साहित्य-संस्कृति चंद्रबली सिंह ने जनवाद को परिभाषित करने का काम कियासमकालीन जनमतMay 24, 2018May 24, 2018 by समकालीन जनमतMay 24, 2018May 24, 201802705 ‘हमारा समय और चंद्रबली सिंह की आलोचना दृष्टि’ विषय पर लखनऊ में संगोष्ठी प्रसिद्ध आलोचक चंद्रबली सिंह की पुण्य तिथि पर कैफ़ी आज़मी एकेडमी में ‘हमारा...
चित्रकला जनसंस्कृति की वाहक कला और सपना सिंह की रचनाराकेश कुमार दिवाकरMay 23, 2018May 24, 2018 by राकेश कुमार दिवाकरMay 23, 2018May 24, 20183 3798 ” द ट्रु आॅफ हाफ वर्ल्ड “ सपना सिंह के, एक चित्रण श्रृंखला का शीर्षक है. इस तरह के विषय के चयन की परंपरा चित्रकला...
मीडिया सेक्युलर इंडिया से इतनी दिक़्क़त क्यों है ?समकालीन जनमतMay 23, 2018May 23, 2018 by समकालीन जनमतMay 23, 2018May 23, 201801475 डर या लालच के मारे किसी राजनैतिक दल का पिछलग्गू हो जाना या सरकारी भोंपा बन जाना तो समझ आता है, लेकिन क्या अब भारतीय...
कविता एक कविता : मेट्रो-महिमा : वीरेन डंगवालमृत्युंजयMay 22, 2018May 24, 2018 by मृत्युंजयMay 22, 2018May 24, 20183 2454 नवारुण प्रकाशन से वीरेन डंगवाल की समग्र कविताओं का संग्रह 'कविता वीरेन' छपने वाला है जिसमें उनके सभी संग्रहों और उसके बाद की अन्य कविताएँ...
सिनेमा बॉलीवुड के स्टीरियोटाइप को तोड़ती ‘ राज़ी ’जावेद अनीसMay 21, 2018May 21, 2018 by जावेद अनीसMay 21, 2018May 21, 201802844 एक ऐसे दौर में जब राष्ट्रवाद की नयी परिभाषायें गढ़ी जा रही हों और देशभक्ति पर एकाधिकार जताया जा रहा हो तो 'राज़ी' रुपहले परदे...
कवितासाहित्य-संस्कृति अच्युतानंद मिश्र की कविताएँ : अपने जीवनानुभवों के साथ ईमानदार बर्ताव की कविताएँ हैंसमकालीन जनमतMay 20, 2018May 20, 2018 by समकालीन जनमतMay 20, 2018May 20, 201801730 विष्णु नागर अच्युतानंद मिश्र की छवि एक अच्छे कवि, गंभीर अध्येता और एक आलोचक की बनी है। इधर हमारी कविता में अनकहे की अनुपस्थिति बढ़ती...
कविताशख्सियत यातना का प्रतिकार प्रेमसमकालीन जनमतMay 16, 2018May 16, 2018 by समकालीन जनमतMay 16, 2018May 16, 201804190 मंगलेश की कविता ने प्रेम को बराबर एक सर्वोच्च मूल्य के तौर पर प्रतिष्ठित किया है । लेकिन एकान्त में नहीं, यातना के बरअक्स; क्योंकि...
चित्रकलातस्वीरनामा घाट पर प्रतीक्षा : ज़ैनुल आबेदिन का एक महान चित्रअशोक भौमिकMay 15, 2018May 15, 2018 by अशोक भौमिकMay 15, 2018May 15, 201803617 सदियों से चित्रकला में ऐसे सहज-सरल लोगों की जिन्दगियों से जुड़े साधारण विषयों पर कभी किसी ने चित्र बनाने की जरूरत नहीं समझी. ज़ैनुल आबेदिन...
स्मृति हम तो क्या भूलते उन्हें ‘हसरत’, दिल से वो भी हमें भुला न सकेसमकालीन जनमतMay 14, 2018May 14, 2018 by समकालीन जनमतMay 14, 2018May 14, 201803401 जंगे-आज़ादी के एक मजबूत सिपाही होने के साथ-साथ एक अज़ीम शायर रहे हसरत मोहानी 13 मई 1951 को इस दुनिया से रुखसत कर गए. ‘...
जनमतसिनेमा राज़ी : नागरिकता और मनुष्यता का अन्तर्द्वन्द्आशुतोष कुमारMay 13, 2018May 13, 2018 by आशुतोष कुमारMay 13, 2018May 13, 201813103 नेशन फर्स्ट भूमण्डलित दुनिया का नया फैशन है। अमरीका से लेकर रूस तक इसी नारे पर चुनाव जीते जा रहे हैं। भारत में भी इन...
कवितासाहित्य-संस्कृति प्रदीप कुमार सिंह की कविताएँ : विह्वल करने से ज़्यादा विचार-विकल करती हैंउमा रागMay 13, 2018May 13, 2018 by उमा रागMay 13, 2018May 13, 201812652 नदी समुद्र में जाकर गिरती है, यह तो सब जानते हैं. लेकिन यह सच्चाई तो प्रदीप की कविता को पता है कि नदी अपना दुःख...
स्मृति काल से होड़ लेता प्रेम और मुक्ति का कविप्रेमशंकर सिंहMay 12, 2018May 12, 2018 by प्रेमशंकर सिंहMay 12, 2018May 12, 201805272 शमशेर जी की एक कविता है 'काल तुझसे होड़ है मेरी'। जिन्हें यह यकीन हो कि मनुष्य अपने श्रम और संघर्ष से काल के प्रवाह...
कवितासाहित्य-संस्कृति एक कविता: चोरी-चुप्पे [प्रकाश उदय]मृत्युंजयMay 12, 2018May 12, 2018 by मृत्युंजयMay 12, 2018May 12, 201813681 कविता 'चुप्पे-चोरी', जो एक लड़की की बहक है। यह लड़की गाँव की है, नटखट है। उसने उड़ने के लिए चिड़िया के पंख और गोता लगाने...
स्मृति जब वो ख़ाली बोतल फेंक के कहता है दुनिया तेरा हुस्न यही बद-सूरती हैसमकालीन जनमतMay 11, 2018May 12, 2018 by समकालीन जनमतMay 11, 2018May 12, 201802810 मंटो ने समाज की गंदगी और घिलोनेपन को अनुभाव किया और ज़िन्दगी के जहर को इस प्रकार चखा की ये जहर उनके अंदर तक उतर...
स्मृति ज़माना नाक़ाबिले-बर्दाश्त है…समकालीन जनमतMay 11, 2018May 12, 2018 by समकालीन जनमतMay 11, 2018May 12, 201803414 मंटो की लगभग प्रत्येक कहानी दारूण यथार्थ से आंख मिलाने का साहस रखती है। ऐसी गूँज पैदा करती है कि वह मानवता के पक्ष में...
कहानीस्मृति मंटो को याद करने का मतलबसमकालीन जनमतMay 11, 2018May 11, 2020 by समकालीन जनमतMay 11, 2018May 11, 202003698 अभी तक भारतीय साहित्य का व्यवस्थित और विश्वसनीय इतिहास नहीं लिखा गया है। जब कभी इसका इतिहास लिखा जाएगा उर्दू अफसानानिगार सआदत हसन मंटो का...
मीडिया पत्रकारों को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और लोकतंत्र के लिए लड़ना होगा: पंकज बिष्टसुधीर सुमनMay 9, 2018May 9, 2018 by सुधीर सुमनMay 9, 2018May 9, 201803572 प्रगतिशील-जनवादी साहित्यिक-सांस्कृतिक संगठनों ने ‘ मीडिया की संस्कृति और वर्तमान परिदृश्य ’ पर संगोष्ठी आयोजित की कठुआ गैंगरेप के खिलाफ लिखी गई कविताओं की पुस्तिका...
कविताज़ेर-ए-बहस हरम सरा नहीं कविता चाहिएसमकालीन जनमतMay 9, 2018May 9, 2018 by समकालीन जनमतMay 9, 2018May 9, 20184 3269 ‘ जेंडर बाइनरिज़्म ’ दोनों ध्रुवों के बीच पड़ने वाली सारी चीज़ों को परिधि पर फेंक देता है. यह स्थापित करता है कि स्याह और...
जनमतदुनियाशख्सियतस्मृति कार्ल मार्क्स : एक जीवन परिचयगोपाल प्रधानMay 5, 2018May 5, 2018 by गोपाल प्रधानMay 5, 2018May 5, 201805240 दुनिया के मजदूरों के, सिद्धांत और कर्म दोनों मामलों में, सबसे बड़े नेता कार्ल मार्क्स (1818-1883) का जन्म 5 मई को त्रिएर नगर में हुआ...
दुनियाशख्सियतस्मृति मार्क्स ने खुद के दर्शन को निर्मम और सतत आलोचना के रूप में विकसित किया : दीपंकर भट्टाचार्यविष्णु प्रभाकरMay 4, 2018May 4, 2018 by विष्णु प्रभाकरMay 4, 2018May 4, 201802877 मार्क्स के दबे हुए लोग और अंबेडकर के बहिष्कृत लोग एक ही हैं। इसी तरह मार्क्स ने भारत में जिसे जड़ समाज कहा, अंबेडकर ने...