समकालीन जनमत

Tag : हसरत मोहानी

स्मृति

हम तो क्या भूलते उन्हें ‘हसरत’, दिल से वो भी हमें भुला न सके

समकालीन जनमत
जंगे-आज़ादी के एक मजबूत सिपाही होने के साथ-साथ एक अज़ीम शायर रहे हसरत मोहानी 13 मई 1951 को इस दुनिया से रुखसत कर गए. ‘...
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