समकालीन जनमत

Month : July 2023

कविता

विमलेश त्रिपाठी की कविताएँ  हमारे समय में अभिव्यक्ति पर मंडराते ख़तरों की शिनाख़्त करती हैं

समकालीन जनमत
राजेश जोशी विमलेश की कविताएँ इस समय की कविता की सबसे बड़ी उलझन की ओर संकेत करती हैं। प्रोद्यौगिकी ने समय की गति को इतना...
साहित्य-संस्कृति

बेसबब हुआ ग़ालिब दुश्मन आसमां अपना

रामजी राय
 (मुक्तिबोध पर मेरी किताब ‘स्वदेश की खोज’ पर बौद्धिक चोरी के आरोप पर कुछ बातें ) हम कहाँ के दाना थे, किस हुनर में यक़तां...
कहानी

‘ सहारे का सूर्यास्त ’ : गांव के बदलते यथार्थ की तस्वीर

डॉ विन्ध्येश्वरी उन कहानीकारों की सफ़ में दिखते हैं जो सुदूर गांव में रहकर चिकित्सारत रहते हुए वर्ग-वर्ण विभाजित गांव की कहानियां लिखते हैं। उनकी...
जनमत

सर्व सेवा संघ का खाली कराया जाना

 वाराणसी में लोकतंत्र का आखिरी स्तम्भ ढहा दिया गया। विनोबा भावे, जयप्रकाश नारायण, डॉ राजेंद्र प्रसाद और शास्त्री जी के द्वारा विभिन्न समय पर सहयोग...
ख़बरजनमत

मणिपुर की घटना पर नागरिकों ने किया मार्च

समकालीन जनमत
आज़मगढ़। मणिपुर की घटना को लेकर विपक्षी राजनीतिक दल और नागरिक मंच के तरफ से कुंवर सिंह उद्यान से मार्च निकाला गया। मार्च मे लोग,...
पुस्तक

न्यूटन भौंचक्का था: अपने समय को ध्वनित करती कविताएँ

उमा राग
सुरेन्द्र रघुवंशी ड्यूरेल ने कहा है-” विज्ञान बौद्धिक काव्य है और काव्य भावनात्मक विज्ञान ।” वरिष्ठ कवि निरंजन श्रोत्रिय विज्ञान के प्रोफ़ेसर हैं और हिन्दी...
कविता

ललन चतुर्वेदी की कविताएँ अमानवीकरण के ख़िलाफ़ प्रतिरोध हैं

समकालीन जनमत
वसु गंधर्व कविता जीवन के भुलाए जा रहे ज़रूरी सत्यों का स्मरण भी है। यह एक प्रतिसंसार का आह्वान भी है जहाँ उस करुणा की...
शख्सियत

अन्याय को खत्म करने के सपनों का कवि

गोपाल प्रधान
गोरख पांडे की कविता किसी जादू के जोर से प्रत्येक समय में प्रासंगिक हो उठती है । उनकी इस ताकत का रहस्य समय के यथार्थ...
पुस्तक

कोमिंटर्न की वैश्विकता

गोपाल प्रधान
2023 में वर्सो से ब्रिजिट स्टूडेर की 2020 में छपी जर्मन किताब का अंग्रेजी अनुवाद ‘ट्रावेलर्स आफ़ द वर्ल्ड रेवोल्यूशन: ए ग्लोबल हिस्ट्री आफ़ द...
जनमत

विकास का सैलाब 

  2014 में लोकसभा के चुनाव के समय विकास की आसमानी बरसात हुई  थी, जिसमें देश के नागरिकों का मानस डूब गया था। अब 9...
कविता

मुन्नी गुप्ता की कविताएँ अपने समय की पीड़ा और परिदृश्य के सच को उजागर करती हैं

समकालीन जनमत
निरंजन श्रोत्रिय समकालीन युवा काव्य परिदृश्य में मुन्नी गुप्ता एक दस्तक देता हुआ नाम है। उनकी कविताओं में व्यंग्य और कटाक्ष छितरा हुआ है लेकिन...
जनमतशख्सियत

भारतीय नवजागरण और जोतिबा फुले

जनार्दन
जनार्दन   इंग्लैंड के लिए सोलहवी शताब्दी परिवर्तन की शताब्दी है। यूरोप में आधुनिकता की शुरूआत इसी समय से शुरू होती है। माल के उत्पादन...
जनमतज़ेर-ए-बहस

यूनिफ़ार्म सिविल कोड: मामला नीयत का है

समकालीन जनमत
जी.एन. देवी एक अनीश्वरवादी के लिए जो विचार ईश्वर का है, वही भारत के लिए यूनिफ़ार्म सिविल कोड के प्रस्ताव का है। स्वयं में यह...
कविता

डॉ ज़रीन हलीम का कविता संग्रह ‘ आठ पहर ’: ‘परवाज की आदत है ….उड़ जाएंगे ’

कौशल किशोर
‘कविता के बीज नहीं होते/जो बाजारों में हों उपलब्ध/जो किसी एक ऋतु के हो बंधक/और घर-घर यूं ही पड़े मिलें/जो सबके हाथों मसले जाएं/जिनका कोई...
ज़ेर-ए-बहस

सामंती प्रतीकों से नहीं, लोकतांत्रिक संस्थाओं की मजबूती से मिलेगा सामाजिक न्याय को बल

Akhil Ranjan
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सीधी-पेशाब कांड के पीड़ित दशमत रावत का पैर धोकर सम्मान किया और मीडिया-सोशल मीडिया पर इस पॉलिटकल...
कविता

भास्कर लाक्षाकार की कविताएँ जीवन अनुभवों से निर्मित मनुष्य की स्पोन्टेनिटी से सृजित हैं

समकालीन जनमत
निरंजन श्रोत्रिय क्या यह संभव है कि किसी कवि को अपने समय-समाज के तापमान का सम्यक ज्ञान हो, उसकी कविता विचार और भावनाओं से समृद्ध...
जनमत

एनसीपी में टूट के मायने

महाराष्ट्र की राजनीति में भूचाल आया हुआ है।  शिवसेना के बाद अब एनसीपी का एक हिस्सा टूट कर अलग हो गया है। कभी शरद पवार...
पुस्तक

रक्तनदी की यात्रा: पूरब से पश्चिम और उत्तर से दक्षिण

गोपाल प्रधान
2023 में परिकल्पना से प्रकाशित बजरंग बिहारी तिवारी की किताब ‘हिंसा की जाति: जातिवादी हिंसा का सिलसिला’ किसी के भी रोंगटे खड़े करने में सक्षम...
पुस्तक

स्त्रियाँ अब प्रेम नहीं करतीं’: पुरुषसत्तात्मक समाज में स्त्रियों के सवाल उठाता कविता संग्रह

समकालीन जनमत
राजेश पाल मूर्तिकार, कवि, कथाकार व दलित चिंतक हीरालाल राजस्थानी का काव्य संग्रह “मै साधु नहीं” के बाद “स्त्रियाँ अब प्रेम नहीं करती” दूसरा कविता संग्रह हैं...
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