समकालीन जनमत

Tag : Contemporary Hindi Poetry

कविता

रक्षा की कविताएँ भारतीय समाज में स्त्री जीवन का बेबाक और साहसिक बयान हैं

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निरंजन श्रोत्रिय कविता सिर्फ वाक्यावलियों, पंक्ति विन्यास या किसी विचार के शब्दबद्ध होने से ही संभव नहीं होती। अपने समय-समाज में घट रहे दृश्यों, दृष्टांतों...
कविता

अरुण शीतांश की कविताएँ: विषयों के अनंत में अपने कवि की खोज

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भरत प्रसाद यदि दृष्टि की दिशाएं बहुदिशात्मक हों, यदि भावनाओं की गति अनेक आयामी हो, यदि हम व्यक्तित्वांतरण कर पाने के साहस से परिपूर्ण हों,...
कविता

रोशनी वर्मा की कविताएँ चीज़ों के पार देखने की उत्सुकता से भरपूर हैं

समकालीन जनमत
निरंजन श्रोत्रिय युवा कवयित्री रोशनी वर्मा की कविताएँ सधे हाथों से लिखी ऐसी कविताएँ हैं जो एक हौले स्वर में पाठकों से संवाद करती हैं।...
जनमत

“तुम्हारे होने से होता है सब” मायामृग की कविताएँ

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गणेश गनी राजस्थान के कवि माया मृग की कविताएँ अपनी ओर एक गहरे आकर्षण से खींचती हैं। उनकी कविताओं में कल्पना यथार्थ को और मार्मिक...
पुस्तक

पार्वती: कवि-कहानीकार शेखर जोशी की अपनी धरती और अपने लोगों से बहुत गहरे प्यार की कविताएँ हैं

समकालीन जनमत
सदाशिव श्रोत्रिय मैं देखता हूं कि हमारे अधिकांश लेखक “ नौस्टाल्जिया” शब्द का प्रयोग अक्सर इसके नकारात्मक अर्थ में ही करते हैं । मेरे ख्याल...
कविता

पुष्पराग की कविताएँ संवेदना और पर्यावरण को सहेजने की कोशिश हैं

समकालीन जनमत
निरंजन श्रोत्रिय   पुष्पराग की कविताओं का मूल स्वर एक ऐसे युवा एक्टिविस्ट का वह तेवर है जो अपने परिवेश में व्याप्त विषमताओं को लेकर...
कविता

चंद्रेश्वर की कविताएँ सरलता और संघर्ष को ज़रूरी जीवन मूल्य के रूप में बरतने का आग्रह हैं

समकालीन जनमत
कौशल किशोर चंद्रेश्वर चार दशक से साहित्य सृजन में रत कवि, आलोचक और गद्यकार हैं। उनके तीन कविता संग्रह प्रकाशित हो चुके हैं। ‘अब भी’...
कविता

कल्पना पंत की कविता अबोध-अनछुए मौलिक जीवन को बचाने की आकांक्षा है

समकालीन जनमत
कल्पना मनोरमा कविता क्या है? कोई मुझसे पूछे तो मैं यही कहूँगी कि कविता एक निहायत ज़रूरी ज्योतित आवाज़ है. जो पहले उसे जगाती है...
कविता

हेमंत देवलेकर की कविताएँ बदल रहे समय पर गहन दृष्टि से उपजे सवाल हैं

समकालीन जनमत
निरंजन श्रोत्रिय युवा कवि हेमंत देवलेकर की कविताओं से गुजरना वह सुखद अहसास है जो मौसम की बारीकियों को समझने, समय को बीतते हुए महसूसने...
कविता

सौम्या सुमन की कविताएँ अनसुने-अनकहे के दरमियान प्रेम के सहज सौन्दर्य की बानगी हैं

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प्रभात मिलिंद मेरे विचार में कविताओं को पानी की शांत सतह पर गिरते हुए एक सूखे पत्ते की तरह होना चाहिए– दृश्य में एकदम स्पंदनहीन...
कविता

ज्योति की कविताएँ चुप्पी का सौंदर्य बयां करती हैं

अनुपम सिंह
ज्योति तिवारी को मैं पिछले लगभग पाँच वर्षों से जानती हूँ। ज्योति भी मुझे जानती हों ज़रूरी नहीं। वैसे तो वह ज़्यादातर निष्क्रिय ही  दिखाई...
कविता

प्रियंका दुबे की कविताएँ भारत की नई स्त्री की प्रेमाभिव्यक्ति हैं

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देवेश पथ सारिया इक्कीसवीं सदी के इक्कीस वर्षों में भारत के आम जनजीवन में बहुत फ़र्क़ आया है। इसका सबसे अधिक असर भारतीय मध्यमवर्ग पर...
कविता

उमेश पंकज की कविताएँ जनता की अदम्य शक्ति और साहस की बानगी हैं

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कौशल किशोर   ‘बिजलियों की गड़गड़ाहट/और बारिश की बूंदों में/परिलक्षित होता है मालिक का शोर/और मजदूरों का मार्मिक विलाप/न जाने यह कैसी विडंबना है/उषा काल...
कविता

अणु शक्ति सिंह की कविताएँ स्त्री जीवन की जटिलताओं का मार्मिक विस्तार हैं

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निरंजन श्रोत्रिय स्त्री के एकाकीपन के अनेक संस्तर होते हैं-जटिल और पीड़ादायक। एक अनचाहे शून्य से भरी हुई स्त्री एक सुलगता सवाल है जिसे हल...
कविता

शेफाली की कविताएँ जीवन की सुंदरता से संवाद हैं

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अरुणाभ सौरभ शेफाली की कविताएँ उस युवा पीढ़ी की आवाज़ हैं जिसके सपने, मूल्य और संवेदना को यह व्यवस्था और तंत्र निरंतर तोड़ रहा है।...
कविता

जमुना बीनी की कविताएँ आदिवासियत की उपेक्षा का प्रतिकार हैं

समकालीन जनमत
कविता कादंबरी आदिवासी अस्मिता पर केंद्रित हिंदी कविताओं में कुछ सामान्य प्रवृत्तियाँ हैं जिसमें प्रकृति के साथ साहचर्य का भाव, ज्ञान निर्माण की प्रक्रिया पर...
कविता

घुँघरू की कविताएँ प्रेम के अनगढ़ रूप और सामाजिक संवेदना से भरपूर हैं

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निरंजन श्रोत्रिय घुँघरू की कविताओं में प्रेम और संवेदनों को लेकर एक अलग-सी कमनीयता है वह भी ज़िद के साथ। एक युवा कवयित्री प्रेम को...
कविताजनमत

कमला भसीन के गीत और कविताएँ जेंडर जागरूकता की असरदार अपील हैं

समकालीन जनमत
(समकालीन जनमत का ‘समकालीन हिंदी कविता’ का यह अंक लोकप्रिय नारीवादी -मानवाधिकार कार्यकर्ता और लेखिका कमला भसीन को समर्पित है, 75 वर्ष की उम्र में...
कविता

कल्पना झा की कविताएँ जो कुछ भी सुंदर है उसे बचा ले जाने की कोशिश हैं

समकालीन जनमत
आनंद गुप्ता रंगकर्मी एवं अभिनेत्री कल्पना झा की कविताओं में स्त्री मन की गहरी समझ है. इनकी कविताओं से गुजरते हुए हम स्त्रियों के दुख...
कविता

अनामिका अनु की कविताएँ स्त्री विमर्श को कई कोणों से देखती हैं

समकालीन जनमत
विशाखा मुलमुले   अनामिका अनु जी मूलतः बिहार की रहवासी हैं व कर्मभूमि से केरल की हैं। मैं जब उनकी कविताएँ पढ़ती हूँ तो कविता...
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