समकालीन जनमत

Tag : कविता

साहित्य-संस्कृति

विस्थापन के दर्द को उकेरती हैं उमेश पंकज की कविताएं

कौशल किशोर
लखनऊ, 6 अक्टूबर। कवि उमेश पंकज  के पहले कविता संग्रह ‘एक धरती मेरे अन्दर’ का आज यहां स्थानीय कैफ़ी आज़मी एकेडमी में लोकार्पण हुआ। कार्यक्रम...
शख्सियतसाहित्य-संस्कृतिस्मृति

वीरेन डंगवाल की याद: अचानक यह हुआ कि मैं रिसेप्शन में अकेला पड़ गया

समकालीन जनमत
अशोक पाण्डे जब उनसे पहली बार मिला वे नैनीताल के लिखने-पढ़ने वालों के बीच एक सुपरस्टार का दर्जा हासिल चुके थे. उनकी कविताओं की पहली...
पुस्तकसाहित्य-संस्कृति

अवधेश त्रिपाठी की पुस्तक ‘कविता का लोकतंत्र’ पर परिचर्चा

समकालीन जनमत
अनुपम सिंह जन संस्कृति मंच की घरेलू गोष्ठी में अवधेश त्रिपाठी की पुस्तक “कविता का लोकतंत्र” पर परिचर्चा संपन्न हुई . यह परिचर्चा दिनांक 21...
कविताशख्सियतसाहित्य-संस्कृति

वेदों से लेकर लेनिन तक विस्तृत था महादेवी का ज्ञान संसार

इलाहाबाद, 11 सितम्बर स्त्रियों की सांस्कृतिक संस्था कोरस द्वारा महादेवी वर्मा की पुण्यतिथि पर हर वर्ष आयोजित की जाने वाली व्याख्यानमाला की दूसरी कड़ी में...
साहित्य-संस्कृति

प्रतिरोध साहित्य का मूल स्वर है जो समाज निर्माण का स्वप्न लेकर चलता है

डॉ हरिओम
  साहित्य को समाज का दर्पण कहा जाता रहा है. मतलब समाज जैसा है उसे वैसा ही दिखाने वाला लेखन साहित्य है. बचपन से हम...
कविता

कविता के सोलह दस्तावेज़ : गोरख की भोजपुरी कविताएँ

मृत्युंजय
गोरख का काव्य-संसार गहन द्वंद्वात्मक है। उसमें 70 के दशक का उद्दाम वेग और 80 के दशक का ठहराव एक साथ है। सधी हुई दिल...
साहित्य-संस्कृति

जसम की ओर से रचना पाठ ‘पंख खोलूं और उड़ चलूं आसमान में’

कौशल किशोर
लखनऊ: रचनाकार समय और समाज को अपने सृजन का विषय बनाता है। आम आदमी की पीड़ा व संघर्ष की अभिव्यक्ति आज की रचनाओं की विशेषता...
कविता

विमल किशोर की कविताएं

समकालीन जनमत
1980 के दशक में लखनऊ में गठित ‘महिला संघर्ष मोर्चा’ से विमल किशोर ने सामाजिक जीवन का आरम्भ किया। वे इस संगठन की सह संयोजक...
शख्सियतसाहित्य-संस्कृति

कवि विद्रोही की याद में कविता पाठ और परिचर्चा

समकालीन जनमत
जनकवि रमाशंकर यादव ‘विद्रोही’ के स्मृति दिवस की पूर्व संध्या पर 7 दिसंबर को जन संस्कृति मंच की दिल्ली इकाई के सचिव रामनरेश राम के...
कविता

वह कौन सी आग है जिससे अपने आप को बचाने का आह्वान करते हैं विद्रोही

राम नरेश राम
कविता में जीवन तभी आती है जब कवि जनता के जीवन से सीधे जुड़ा हुआ हो। अकादमिक परिक्षेत्र में अक्सर वे ही कवि चर्चा के...
साहित्य-संस्कृति

मुक्तिबोध आस्था देते हैं मुक्ति नहीं

समकालीन जनमत
प्रियदर्शन मुक्तिबोध और ख़ासकर उनकी कविता ‘अंधेरे में’ पर लिखने की मुश्किलें कई हैं। कुछ का वास्ता मुक्तिबोध के अपने बेहद जटिल काव्य विन्यास से...
साहित्य-संस्कृति

अंतःकरण और मुक्तिबोध के बहाने

रामजी राय
(मुक्तिबोध के जन्मदिन पर समकालीन जनमत के प्रधान संपादक रामजी राय का आलेख) 2017 में मुक्तिबोध की जन्मशताब्दी गुज़री है और 2018 मार्क्स के जन्म...
स्मृति

पहाड़ और नदियों ने खो दिया अपने कवि को

समकालीन जनमत
आज जब पहाड़, जंगल और जमीन सहित पूरी मानवता खतरे में है और उन्हें बचाने के लिए संघर्ष जारी है, ऐसे में एक कवि का...
कविता

शंभु बादल का कवि कर्म

कौशल किशोर
हरेक कवि की अपनी जमीन होती है जिस पर वह सृजन करता है और उसी से उसकी पहचान बनती है। निराला, पंत, प्रसाद, महादेवी समकालीन...
शख्सियतसाहित्य-संस्कृति

जबरदस्त कवि, बड़े सम्पादक, सिनेमा और संगीत के अध्येता, गंभीर पाठक, भाषाओं और यारों के धनी विष्णु खरे की याद

अशोक पाण्डे अलविदा विष्णु खरे – 1 जबरदस्त कवि, बड़े सम्पादक, सिनेमा और संगीत के अध्येता, गंभीर पाठक, भाषाओं और यारों के धनी उस आदमी...
कविता

‘पूछूंगी अम्मी से/या फिर अल्ला से/कैसे होता है बचके रहना….!’

आसिफा पर केन्द्रित दो कविता संग्रह का लोकार्पण लखनऊ. निर्भया हो या आसिफा, कठुआ हो या उन्नाव, मुजफ्फरपुर हो या देवरिया – ये स्त्रियों पर...
कविता

‘ वह आग मार्क्स के सीने में जो हुई रौशन, वह आग सीन-ए-इन्साँ में आफ़ताब है आज ’

उमा राग
जटिल दार्शनिक-आर्थिक तर्क-वितर्क के संसार में रहने के बावजूद मार्क्स ने कई कविताएँ लिखीं और उन पर भी बहुत सी कविताएँ लिखी गयीं, जिनमें से...
कविता

सुभाष राय की कविताओं की सबसे बड़ी विशेषता है वाग्मिता- राजेश जोशी

डॉ संदीप कुमार सिंह लखनऊ. कविता पर एक संजीदा बहस. सुभाष राय के कविता संग्रह ‘ सलीब पर सच ’ के बहाने. आज के समय में हिंदी कविता के दो शिखर व्यक्तित्व नरेश सक्सेना और राजेश...
कवितापुस्तकशख्सियतसाहित्य-संस्कृति

‘कुछ भी नहीं किया गया’: वीरेन डंगवाल की एक कविता का पाठ

समकालीन जनमत
नवारुण प्रकाशन ने अभी हाल में ‘कविता वीरेन’ (वीरेन डंगवाल की सम्पूर्ण कविताएँ) को प्रकाशित कर जारी किया है । वीरेन को याद करते हुए...
जनमत

समय को संबोधित सुभाष राय की कविताएँ

वरिष्ठ पत्रकार एवं जनसंदेश टाइम्स के प्रधान सम्पादक सुभाष राय का कविता संग्रह भले ही देर से आया हो पर अपने समय को सम्बोधित महत्वपूर्ण...
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