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लोकतांत्रिक आवाजों को दबा रही है योगी सरकार-ऐपवा

लखनऊ। अखिल भारतीय प्रगतिशील महिला एसोसिएशन (ऐपवा) ने कहा है कि उत्तर प्रदेश में योगी सरकार लोकतांत्रिक आवाजों को दबाने का काम कर रही है। राजनैतिक और सामाजिक कार्यकर्ताओं को असंवैधानिक ढंग से यूपी पुलिस गिरफ्तार कर रही हैं।

ऐपवा की प्रदेश सचिव कुसुम वर्मा ने कहा कि वाराणसी में हाल में ही ट्रांसपोर्ट नगर के नाम पर किसानों की जमीन लेने के मामले में पुलिस द्वारा अन्नदाता किसानों एवं महिलाओं पर लाठी चार्ज किया गया। किसानों को हिरासत में भी लिया गया। कम्युनिस्ट फ्रंट के नेता साथ ही पूर्वांचल में नट-मुसहर समाज के अधिकारों की लड़ाई लड़ने वाले मनीष शर्मा की गिरफ्तारी और उनका मानसिक उत्पीड़न सरकारी दमन की एक और कड़ी है।

उन्होंने कहा कि उतर प्रदेश में जन अधिकारों की आवाज उठाने वाले नेताओं को यूपी पुलिस और प्रशासन द्वारा लगातार डराने-धमकाने और उनकी गिरफ्तारी की कोशिशें की जा रही हैं। पिछले दिनों इसी तरह से रिहाई मंच के अध्यक्ष और वरिष्ठ वकील मो. शोएब साहब की गिरफ्तारी की गई थी। आजमगढ़ के खिरियाबाग में लम्बे समय से हवाई अड्डा विस्तारीकरण परियोजना के खिलाफ शांतिपूर्ण चलाए जा रहे जमीन आंदोलन के नेता राजीव यादव और स्थानीय महिला कार्यकर्ताओं जो इस आंदोलन का नेतृत्व कर रही हैं के साथ पुलिस प्रशासन का रवैया दमनात्मक रहा है और उनके आंदोलन को पीछे धकेलने की कोशिश है। इसी तरह से गाजीपुर में पिछले दिनों प्रदेश में ध्वस्त कानून व्यवस्था के विरोध करने के एवज में भाकपा माले और ऐपवा नेताओं पर अपराधिक मुकदमें लाद दिए गए हैं।

ऐपवा की प्रदेश अध्यक्ष कृष्णा अधिकारी ने कहा कि योगी सरकार तानशाही ढंग से प्रदेश को चला रही है । भाजपा राज में महिलाओं,अल्पसंख्यकों, दलितों,गरीबों के अधिकारों पर हमला बोला जा रहा है। उन्हे न्याय मिलना असंभव बन गया है। उन्होंने कहा की जनता को अपने अधिकारों की लड़ाई के लिए एकजुट होकर आगे आना होगा। ऐपवा जनआंदोलन के नेताओं के संघर्ष के साथ एकजुटता प्रदर्शित करती है और उनके ऊपर की जा रही हर दमनात्क कार्रवाई का विरोध करती है।

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