समकालीन जनमत

Tag : ख़ुदेजा ख़ान

कविता

ब्रज श्रीवास्तव की कविताएँ समकालीन बोध से संपृक्त हैं

समकालीन जनमत
ख़ुदेजा ख़ान   समय बदलता है और बदल जाता है हमारे आसपास का परिवेश, वातावरण, पर्यावरण, संबंध और सामाजिक सरोकार इतना ही नहीं आर्थिक, राजनीतिक...
कविता

सत्येंद्र कुमार रघुवंशी की कविताएँ सामाजिक संरचना की परख हैं

समकालीन जनमत
ख़ुदेजा ख़ान कवि सत्येंद्र कुमार रघुवंशी को पढ़ते हुए कहा जा सकता है कि कोई भी कविता या रचना का पाठ संवेदना के स्तर पर...
कविता

ख़ुदेजा ख़ान की कविताएँ सिस्टम की मार सहते नागरिक की आवाज़ हैं

उमा राग
मेहजबीं ख़ुदेजा ख़ान की कविताएँ अपने वर्तमान समय का दस्तावेज़ हैं। उनकी कविता के केन्द्र में आम लोग हैं, मतदाता हैं, बूढ़े हैं, बच्चे हैं,...
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