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मणिपुर की घटना पर नागरिकों ने किया मार्च

आज़मगढ़।
मणिपुर की घटना को लेकर विपक्षी राजनीतिक दल और नागरिक मंच के तरफ से कुंवर सिंह उद्यान से मार्च निकाला गया। मार्च मे लोग, मणिपुर की घटना को लेकर आक्रोशपूर्ण नारे लगा रहे थे।

नारे के माध्यम से मणिपुर के मुख्यमंत्री और गृहमंत्री से इस्तीफा की मांग कर रहे थे। मार्च कुंवर सिंह उद्यान से होकर नेहरू हाल होते हुए कलेक्ट्रेट तक गया और राष्ट्रपति को संबोधित तीन सूत्रीय मांग पत्र अतिरिक्त मजिस्ट्रेट को दिया गया और मार्च सभा में तब्दील हो गया।

कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि मणिपुर 83 दिन से जल रहा है और मणिपुर के मुख्यमंत्री आदिवासियों को जलाने, महिलाओं का उत्पीड़न करने वालों को संरक्षण दे रहे हैं। राज्यपाल द्वारा भारत सरकार और गृहमंत्रालय को रिपोर्ट के बावजूद चुप्पी और लम्बे अरसे से तथ्यों को छिपाना यह दर्शाता है, कि मोदी सरकार मणिपुर के मुख्यमंत्री से मिल कर मणिपुर को गुजरात बनाने में लगी है, जिसे देश की विपक्षी पार्टियां और नागरिक समाज कत्तई बरदाश्त नहीं करेंगे।

कार्यक्रम के माध्यम से लोगों ने मांग किया कि मणिपुर की घटना की न्यायायिक आयोग का गठन कर जांच करायी जाए, मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह और गृहमंत्री अमित शाह घटना की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा दें, महिलाओं के उत्पीड़न में शामिल लोगों को चिन्हित कर तत्काल गिरफ्तार किया जाए और मणिपुर सहित पूरे देश में नफरत फैलाने वाले संगठन आरएसएस को प्रतिबन्धित किया जाए।

लगातार अशांत मणिपुर हमारी संवेदनशील सीमा से लगा हुआ है, अगर तत्काल प्रभावी कदम नहीं उठाए जाते तो यह पूरे देश की एकता के लिए न सिर्फ खतरा बनेगा बल्कि बाहरी शक्तियों के हस्तक्षेप की जगह भी बनेगा।

कार्यक्रम को भाकपा माले नेता कामरेड जयप्रकाश नारायण, सपा नेता हवलदार यादव, कांग्रेस के मुन्नू यादव, सीपीआई के जितेंद्र हरि पाण्डेय, सीपीएम के वेद प्रकाश उपाध्याय, जनवादी मंच के रविन्द्र राय आप के राजेश यादव, पतिराम यादव, हरिहर दूबे, इंद्रासन सिंह आदि ने सम्बोधित किया।

मार्च में भाकपा माले जिला प्रभारी विनोद सिंह, सपा विधायक आलमबदी, आजाद नेता, माकपा के जिला मंत्री रामजन्म यादव, सुदर्शन राम, राम जीत, मंगल, हरि चरण, सहित तमाम लोग शामिल रहे।

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