समकालीन जनमत

Tag : अविनाश दास

स्मृति

शक़ील अहमद ख़ान: होठों पर हँसी, आँखों में प्यार बसा था जिसके…

फ़िरोज़ ख़ान
  शक़ील अहमद ख़ान को सुपुर्द-ए-आग कर दिया गया। जी हाँ, ठीक सुना- सुपुर्द-ए-ख़ाक नहीं। लखनऊ के इलेक्ट्रिक शव दाह गृह में उनकी करीब 30...
शख्सियतसिनेमा

जब आँख ही से न टपका तो फिर लहू क्या है !

इस ख़त की कोई भूमिका नहीं हो सकती। इरफ़ान, जिनके सिरहाने की एक तरफ़ ज़िंदगी है और दूसरी तरफ़ अंधेरा, ने आत्मा की स्याही से...
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