समकालीन जनमत

Tag : पुरु मालव

कविता

अंकिता रासुरी की कविताएँ विषय विविधता से पूर्ण अदम्य साहस की अभिव्यक्ति हैं

समकालीन जनमत
पुरु मालव अंकिता रासुरी की कविताओं में वो विषय-क्षेत्र भी सहजता से प्रविष्ट हो जाते हैं जिनकी ओर प्रायः कवि दृष्टिपात करने से भी बचते...
कविता

अरबाज़ खान की कविताएँ प्रेम, प्रतिरोध और पीड़ा की बानगी हैं

समकालीन जनमत
पुरु मालव अरबाज़ ख़ान और उनकी कविताओं से पहला परिचय हाल ही में आए ’समय के साखी’ पत्रिका के कविता विशेषांक से हुआ। जिसका सम्पादन...
कविता

पुरू मालव की कविताएँ एक आत्मीय आग्रह के साथ बड़े सवालों पर बात करती हैं

समकालीन जनमत
निरंजन श्रोत्रिय   युवा कवि पुरू मालव की आसान-सी दिखने वाली ये कविताएँ हमारे भीतर एक फोर्स के साथ खुलती हैं। वह चाहे विस्थापन का...
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