समकालीन जनमत

Tag : भोजपुरी समाज

कवितासाहित्य-संस्कृति

एक कविता: चोरी-चुप्पे [प्रकाश उदय]

मृत्युंजय
कविता 'चुप्पे-चोरी', जो एक लड़की की बहक है। यह लड़की गाँव की है, नटखट है। उसने उड़ने के लिए चिड़िया के पंख और गोता लगाने...
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