समकालीन जनमत

Tag : उमेश पंकज

कविता

उमेश पंकज की कविताएँ जनता की अदम्य शक्ति और साहस की बानगी हैं

समकालीन जनमत
कौशल किशोर   ‘बिजलियों की गड़गड़ाहट/और बारिश की बूंदों में/परिलक्षित होता है मालिक का शोर/और मजदूरों का मार्मिक विलाप/न जाने यह कैसी विडंबना है/उषा काल...
साहित्य-संस्कृति

विस्थापन के दर्द को उकेरती हैं उमेश पंकज की कविताएं

कौशल किशोर
लखनऊ, 6 अक्टूबर। कवि उमेश पंकज  के पहले कविता संग्रह ‘एक धरती मेरे अन्दर’ का आज यहां स्थानीय कैफ़ी आज़मी एकेडमी में लोकार्पण हुआ। कार्यक्रम...
कवितासाहित्य-संस्कृति

उमेश पंकज का कविता पाठ: ‘मेहतर से नहीं कोई इंसान बेहतर’

कौशल किशोर
लखनऊ, 25 अगस्त। ‘वह पेड़ पर चढ़ कर/हरा बन गयी…..पेड़ से वह गिर गयी/रोप दी गयी मिट्टी में/वह फिर से उग रही है/उस तरह जिस...
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