कविताजनमत आत्मीयता का रंग और लोक का जीवट : इरेन्द्र की कविताएँसमकालीन जनमतSeptember 15, 2019September 15, 2019 by समकालीन जनमतSeptember 15, 2019September 15, 20193 3965 कुमार मुकुल आत्मीयता इरेन्द्र बबुअवा की कविताओं का मुख्य रंग है। इस रंग में पगे होने पर दुनियावी राग-द्वेष जल्दी छू नहीं पाता। भीतर बहती...
कविताजनमत ईमानदार जवाबों की तलाश में : ऐश्वर्या की कवितासमकालीन जनमतSeptember 8, 2019September 8, 2019 by समकालीन जनमतSeptember 8, 2019September 8, 201914687 अपराजिता शर्मा ‘जानने की क्रिया प्रत्यक्ष और एकतरफ़ा नहीं हो सकती!’ पहचान और परिचय से आगे बढ़ने के लिए जानने की इस क्रिया से गुज़रना...
कविताजनमत ‘सफ़र है कि ख़त्म नहीं होता’ : सोनी पाण्डेय की कविताएँसमकालीन जनमतAugust 18, 2019August 18, 2019 by समकालीन जनमतAugust 18, 2019August 18, 20194 3334 मदन कश्यप हिन्दी में स्त्री कवयित्रियों की सांकेतिक उपस्थिति तो आदिकाल से रही है। लेकिन 1990 की दशक में जो बदलाव आया उसका एक सकारात्माक...
कविता विजय राही की कविताएँ वर्तमान के साथ अंतःक्रिया करती हैंसमकालीन जनमतAugust 11, 2019August 17, 2019 by समकालीन जनमतAugust 11, 2019August 17, 201903767 अलोक रंजन एक कवि का विस्तार असीमित होता है और यदि कवि अपने उस विस्तार का सक्षम उपयोग करते हुए अपनी आंतरिक व्याकुलता को समय...
जनमतशख्सियतस्मृति उजले दिनों की उम्मीद का कवि वीरेन डंगवालसमकालीन जनमतAugust 5, 2019August 5, 2019 by समकालीन जनमतAugust 5, 2019August 5, 201913499 मंगलेश डबराल ‘इन्हीं सड़कों से चल कर आते हैं आततायी/ इन्हीं सड़कों से चल कर आयेंगे अपने भी जन.’ वीरेन डंगवाल ‘अपने जन’ के, इस...
जनमतशख्सियतस्मृति कटरी की रुक्मिनी: कविता का अलग रास्ताडॉ रामायन रामAugust 5, 2019August 5, 2019 by डॉ रामायन रामAugust 5, 2019August 5, 201902861 वीरेन डंगवाल 70 के दशक की चेतना के कवि हैं। कविता के क्षेत्र मे उनका प्रवेश 70 के दशक में हुआ । यह वह समय...
कविताजनमत स्मृति और प्रेम का कवि कुंदन सिद्धार्थसमकालीन जनमतAugust 4, 2019August 4, 2019 by समकालीन जनमतAugust 4, 2019August 4, 201903260 जैसे पूरा गांव ही कमरे में समा गया हो! जब भी कोई शहर से लौटकर गाँव आता तो सारे लोग उसे घेरकर घण्टों शहर की...
कविताजनमत प्रतिरोध का रसायन तैयार करती उस्मान ख़ान की कविताएँसमकालीन जनमतJuly 28, 2019July 28, 2019 by समकालीन जनमतJuly 28, 2019July 28, 201902794 खुशियाँ अच्छी हैं बहुत, मगर इसमें भी अतिश्योक्ति है! उस्मान की कविताओं का संसार, एक ऐसा संघन संसार है जहाँ एक हाथ को नहीं सूझता दूसरा...
कविताशख्सियत यथार्थ के अन्तर्विरोधों को उदघाटित करते कवि राजेन्द्र कुमारकौशल किशोरJuly 24, 2019July 24, 2019 by कौशल किशोरJuly 24, 2019July 24, 201902447 ( जन संस्कृति मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष, कवि और आलोचक राजेन्द्र कुमार (24/7/1943) आज 76 साल के हो गए. एक शिक्षक, कवि, आलोचक और एक ...
कविताजनमत अरमान आनंद की कविताएँ भावुक बयान ही नहीं प्रतिबद्धता और बदलाव की छटपटाहट भी हैंडॉ रामायन रामJuly 21, 2019July 21, 2019 by डॉ रामायन रामJuly 21, 2019July 21, 201904245 कविता के क्षेत्र में आये हर युवतर और नए कवि का मौलिक स्वर रोमांस होता है।रुमानियत उनकी संवेदना का मूल सेंसर होता है।अपने समय की...
कविताजनमत विनोद विट्ठल की कविताएँ: स्मृति के कोलाज में समय का चेहराउमा रागJuly 14, 2019July 14, 2019 by उमा रागJuly 14, 2019July 14, 201913586 लीना मल्होत्रा प्रथम दृष्टया विनोद विट्ठल की कविताएँ सूचनाओं से भरपूर दिखती हैं, किन्तु गहरे उतरने पर उन सूचनाओं से लिपटी स्मृतियाँ, स्मृतियों में छिपे...
कविताजनमत ‘जीवन की सरलता का प्रतिनिधित्व करती हैं रविंदर की कविताएँ’समकालीन जनमतJuly 7, 2019July 7, 2019 by समकालीन जनमतJuly 7, 2019July 7, 201902869 आलोक रंजन रविंदर कौर सचदेवा की कविताएँ सरलता को स्थापित करने के संघर्ष की कविताएँ हैं जो पहचान , प्रेम और दुनियादारी के अलग अलग...
कविताजनमत जीने की जगह तलाशतीं सविता भार्गव की कविताएँसमकालीन जनमतJune 30, 2019June 30, 2019 by समकालीन जनमतJune 30, 2019June 30, 20195 3882 अनुपम सिंह आजकल जब भी समय मिलता है ,कविताएँ लिखने से अधिक कविताओं के विषय में सोचती हूँ. कोई कविता क्यों अच्छी लगती हैं और...
कविताजनमत संघर्ष और जीवट का कवि प्रभातसमकालीन जनमतJune 16, 2019June 16, 2019 by समकालीन जनमतJune 16, 2019June 16, 201913897 चरण सिंह पथिक हिंदी कविता की युवा पीढ़ी में कुछ ऐसे नाम हैं जो अपनी अलग कहन के लिए जाने जाते हैं। उनमें से प्रभात...
कविताजनमत ‘मिथिलेश की कविताएँ हमारे समय के आसन्न खतरों के प्रति आगाह करती हैं’समकालीन जनमतMay 12, 2019May 12, 2019 by समकालीन जनमतMay 12, 2019May 12, 201903760 निरंजन श्रोत्रिय युवा कवि मिथिलेश कुमार राय की कविताएँ छोटे-छोटे वाक्य विन्यास के जरिये कविता का वह संसार रचती है जो बहुत सहज और आत्मीय...
कविता चंदन सिंह की कविताएँ अपने प्राथमिक कार्यभार की ओर लौटती कविताएँ हैंसमकालीन जनमतMarch 31, 2019April 1, 2019 by समकालीन जनमतMarch 31, 2019April 1, 201912713 आशीष मिश्र चन्दन सिंह कविता से प्राथमिक काम लेने वाले कवि हैं। इस दौर में जब कविता के मत्थे ही सारी जिम्मेदारियाँ थोपी जा रही...
कविताजनमत बादलों में आकार की खोज: रमणिका गुप्ता की कविताईसमकालीन जनमतFebruary 17, 2019February 17, 2019 by समकालीन जनमतFebruary 17, 2019February 17, 20192 2989 बजरंग बिहारी तिवारी नारीवादी आंदोलन का दूसरा दौर था. ‘कल्ट ऑफ़ डोमिस्टिसिटी’ को चुनौती दी जा चुकी थी. राजनीति में स्त्री की उपस्थिति को औचित्यपूर्ण,...
कविता मौजूदा समय से वाबस्ता अरुणाभ की कविताएँसमकालीन जनमतDecember 23, 2018December 23, 2018 by समकालीन जनमतDecember 23, 2018December 23, 201803530 रमण कुमार सिंह अरुणाभ सौरभ हिंदी और मैथिली के प्रखर युवा कवि हैं, जो दोनों भाषाओं में न केवल समान गति से सृजनरत हैं, बल्कि...