समकालीन जनमत

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कहानी

साम्प्रदायिक राजनीति के ख़तरनाक खेल को बेनक़ाब करती है कहानी ‘गौसेवक’

डॉ रामायन राम
28 अगस्त 2019 को सुप्रसिद्ध कथाकार अनिल यादव को उनकी ‘हंस’ में प्रकाशित कहानी ‘गौसेवक’ के लिए वर्ष 2019 के हंस कथा सम्मान से नवाजा...
जनमतशख्सियतस्मृति

प्रेमचंद ने ‘अछूत की शिकायत’ को कथा-कहानी में ढाला

डॉ रामायन राम
  1914 में हिंदी की प्रतिष्ठित पत्रिका सरस्वती में हीरा डोम की कविता अछूत की शिकायत प्रकाशित हुई थी,जिसमे कवि ने अछूतों के साथ होने...
कविताजनमत

अरमान आनंद की कविताएँ भावुक बयान ही नहीं प्रतिबद्धता और बदलाव की छटपटाहट भी हैं

डॉ रामायन राम
कविता के क्षेत्र में आये हर युवतर और नए कवि का मौलिक स्वर रोमांस होता है।रुमानियत उनकी संवेदना का मूल सेंसर होता है।अपने समय की...
पुस्तकसाहित्य-संस्कृति

‘डॉ.अम्बेडकर : चिंतन के बुनियादी सरोकार’ ‘यह सामाजिक गैरबराबरी पैदा करने वाली मशीनरी की पहचान कराने वाली किताब है’

राम नरेश राम
रमणिका फाउंडेशन की मासिक गोष्ठी 11/05/2019 / दिल्ली. यह सामाजिक गैरबराबरी पैदा करने वाली मशीनरी की पहचान कारने वाली किताब है- गोपाल प्रधान रमणिका फाउंडेशन...
पुस्तकसाहित्य-संस्कृति

अंबेडकर चिन्तन के अनछुए पहलुओं की खोज

राम नरेश राम
   लोकतंत्र ने जाति-उन्मूलन नहीं किया है. इसने जाति का आधुनिकीकरण करके इसकी जड़ों को और अधिक मजबूत किया है. इसीलिए यही समय है अंबेडकर...
ग्राउन्ड रिपोर्टयात्रा वृतान्त

चैत में नीले रंग की धूम और अंबेडकर की याद

संजय जोशी
भटौली – इब्राहिमपुर, आज़मगढ़ / 14 अप्रैल 2019 आज़मगढ़ से  करीब 22 किमी आगे जाने पर जीयनपुर बाज़ार से एक रास्ता अन्दर की तरफ़ कंजरा...
जनमतपुस्तक

अंबेडकर पर रामायन की निगाह

समकालीन जनमत
हमारे देश के जिन महान मनुष्यों की दुनिया भर में ख्याति है उनमें अंबेडकर अन्यतम हैं । पेरी एंडरसन ने अपनी किताब ‘इंडियन आइडियोलाजी’ में...
ख़बर

दिल्ली में 2 दिसंबर को जन संस्कृति मंच लगाएगा ‘समता मेला’

संजय जोशी
दिल्ली, 25 नवंबर 2018 जन संस्कृति मंच की दिल्ली- एन सी आर इकाई  बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर के महापरिनिर्वाण दिवस के अवसर पर 2 दिसंबर...
स्मृति

देवी प्रसाद चट्टोपाध्याय: भारतीय दर्शन में भौतिकवाद के अप्रतिम अध्येता

डॉ रामायन राम
देवी प्रसाद चट्टोपाध्याय ने भारतीय परंपरा मे भौतिकवाद तथा वैज्ञानिक चिंतन प्रणाली पर बहुत ही गहन शोध और लेखन किया है। भारत मे कई पीढियां...
साहित्य-संस्कृतिस्मृति

प्रो तुलसीराम का चिन्तन अम्बेडकरवाद और मार्क्सवाद के बीच पुल – वीरेन्द्र यादव

समकालीन जनमत
प्रो तुलसी राम ने जहां मार्क्सवाद के रास्ते दलित आंदोलन का क्रिटिक रचा, वहीं उन्होंने वामपंथ के अन्दर मौजूद जातिवादी प्रवृतियों का भी विरोध किया....
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