँ जातिवाद की जड़ों और उसकी चोट की तल्ख़ पहचान हैंसमकालीन जनमतMay 16, 2021May 16, 2021 by समकालीन जनमतMay 16, 2021May 16, 202101214 हीरालाल राजस्थानी आज के युवा रचनाकार मार्क्स के वैज्ञानिक दृष्टिकोण को भी भली भांति समझते हैं और जाति के सवालों तथा समतामूलक समाज के निर्माण...
ख़बर एक होनहार आदिवासी अफसर की मौत पर खामोशी क्यों है ?जनार्दनMay 15, 2021May 16, 2021 by जनार्दनMay 15, 2021May 16, 202101693 03 मई 2021 की शाम को साहेबगंज की थाना प्रभारी सुश्री रूपा तिर्की का शव उनके सरकारी आवास में फंदे से लटका मिला। थोड़ी ही...
ज़ेर-ए-बहस भाजपा सदस्यों के नाम संगीतकार टी. एम. कृष्णा का ख़तसमकालीन जनमतMay 11, 2021May 11, 2021 by समकालीन जनमतMay 11, 2021May 11, 202101642 प्रसिद्ध संगीतकार टी एम कृष्णा ने आज ‘इंडियन एक्स्प्रेस’ में Dear Members of BJP शीर्षक से यह लेख/ख़त लिखा है। यहाँ उस ख़त का डॉ....
सिनेमा जाति की जटिलता में गंधर्व विवाह की परेशानियों को उजागर करती फिल्म ‘जाग उठा इंसान’जनार्दनMay 11, 2021May 11, 2021 by जनार्दनMay 11, 2021May 11, 20210677 1 – जाति व्यवस्था नियंत्रित तथा मर्यादित जीवन भोग का ही दूसरा नाम है। प्रत्येक जाति अपने जीवन में खुशहाल रहने के लिए ही सीमित...
ख़बर पंचायतों के कार्यकाल को 6 महीने बढ़ाए सरकार, नौकरशाही के हवाले करना गलत : भाकपा मालेसमकालीन जनमतMay 10, 2021 by समकालीन जनमतMay 10, 20210923 पटना। भाकपा-माले राज्य सचिव कुणाल ने कहा है कि कोविड के प्रकोप को देखते हुए पंचायतों केे चुनाव को हमने 6 महीने तक टालने का...