कविता श्रीधर करुणानिधि की कविताएँ जटिल और क्रूर समय को व्यंजित करती हैंसमकालीन जनमतJune 18, 2023June 18, 2023 by समकालीन जनमतJune 18, 2023June 18, 2023093 योगेश प्रताप शेखर श्रीधर करुणानिधि के दो कविता–संग्रह प्रकाशित हुए हैं | ‘खिलखिलाता हुआ कुछ’ और ‘पत्थर से निकलती कराह’ | उन का पहला कविता...
कविता वंदना मिश्रा की कविताएँ स्त्री जीवन की जटिलताओं को उकेरती हैंसमकालीन जनमतJune 4, 2023June 4, 2023 by समकालीन जनमतJune 4, 2023June 4, 20230181 अमरजीत कौंके हिंदी की समकालीन स्त्री कविता में वंदना मिश्रा एक महत्वपूर्ण नाम है .उनकी कविताएँ समकालीन समाज के संकटों और विसंगतियों को अपने कलेवर...
कविता प्रतिभा चौहान की कविताएँ प्रकृति और सृष्टि की पक्षधरता का विमर्श हैंसमकालीन जनमतMay 28, 2023May 28, 2023 by समकालीन जनमतMay 28, 2023May 28, 20230191 शिरोमणि महतो सुपरिचित कवयित्री प्रतिभा चौहान की कविताएँ हिन्दी के वैविध्यपूर्ण साहित्यिक संसार में एक अलग स्थान रखती हैं। यूँ तो अनेक विषयों पर कविताएँ...
कविता अमरजीत कौंके की कविताओं में आम आदमी का जीवन और संघर्ष प्रमुखता से झलकता है।समकालीन जनमतMay 14, 2023May 14, 2023 by समकालीन जनमतMay 14, 2023May 14, 20230144 निरंजन श्रोत्रिय अमरजीत कौंके मूलतः पंजाबी भाषा के कवि हैं। उन्होंने पंजाबी-हिन्दी के बीच अनुवाद की महत्वपूर्ण आवाजाही की है। इन सबके साथ वे हिन्दी...
कविता सरिता संधू की कविताएँ व्यवस्था की आँखों में झाँकती संवेदनाएँ हैंसमकालीन जनमतMay 7, 2023May 7, 2023 by समकालीन जनमतMay 7, 2023May 7, 20230202 हीरालाल राजस्थानी सरिता संधू पिछले दो सालों से दलित लेखक संघ से जुड़ी हुई हैं। उनकी विशेषता है कि संगठन के प्रति अपने कर्तव्यों का...
कविता आनंद बहादुर की कविताएँ जीवन की अंतर्यात्रा को उकेरती हैंसमकालीन जनमतApril 30, 2023April 30, 2023 by समकालीन जनमतApril 30, 2023April 30, 20230141 विनय सौरभ नहीं होने ने जो थोड़ी सी जगह खाली की है वह मैं हूँ एक दिन नहीं होना किसी जगह से आएगा और...
कविता पुरू मालव की कविताएँ एक आत्मीय आग्रह के साथ बड़े सवालों पर बात करती हैंसमकालीन जनमतApril 23, 2023April 23, 2023 by समकालीन जनमतApril 23, 2023April 23, 2023046 निरंजन श्रोत्रिय युवा कवि पुरू मालव की आसान-सी दिखने वाली ये कविताएँ हमारे भीतर एक फोर्स के साथ खुलती हैं। वह चाहे विस्थापन का...
कविता मोहन कुमार डहेरिया की कविताएँ व्यक्तिगत और सामूहिक अभिव्यक्ति को सशक्त और बेचैन होकर ज़ाहिर करती हैंसमकालीन जनमतApril 16, 2023April 16, 2023 by समकालीन जनमतApril 16, 2023April 16, 2023096 पीयूष कुमार आत्मा के पेड़ पर बैठा कवि मोहन कुमार डहेरिया की कविताओं में मनुष्यविरोधी समय का अतियथार्थ अपनी विकलताओं और भावसघनाओं के साथ आता...
कविता अनिल अनलहातु की कविताएँ हमारी हताशा और जिजीविषा का अन्तर्द्वन्द्व हैंसमकालीन जनमतMarch 12, 2023March 12, 2023 by समकालीन जनमतMarch 12, 2023March 12, 2023063 प्रभात मिलिंद अनिल अनलहातु हमारे समय के विरल और अनिवार्य कवि हैं. कविताओं में वक्रोक्तियों का कारुणिक प्रयोग कैसे संभव हो सकता है, व्यंग्य में...
कविता शिरोमणि महतो की कविताओं की प्रकृति देशज है।समकालीन जनमतMarch 5, 2023March 5, 2023 by समकालीन जनमतMarch 5, 2023March 5, 2023077 निरंजन श्रोत्रिय युवा कवि शिरोमणि महतो की इन कविताओं में भाषा और अनुभवों की ताजगी साफ देखी जा सकती है। इन कविताओं मे कवि ने...
कविता उर्मिल मोंगा की कविताएँ स्वप्न और उम्मीद जगाती हैंसमकालीन जनमतFebruary 26, 2023February 26, 2023 by समकालीन जनमतFebruary 26, 2023February 26, 2023077 कौशल किशोर कहा जाता है कि मानवीय दर्द का एहसास व अनुभूति तथा मुक्ति की कलात्मक अभिव्यक्ति ही आज की कविता है। भाव, विचार व...
कविता यूनुस ख़ान की कविताएँ जीवन और समय की जटिलताओं को दर्ज करती हैंसमकालीन जनमतFebruary 19, 2023February 19, 2023 by समकालीन जनमतFebruary 19, 2023February 19, 20230105 निरंजन श्रोत्रिय सरलता का शिल्प सबसे जटिल होता है। जीवन और समय की जटिलताओं को कविता के जटिल शिल्प में ढाल देना एक रूपान्तरण हो...
कविता बोधिसत्व की कविताएँ सच सरेआम कहने के हुनर का शिल्प हैंसमकालीन जनमतFebruary 12, 2023February 12, 2023 by समकालीन जनमतFebruary 12, 2023February 12, 20230190 भरत प्रसाद बोधिसत्व की पहचान 90 के दशक के प्रमुख कवि के तौर पर बनी, जो आजतक कायम है। हम जो नदियों का संगम हैं-2002...
कविता सुनीता ‘अबाबील’ की कविताएँ स्त्री पीड़ा की अंतर यात्रा हैंसमकालीन जनमतFebruary 5, 2023February 6, 2023 by समकालीन जनमतFebruary 5, 2023February 6, 20230210 हीरालाल राजस्थानी बेशक ही दलित व हिंदी साहित्य में स्त्री विमर्श को स्थान मिलता रहा है। खासतौर पर कविता विधा में, जहाँ शुरुआती दौर में...
कविता रमेश ऋतंभर की कविताओं में सामूहिकता की भावना शिद्दत से अभिव्यक्त होती हैसमकालीन जनमतJanuary 29, 2023January 29, 2023 by समकालीन जनमतJanuary 29, 2023January 29, 2023079 पंकज चौधरी समकालीन हिन्दी कविता में दो तरह की कविताएँ अधिक प्रामाणिक और विश्वसनीय कही जा सकती हैं। एक तो वे कविताएँ, जिन्हें लिखने वाले...
कविता श्याम अविनाश की कविता: अदृश्य से जन्मता है दृश्यसमकालीन जनमतJanuary 22, 2023January 22, 2023 by समकालीन जनमतJanuary 22, 2023January 22, 2023068 आनंद बहादुर …दूर नीम का एक पेड़ भींग रहा है या नहीं दूर से दिखता नहीं है किसी का भींगना… मांदल की आवाज के...
कविता अरुण आदित्य वक्र उक्ति के सहज कवि हैंसमकालीन जनमतJanuary 8, 2023January 8, 2023 by समकालीन जनमतJanuary 8, 2023January 8, 20230115 बोधिसत्व कवि अरुण आदित्य की कविता हिंदी में कहाँ उपस्थित है इस बात का आकलन इन पंद्रह कविताओं से नहीं किया जा सकता। वे स्थापित...
कविता पूनम सोनछात्रा की कविताएँ प्रेम और दर्शन के महीन सिरे हैंसमकालीन जनमतJanuary 1, 2023January 1, 2023 by समकालीन जनमतJanuary 1, 2023January 1, 20230119 नवीन रांगियाल कई बार मैं महसूस करता हूँ कि कविताएँ किसी की नींद की तरह होनी चाहिए. उसकी धड़कन की हल्की आवाज़ें महसूस करने की...
कविता सुंदर चंद ठाकुर की कविताएँ मर्मभेदी यथार्थ को उजागर करती हैंसमकालीन जनमतDecember 18, 2022December 18, 2022 by समकालीन जनमतDecember 18, 2022December 18, 20220164 कुमार मुकुल फौजी, संपादक और मैराथन दौड़ाक सुंदर चंद ठाकुर के भीतर इतना संवेदनशील कवि निवास करता है यह नहीं जान पाता अगर उनकी ‘चयनित...
कविता सुधा उपाध्याय की कविताएँ सत्ता के क्रूर प्रपंचों को उजागर करती हैंसमकालीन जनमतDecember 11, 2022December 11, 2022 by समकालीन जनमतDecember 11, 2022December 11, 20220117 अंशु चौधरी समकालीन हिंदी कविता परिदृश्य में सुधा उपाध्याय परिचित नाम हैं। वे अपनी रचनाओं में अपनी विशिष्ट रचनात्मक तेवर, भाषा, और नवीन एवं सूक्ष्म...