कविता दुनिया में ताक़त के खेल को समझने की कोशिश है अरुणाभ सौरभ की कविताएँसमकालीन जनमतDecember 16, 2024December 19, 2024 by समकालीन जनमतDecember 16, 2024December 19, 2024010 बीते शनिवार को प्रभाकर प्रकाशन में अरुणाभ सौरभ के काव्य-संग्रह ‘मेरी दुनिया के ईश्वर’ के तीसरे संस्करण का लोकार्पण हुआ। इस अवसर पर एक परिचर्चा...
साहित्य-संस्कृति वीरेनियत-6: कला और साहित्य का अद्भुत संगमसमकालीन जनमतDecember 1, 2024December 2, 2024 by समकालीन जनमतDecember 1, 2024December 2, 20240109 नई दिल्ली। दिल्ली के इंडिया हैबिटेट सेंटर के गुलमोहर हॉल में जन संस्कृति मंच द्वारा 15 नवम्बर को कवि वीरेन डंगवाल की स्मृति में आयोजित ...
शख्सियत कहानीकार और संपादक विजयकांत को श्रद्धांजलिसमकालीन जनमतNovember 1, 2024November 1, 2024 by समकालीन जनमतNovember 1, 2024November 1, 20240227 नक्सलबाड़ी की क्रांतिकारी धारा के चर्चित कहानीकार और संपादक विजयकांत का 31 अक्टूबर 2024 को निधन हो गया। पिछले कई सालों से अस्वस्थता के कारण...
साहित्य-संस्कृति नहीं रहे जनपक्षधर, जुझारू जर्नलिस्ट और हिंदी—उर्दू—पंजाबी अदब के शैदाई अमरीकसमकालीन जनमतOctober 12, 2024October 12, 2024 by समकालीन जनमतOctober 12, 2024October 12, 2024048 स्मृतिशेष : लेखक—पत्रकार अमरीक तुम देश छोड़ने का कह रहे थे, दोस्त ! ये क्या किया, तुमने तो दुनिया ही… —ज़ाहिद ख़ान जनपक्षधर, जुझारू जर्नलिस्ट...
शख्सियत रामनिहाल गुंजन: शब्द संस्कृति के साधककौशल किशोरNovember 9, 2022November 9, 2022 by कौशल किशोरNovember 9, 2022November 9, 20220151 जन्मदिवस (9 नवंबर) पर (रामनिहाल गुंजन : जन्म – 9 नवम्बर 1936 , मृत्यु – 19 अप्रैल 2022) वरिष्ठ आलोचक रामनिहाल गुंजन का आज 86...
ख़बर साहित्य का रस, बसंत के रंग, आपके संगसमकालीन जनमतMarch 3, 2022March 3, 2022 by समकालीन जनमतMarch 3, 2022March 3, 2022029 रिया कदम बढ़ाते ही रुक से गए। ऑटो से उतरने के बाद, जैसे ही क़दमों ने देह को गेट तक पहुंचाया, आँखों के सामने जो...
साहित्य-संस्कृति साहित्य का सन्नाटा टूट रहा हैकौशल किशोरJanuary 3, 2022January 4, 2022 by कौशल किशोरJanuary 3, 2022January 4, 2022059 साहित्य समाज से निरपेक्ष नहीं होता है। समाज में होने वाली हलचलों, घटनाओं-परिघटनाओं आदि का उस पर असर होता है। 2021 के साल में जहाँ...
कहानी हेमंत कुमार की कहानी ‘धरमदास की गाय’समकालीन जनमतDecember 25, 2021December 26, 2021 by समकालीन जनमतDecember 25, 2021December 26, 2021093 हेमन्त कुमार कातिक महीने की सांझ ढलने वाली थी। दीपावली बीत चुकी थी, छठ आने वाली थी। बहुत धीमी पुरवैया के चलते मौसम मे थोड़ी...
ख़बर लिटरेरिया 2021 : साहित्य का लोकतंत्र असल लोकतंत्र से अलग नहीं है-विजय चोरमारेसमकालीन जनमतDecember 16, 2021December 17, 2021 by समकालीन जनमतDecember 16, 2021December 17, 2021020 कोलकाता। नीलाम्बर का ‘ लिटरेरिया 2021 ‘ का आरंभ आज सियालदह के बी. सी. रॉय ऑडिटोरियम में हुआ । पहले दिन लेखकों -साहित्यकारों ने विभिन्न...
ख़बर लिटरेरिया 2021 का आयोजन 16 दिसंबर सेसमकालीन जनमतDecember 14, 2021 by समकालीन जनमतDecember 14, 2021024 कोलकाता 14 दिसंबर । नीलांबर संस्था द्वारा लिटरेरिया के पांचवे संस्करण का आयोजन 16 दिसंबर से 18 दिसंबर 2021 के बीच होने जा रहा है...
ख़बर नीलांबर कोलकाता का ‘रवि दवे स्मृति सम्मान’ चेतना जालान को और ‘निनाद सम्मान’ अपराजिता शर्मा कोसमकालीन जनमतNovember 29, 2021December 1, 2021 by समकालीन जनमतNovember 29, 2021December 1, 20210237 कोलकाता, 29 नवंबर 2021 । देश की जानीमानी साहित्यिक-सांस्कृतिक संस्था नीलांबर द्वारा नाटक के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए दिया जाने वाला ‘रवि दवे...
शख्सियत वीरेन डंगवाल की याद में संगोष्ठी और कविता पाठसमकालीन जनमतAugust 5, 2021August 5, 2021 by समकालीन जनमतAugust 5, 2021August 5, 20210632 वीरेन की कविताएं काली ताकतों की पहचान करती हैं – कौशल किशोर अलका पांडे, सीमा सिंह, शालिनी सिंह और श्रद्धा बाजपेई ने कविताओं का पाठ...
शख्सियत प्रेमचंद और भारतीय किसान: सुधीर सुमन समकालीन जनमतJuly 31, 2021 by समकालीन जनमतJuly 31, 202101002 प्रेमचंद की कृतियों में भारतीय समाज के विस्तृत चित्र मिलते हैं। उनका साहित्य ऐतिहासिक दस्तावेज की तरह है। शायद ही ऐसा कोई चरित्र या सामाजिक...
शख्सियत हिंदुत्व की राजनीति और प्रेमचंद: डाॅ. अवधेश प्रधानसमकालीन जनमतJuly 31, 2021July 31, 2021 by समकालीन जनमतJuly 31, 2021July 31, 20210659 (आजादी के पचास साल पूरा होने के बाद डाॅ. अवधेश प्रधान ने यह लेख लिखा था, जो समकालीन जनमत, अप्रैल-जून 1998 में छपा था। 2016...
पुस्तक जंग के बीच प्रेम और शांति की तलाश का आख्यान है ‘अजनबी जज़ीरा’जनार्दनJuly 23, 2021August 8, 2021 by जनार्दनJuly 23, 2021August 8, 20210871 आग में खिलता गुलाब? अपने अंतिम दिनों में सद्दाम हुसैन जिन सैनिकों की निगरानी में रहते रहे उन सैनिकों को ‘सुपर ट्वेल्व’ कहा जाता था।...
ख़बर ‘दलेस’ द्वारा ‘कबीर की सामाजिक चेतना’ पर विचार गोष्ठीसमकालीन जनमतJune 29, 2021June 30, 2021 by समकालीन जनमतJune 29, 2021June 30, 20210924 ‘दलित लेखक संघ’ के तत्वावधान में 23 जून 2021 को ‘कबीर जयंती’ के अवसर पर “कबीर की सामाजिक चेतना” विषय पर विचार गोष्ठी और काव्यपाठ...
कविता पहाड़ों की यातनाएं संजोते मंगलेश दासमकालीन जनमतMay 16, 2021 by समकालीन जनमतMay 16, 202101443 अर्पिता राठौर मंगलेश डबराल का रचना कर्म उस सफर सरीखा है जो अपना समस्त जीवन मानवीय विडंबनाओं में संभावना तलाशते हुए गुज़ार देना चाहता है।...
शख्सियत ‘क्यों कर न हो मुशब्बक शीशे सा दिल हमारा’ -शम्सुर्रहमान फ़ारूक़ी की यादमृत्युंजयDecember 28, 2020December 28, 2020 by मृत्युंजयDecember 28, 2020December 28, 202002253 फ़ारूक़ी साहब नहीं रहे। यह इलाहाबाद ही नहीं, समूचे हिन्दी-उर्दू दोआब के लिए बेहद अफसोसनाक खबर है। वे उर्दू के जबरदस्त नक्काद [आलोचक] थे, बेहतरीन...
शख्सियत प्रिय कवि मंगलेश डबराल की याद मेंकौशल किशोरDecember 13, 2020December 19, 2020 by कौशल किशोरDecember 13, 2020December 19, 202001801 लखनऊ के लेखकों और संस्कृतिकर्मियों ने आज मंगलेश डबराल और राघव नरेश की स्मृति में शोक सभा आयोजित करके उन्हें अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की। शोक...
कहानीसाहित्य-संस्कृति दुनिया में जो भी करुणा है, प्रेम है, मौलिकता है वह स्त्रियों के ही कारण है ! : कथाकार शिवमूर्तिसमकालीन जनमतSeptember 30, 2020September 30, 2020 by समकालीन जनमतSeptember 30, 2020September 30, 202002433 कोरस के फेसबुक लाइव में 20 सितंबर को हिंदी के प्रसिद्द कथाकार शिवमूर्ति जी तथा समता राय से दीपक ने बातचीत की । कार्यक्रम की...