समकालीन जनमत

Month : May 2023

ज़ेर-ए-बहस

सेंगोल पर सी0एन0 अन्नादुरै के विचार : यह किसी तरह से शुभ नहीं है

( यह लेख ‘‘द इंडियन  एक्सप्रेस’’ से लिया गया है जिसे मूल तमिल से अंग्रेजी में वी0 गीता ने अनूदित किया है। समकालीन जनमत के...
कविता

प्रतिभा चौहान की कविताएँ प्रकृति और सृष्टि की पक्षधरता का विमर्श हैं

समकालीन जनमत
शिरोमणि महतो सुपरिचित कवयित्री प्रतिभा चौहान की कविताएँ हिन्दी के वैविध्यपूर्ण साहित्यिक संसार में एक अलग स्थान रखती हैं। यूँ तो अनेक विषयों पर कविताएँ...
साहित्य-संस्कृति

‘ शिवमंगल सिद्धांतकर क्रांतिकारी आशावाद के कवि हैं ’

समकालीन जनमत
वरिष्ठ वामपंथी कवि-विचारक शिवमंगल सिद्धांतकर के कविता संग्रह ‘अंधेरे की आंख’ और संस्मरण-संग्रह ‘संस्मरण संभव’ पर विचार-गोष्ठी व परिचर्चा का आयोजन  पटना। गांधी संग्रहालय, पटना...
ख़बर

अखिल भारतीय आदिवासी सम्मेलन में ‘आदिवासी पहचान’ और ‘बिना विस्थापन के विकास’ के लिए लड़ने का आह्वान

सुशील मानव
विशाखापत्तनम में एक दिवसीय अखिल भारतीय आदिवासी सम्मेलन ‘आदिवासी पहचान’ और ‘बिना विस्थापन के विकास’ के लिए लड़ने के आह्वान के साथ संपन्न हुआ। सम्मेलन...
जनमत

‘ एक सुंदर दुनिया का स्वप्न संजोने वाले चित्रकार राकेश दिवाकर की कमी हर मोर्चे पर खलेगी ’

समकालीन जनमत
आरा। ‘ राकेश दिवाकर एक संघर्षशील चित्रकार, कला शिक्षक, कला समीक्षक , नाट्यकर्मी , कवि व सचेत राजनीति कर्मी के रूप में विकसित हो रहे...
ख़बरपुस्तकसाहित्य-संस्कृति

कोई दिया तो जला दो ज़रा उजाला हो

समकालीन जनमत
कौशल किशोर  आज़मगढ़, 21मई, 2023 जितेन्द्र कुमार ‘नूर’ के ग़ज़ल संग्रह ‘यादों के बहाने’ का लोकार्पण शहर के ठण्डी सड़क स्थित गरुण होटल के सभागार...
कविता

देवव्रत डंगवाल की कविताएँ प्रतिरोध और उम्मीद की खोज हैं

समकालीन जनमत
विपिन चौधरी युवावस्था मनुष्य के जीवन की सबसे बेचैन अवस्था है. इसी दौर में भी प्रतिरोध के स्वर अधिक तेज़ होने लगते हैं और नकार...
स्मृति

राकेश दिवाकर: जिसमें चांद की शीतलता और सूरज का ताप था

सुधीर सुमन
स्मृति दिवस 18 मई के अवसर पर वह रंगों की दुनिया में जीता था। लिखित शब्द भी उसे जैसे खुद को रंग देने के लिए...
सिनेमा

सिनेमा : शिक्षा का एक नया आयाम

समकालीन जनमत
अतुल कुमार ‘सिनेमा इन स्कूल’ अभियान लगातार अपना कार्य क्षेत्र बढ़ा रहा है. इस अभियान की शुरुआत नानकमत्ता पब्लिक स्कूल के साथ शुरू हुई थी...
ख़बर

लोकतांत्रिक आवाजों को दबा रही है योगी सरकार-ऐपवा

समकालीन जनमत
लखनऊ। अखिल भारतीय प्रगतिशील महिला एसोसिएशन (ऐपवा) ने कहा है कि उत्तर प्रदेश में योगी सरकार लोकतांत्रिक आवाजों को दबाने का काम कर रही है।...
ख़बर

पहलवानों के समर्थन में धरना-प्रदर्शन, शहीद स्मारक पर ‘ब्रजभूषण सिंह को जेल भेजो’ नारा गूंजा

समकालीन जनमत
लखनऊ। ‘ब्रजभूषण सिंह को जेल भेजो’, ‘महिला खिलाड़ियों संघर्ष करो, हम तुम्हारे साथ हैं’, ‘औरतों का यह अपमान, नहीं सहेगा हिंदुस्तान’ के नारे लखनऊ के...
ख़बर

‘ वास्तविक विकल्प रचनात्मक होना चाहिए , प्रतिक्रियाशील नहीं ’

समकालीन जनमत
संगीता प्रीत नई दिल्ली। कैंपेन अगेंस्ट स्टेट रिप्रेशन ने नई दिल्ली के एचकेएस सुरजीत भवन में 15 मई, 2023 को ‘ भाषण और अभिव्यक्ति की...
ख़बरजनमत

महिला पहलवानों के समर्थन में निकला कैण्डिल मार्च

समकालीन जनमत
दिल्ली में जन्तर मन्तर पर धरनारत मेडलधारी महिला पहलवानों के समर्थन में और आरोपी भाजपा सांसद ब्रजभूषण सिंह की गिरफ्तारी सहित उनके अन्य कारनामों की...
कविता

अमरजीत कौंके की कविताओं में आम आदमी का जीवन और संघर्ष प्रमुखता से झलकता है।

समकालीन जनमत
निरंजन श्रोत्रिय अमरजीत कौंके मूलतः पंजाबी भाषा के कवि हैं। उन्होंने पंजाबी-हिन्दी के बीच अनुवाद की महत्वपूर्ण आवाजाही की है। इन सबके साथ वे हिन्दी...
जनमत

मणिपुर हिंसा और संघ-भाजपा की राजनीति

जयप्रकाश नारायण  अरुणाचल प्रदेश से त्रिपुरा तक 1643 किमी. म्यांमार और 4057 किमी. चीन से सटे पहाड़ियों, घाटियों और मैदानों के बीच बसे 164 से...
कविता

सरिता संधू की कविताएँ व्यवस्था की आँखों में झाँकती संवेदनाएँ हैं

हीरालाल राजस्थानी सरिता संधू पिछले दो सालों से दलित लेखक संघ से जुड़ी हुई हैं। उनकी विशेषता है कि संगठन के प्रति अपने कर्तव्यों का...
ख़बर

सड़क पर उतरे पटना के नागरिक, कुश्ती संघ अध्यक्ष की गिरफ्तारी की उठाई मांग

पटना। भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृज भूषण शरण सिंह द्वारा महिला कुश्ती खिलाड़ियों का यौन शोषण करने के ख़िलाफ़ पिछले 23 अप्रैल से दिल्ली...
ग्राउन्ड रिपोर्ट

चार स्कूलों के भवन निर्माण, सात घंटी पढ़ाई के लिए अजीमाबाद की सड़क पर 12 घंटे बैठे छात्र-छात्राएं

भोजपुर। मेहन्दौरा, डेढ़ुआ, मिल्की टोला और कन्या उर्दू प्राथमिक विद्यालय, अजीमाबाद के भवन निर्माण, सात घंटी पढ़ाई व गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की गारंटी करने के सवालों...
साहित्य-संस्कृति

खनकने लगी हैं गुल की मोहरें

पीयूष कुमार फिर से दिन आ गए खिल के खिलखिलाते गुलमोहर के। वसंत की अगवानी में सेमल और पलाश की ललाई कम हो गयी थी...
ख़बर

दिल्ली विश्वविद्यालय में बड़े पैमाने पर विस्थापन: एक सुनियोजित त्रासदी

दिल्ली विश्वविद्यालय के शिक्षकों और छात्रों का संयुक्त प्रेस सम्मेलन हिन्दू कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय के समरवीर सिंह की संस्थागत हत्या की पृष्ठभूमि में बड़े पैमाने...
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