कविता मनोज चौहान की कविताएँ समाज के संवेदनशील विषयों की पड़ताल करती हैं।समकालीन जनमतMarch 24, 2024 by समकालीन जनमतMarch 24, 20240477 गणेश गनी कवियों की भीड़ में मनोज चौहान निरन्तर क्रियाशील हैं और सजग भी। बाजारवाद के इस युग में कविता का भी बाजारीकरण हुआ है।...
कविता विजय विशाल की कविताएँ शासक वर्ग के चेहरे को कठोरता से बेनक़ाब करती हैंसमकालीन जनमतMarch 3, 2024March 6, 2024 by समकालीन जनमतMarch 3, 2024March 6, 20240706 गणेश गनी स्मृतियों के सहारे चलते हुए जीवन कभी-कभी खूबसूरत और कभी-कभी यातनामय भी लगने लगता है। यह निर्भर करता है कि बीते समय की...
जनमत “तुम्हारे होने से होता है सब” मायामृग की कविताएँसमकालीन जनमतFebruary 6, 2022February 6, 2022 by समकालीन जनमतFebruary 6, 2022February 6, 20220140 गणेश गनी राजस्थान के कवि माया मृग की कविताएँ अपनी ओर एक गहरे आकर्षण से खींचती हैं। उनकी कविताओं में कल्पना यथार्थ को और मार्मिक...
कविता संजय शेफर्ड की कविताएँ: आजकल मैं तुम्हारी हँसी ओढ़ता हूँ..समकालीन जनमतJuly 3, 2021July 4, 2021 by समकालीन जनमतJuly 3, 2021July 4, 202101176 गणेश गनी तो वह टीले दर टीले चढ़ते हुए चैहणी दर्रे के ठीक ऊपर पहुँच ही गया। बादल ठीक उसके समानांतर तैर रहे हैं। जो...
कविताजनमत स्मृति और प्रेम का कवि कुंदन सिद्धार्थसमकालीन जनमतAugust 4, 2019August 4, 2019 by समकालीन जनमतAugust 4, 2019August 4, 201903259 जैसे पूरा गांव ही कमरे में समा गया हो! जब भी कोई शहर से लौटकर गाँव आता तो सारे लोग उसे घेरकर घण्टों शहर की...
कविता गणेश की कविताओं की इमेजरी महज़ काव्य उपादान नहीं उनके कवि-व्यक्तित्व की अंतर्धाराएँ हैंसमकालीन जनमतJune 2, 2019June 3, 2019 by समकालीन जनमतJune 2, 2019June 3, 20192 4234 निरंजन श्रोत्रिय अनूठे बिम्बों से युक्त काव्य-भाषा किसी कवि के अनुभूत जगत, संज्ञान, प्रश्नाकुलता, प्रतिभा, अभिप्राय, सरोकार और संवेदनों का प्रकट रूप होती है।...