समकालीन जनमत

Category : साहित्य-संस्कृति

पुस्तक

अधिग्रहण और प्रतिरोध की दास्तान

गोपाल प्रधान
2023 में मंथली रिव्यू प्रेस से इयान आंगुस की किताब ‘द वार अगेंस्ट द कामन्स: डिसपजेशन ऐंड रेजिस्टेन्स इन द मेकिंग आफ़ कैपिटलिज्म’ का प्रकाशन...
साहित्य-संस्कृति

भोजली : मित्रता और प्रकृति के प्रति समर्पण की मिसाल

समकालीन जनमत
पीयूष कुमार लोकसंस्कृति के मूल में प्रकृति के प्रति कृतज्ञता और उसके मानवीय एकीकरण की भावना की जलधारसंचरित रहती है। छत्तीसगढ़ में इसी तरह का...
कविता

सच के रास्तों ने दुर्गम ही बनाया है जीवन को : ज्योति चावला की कविताएँ

समकालीन जनमत
अनुपम त्रिपाठी ‘यह उनींदी रातों का सफर है’ ज्योति चावला का नया कविता संग्रह है। इस संग्रह में उनकी पचास कविताएँ संकलित हैं जोकि उनके...
साहित्य-संस्कृति

सामाजिक संघर्ष व बदलाव की राजनीतिक चेतना पैदा करती है जन संस्कृति – जयप्रकाश नारायण

राजबली यादव की याद में ‘सत्ता संस्कृति बनाम जन संस्कृति’ पर परिचर्चा फैजाबाद। स्वंतत्रता संग्राम सेनानी व जन संस्कृति के नायक कामरेड राजबली यादव के स्मृति...
पुस्तक

मुक्तिबोध : सर्जक और विचारक

रामजी राय
पुस्तक-चर्चा सेवाराम त्रिपाठी की किताब ‘मुक्तिबोध : सर्जक और विचारक’ बहुत पहले ही मुझे मिली थी। फुरसत के क्षणों में उसके चैप्टर्स पलटता रहा हूँ।...
पुस्तक

चीन और अफीम के बारे में अमिताभ घोष

गोपाल प्रधान
2023 में 4थ एस्टेट से अमिताभ घोष की किताब ‘स्मोक ऐंड ऐशेज: ए राइटर’स जर्नी थ्रू ओपियम’स हिडेन हिस्ट्रीज’ का प्रकाशन हुआ । सबसे पहले...
कविता

नरेश अग्रवाल की कविताएँ जनता के संघर्षों की सहचरी हैं

समकालीन जनमत
विपिन चौधरी यह संसार आश्चर्य से भरा हुआ है लेकिन अभी तक सभी आश्चर्य खोजे नहीं जा सके हैं. मगर दुख खोज लिए गए हैं।...
जनमतसाहित्य-संस्कृति

प्रेमचंद आज होते तो ‘ठाकुर का कुआं’ न लिखकर ‘ठाकुर की कुर्सी’ कहानी लिखते

समकालीन जनमत
आज़मगढ़ प्रेमचंद जयंती के अवसर पर 31 जुलाई 2023 को आज़मगढ़ के रैदोपुर स्थित राहुल चिल्ड्रेन एकेडमी में एक गोष्ठी का आयोजन हुआ। गोष्ठी का...
कविता

विमलेश त्रिपाठी की कविताएँ  हमारे समय में अभिव्यक्ति पर मंडराते ख़तरों की शिनाख़्त करती हैं

समकालीन जनमत
राजेश जोशी विमलेश की कविताएँ इस समय की कविता की सबसे बड़ी उलझन की ओर संकेत करती हैं। प्रोद्यौगिकी ने समय की गति को इतना...
साहित्य-संस्कृति

बेसबब हुआ ग़ालिब दुश्मन आसमां अपना

रामजी राय
 (मुक्तिबोध पर मेरी किताब ‘स्वदेश की खोज’ पर बौद्धिक चोरी के आरोप पर कुछ बातें ) हम कहाँ के दाना थे, किस हुनर में यक़तां...
कहानी

‘ सहारे का सूर्यास्त ’ : गांव के बदलते यथार्थ की तस्वीर

डॉ विन्ध्येश्वरी उन कहानीकारों की सफ़ में दिखते हैं जो सुदूर गांव में रहकर चिकित्सारत रहते हुए वर्ग-वर्ण विभाजित गांव की कहानियां लिखते हैं। उनकी...
पुस्तक

न्यूटन भौंचक्का था: अपने समय को ध्वनित करती कविताएँ

उमा राग
सुरेन्द्र रघुवंशी ड्यूरेल ने कहा है-” विज्ञान बौद्धिक काव्य है और काव्य भावनात्मक विज्ञान ।” वरिष्ठ कवि निरंजन श्रोत्रिय विज्ञान के प्रोफ़ेसर हैं और हिन्दी...
कविता

ललन चतुर्वेदी की कविताएँ अमानवीकरण के ख़िलाफ़ प्रतिरोध हैं

समकालीन जनमत
वसु गंधर्व कविता जीवन के भुलाए जा रहे ज़रूरी सत्यों का स्मरण भी है। यह एक प्रतिसंसार का आह्वान भी है जहाँ उस करुणा की...
पुस्तक

कोमिंटर्न की वैश्विकता

गोपाल प्रधान
2023 में वर्सो से ब्रिजिट स्टूडेर की 2020 में छपी जर्मन किताब का अंग्रेजी अनुवाद ‘ट्रावेलर्स आफ़ द वर्ल्ड रेवोल्यूशन: ए ग्लोबल हिस्ट्री आफ़ द...
कविता

मुन्नी गुप्ता की कविताएँ अपने समय की पीड़ा और परिदृश्य के सच को उजागर करती हैं

समकालीन जनमत
निरंजन श्रोत्रिय समकालीन युवा काव्य परिदृश्य में मुन्नी गुप्ता एक दस्तक देता हुआ नाम है। उनकी कविताओं में व्यंग्य और कटाक्ष छितरा हुआ है लेकिन...
कविता

डॉ ज़रीन हलीम का कविता संग्रह ‘ आठ पहर ’: ‘परवाज की आदत है ….उड़ जाएंगे ’

कौशल किशोर
‘कविता के बीज नहीं होते/जो बाजारों में हों उपलब्ध/जो किसी एक ऋतु के हो बंधक/और घर-घर यूं ही पड़े मिलें/जो सबके हाथों मसले जाएं/जिनका कोई...
कविता

भास्कर लाक्षाकार की कविताएँ जीवन अनुभवों से निर्मित मनुष्य की स्पोन्टेनिटी से सृजित हैं

समकालीन जनमत
निरंजन श्रोत्रिय क्या यह संभव है कि किसी कवि को अपने समय-समाज के तापमान का सम्यक ज्ञान हो, उसकी कविता विचार और भावनाओं से समृद्ध...
पुस्तक

रक्तनदी की यात्रा: पूरब से पश्चिम और उत्तर से दक्षिण

गोपाल प्रधान
2023 में परिकल्पना से प्रकाशित बजरंग बिहारी तिवारी की किताब ‘हिंसा की जाति: जातिवादी हिंसा का सिलसिला’ किसी के भी रोंगटे खड़े करने में सक्षम...
पुस्तक

स्त्रियाँ अब प्रेम नहीं करतीं’: पुरुषसत्तात्मक समाज में स्त्रियों के सवाल उठाता कविता संग्रह

समकालीन जनमत
राजेश पाल मूर्तिकार, कवि, कथाकार व दलित चिंतक हीरालाल राजस्थानी का काव्य संग्रह “मै साधु नहीं” के बाद “स्त्रियाँ अब प्रेम नहीं करती” दूसरा कविता संग्रह हैं...
कविता

अमन त्रिपाठी की कविताएँ ‘सेन्स ऑफ़ बिलॉन्गिंग’ से उपजी हैं। 

समकालीन जनमत
वर्तिका पढ़ाई से इंजीनियर अमन , समर्थ अनुवादक और कवि के तौर पर सक्रिय हैं।  शहर देखने, प्रेम में रहकर प्रेम न कर पाने के...
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