समकालीन जनमत

Tag : आधुनिक कविता

कविताजनमतस्मृति

जीवन को एक कार्निवल के रूप में देखने वाला कवि कुँवर नारायण

समकालीन जनमत
  कमोबेश दो शताब्दियों की सीमा-रेखा को छूने वाली कुँवर नारायण की रचना-यात्रा छह दशकों से भी अधिक समय तक व्याप्त रही है। उनका पूरा...
जनमतस्मृति

आत्म-अलगाव (एलिअनेशन) का प्रश्न और मुक्तिबोध

रामजी राय
( गजानन माधव मुक्तिबोध (जन्म : 13 नवंबर 1917-मृत्यु :11 सितंबर 1964) हिंदी साहित्य के प्रमुख कवि, आलोचक, निबंधकार, कहानीकार तथा उपन्यासकार रहे हैं ....
कविताज़ेर-ए-बहस

हरम सरा नहीं कविता चाहिए

‘ जेंडर बाइनरिज़्म ’ दोनों ध्रुवों के बीच पड़ने वाली सारी चीज़ों को परिधि पर फेंक देता है. यह स्थापित करता है कि स्याह और...
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