शख्सियत प्रिय कवि मंगलेश डबराल की याद मेंकौशल किशोरDecember 13, 2020December 19, 2020 by कौशल किशोरDecember 13, 2020December 19, 202001808 लखनऊ के लेखकों और संस्कृतिकर्मियों ने आज मंगलेश डबराल और राघव नरेश की स्मृति में शोक सभा आयोजित करके उन्हें अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की। शोक...
कहानीसाहित्य-संस्कृति दुनिया में जो भी करुणा है, प्रेम है, मौलिकता है वह स्त्रियों के ही कारण है ! : कथाकार शिवमूर्तिसमकालीन जनमतSeptember 30, 2020September 30, 2020 by समकालीन जनमतSeptember 30, 2020September 30, 202002435 कोरस के फेसबुक लाइव में 20 सितंबर को हिंदी के प्रसिद्द कथाकार शिवमूर्ति जी तथा समता राय से दीपक ने बातचीत की । कार्यक्रम की...
साहित्य-संस्कृति साहित्य का स्त्री स्वर और कृष्णा सोबतीसमकालीन जनमतSeptember 22, 2020 by समकालीन जनमतSeptember 22, 202003060 कोरस द्वारा विगत दो वर्षों से महादेवी जी की पुण्यतिथि के अवसर पर ‘महादेवी वर्मा स्मृति व्याख्यानमाला’ का आयोजन इलाहाबाद में होता रहा है |...
साहित्य-संस्कृति दुनिया की दीवारों में रचनाकार खिड़की के समान: प्रो. शंभुनाथसमकालीन जनमतSeptember 6, 2020 by समकालीन जनमतSeptember 6, 202002486 अम्बरीन आफ़ताब डॉ. राही मासूम रज़ा साहित्य अकादमी एवं प्रकाशक मंच के संयुक्त तत्त्वावधान में दिनांक 01 सितंबर, 2020 को फेसबुक लाइव के माध्यम से...
ज़ेर-ए-बहस किन्नर समुदाय: प्रचलित धारणाएँ और यथार्थसमकालीन जनमतAugust 22, 2020August 22, 2020 by समकालीन जनमतAugust 22, 2020August 22, 202003477 रविवार 16 अगस्त 2020 को कोरस के फेसबुक लाइव ‘स्त्री संघर्ष का कोरस’ में ‘वर्तमान भारतीय संदर्भ में किन्नर समुदाय’ विषय पर परिचर्चा की गई...
शख्सियत मेरे जीवन में प्रेमचंद: शेखर जोशीसमकालीन जनमतJuly 30, 2020July 30, 2020 by समकालीन जनमतJuly 30, 2020July 30, 202003327 ( नयी कहानी आंदोलन के प्रमुख कहानीकार शेखर जोशी का जन्म उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले के ओलियागांव ग्राम में हुआ. अपनी माँ की असमय मृत्यु...
स्मृति कवि बी एन गौड़: सब में बसता हूँ मैंकौशल किशोरJuly 9, 2020July 9, 2020 by कौशल किशोरJuly 9, 2020July 9, 202002071 86वें जन्मदिवस पर ‘मरूंगा नहीं…/क्रान्ति का इतिहास इतनी जल्दी नहीं मरता/बलिदान के रक्त की ललाई को/न धूप सुखा सकती है/न हवा और न वक्त/….इसलिए, मैं...
ज़ेर-ए-बहस सभी आवाज़ों को मजबूत करना, सभी गीतों को ताकत देना तथा सवाल खड़े करना ही कला का सच्चा काम है: टी.एम. कृष्णासमकालीन जनमतJune 24, 2020June 24, 2020 by समकालीन जनमतJune 24, 2020June 24, 202002751 टी. एम. कृष्णा (अवधेश जी द्वारा मुझे हिन्दी में बोलने के लिए बोला गया है लेकिन मेरा हिन्दी तो बहुत खराब है मैं हिंगलिश बोलूँगा।...
साहित्य-संस्कृति तुपकी की सलामी का लोकपर्व : बस्तर का गोंचासमकालीन जनमतJune 23, 2020June 23, 2020 by समकालीन जनमतJune 23, 2020June 23, 202003420 रथयात्रा की बात करते ही जगन्नाथपुरी की बात जेहन में आ जाती है लेकिन इसका एक बस्तरिया संस्करण भी है जिसे ‘गोंचा तिहार’ कहा जाता...
शिक्षा बच्चों की रचनात्मकता को ऑनलाइन विकसित करता “जश्न ए बचपन”समकालीन जनमतMay 21, 2020May 21, 2020 by समकालीन जनमतMay 21, 2020May 21, 202002881 उत्तराखण्ड के सरकारी विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों के फोरम “रचनात्मक शिक्षक मण्डल” ने लॉक डाउन के दिनों में बच्चों की रचनात्मकता को बनाये रखने के...
साहित्य-संस्कृति चिंताएँ और सरोकार एक से हों तो मिलकर रचते हैं बड़ा कैनवासदीपक सिंहMay 2, 2020May 3, 2020 by दीपक सिंहMay 2, 2020May 3, 202002624 मई दिवस के अवसर पर समकालीन जनमत के फेसबुक पेज द्वारा आयोजित लाइव कार्यक्रमों की तीसरी कड़ी में 1 मई मजदूर दिवस शाम 7 बजे...
साहित्य-संस्कृति साहित्य की पारिस्थितिकी पर खतरागोपाल प्रधानSeptember 3, 2019September 6, 2019 by गोपाल प्रधानSeptember 3, 2019September 6, 201903492 साहित्य की पारिस्थितिकी आखिर है क्या ? इसका सबसे पहला उत्तर किसी के भी दिमाग में यह आता है कि समाज ही साहित्य की पारिस्थितिकी...
साहित्य-संस्कृति प्रतिरोध साहित्य का मूल स्वर है जो समाज निर्माण का स्वप्न लेकर चलता हैडॉ हरिओमSeptember 2, 2019September 3, 2019 by डॉ हरिओमSeptember 2, 2019September 3, 201904657 साहित्य को समाज का दर्पण कहा जाता रहा है. मतलब समाज जैसा है उसे वैसा ही दिखाने वाला लेखन साहित्य है. बचपन से हम...
कहानीशख्सियतसाहित्य-संस्कृति प्रेमचंद की याद: संजय जोशीसंजय जोशीJuly 30, 2019July 30, 2019 by संजय जोशीJuly 30, 2019July 30, 201902221 हिंदी भाषा के सबसे बड़े रचनाकार के रूप में आज भी प्रेमचंद की ही मान्यता है. हिंदी गद्य को आधुनिक रूप देकर उसे आम जन...
कहानीशख्सियतसाहित्य-संस्कृति आखिरी दौर की डायरी और एक कहानी -मधुकर सिंहसमकालीन जनमतJuly 15, 2019 by समकालीन जनमतJuly 15, 201902174 (मधुकर जी ने अपने आखिरी दिनों में अपनी डायरी में राजनीति, खेल, फिल्म आदि पर कुछ टिप्पणियां और साहित्य-संस्कृति से जुड़ी यादों के साथ-साथ कुछ...
ख़बर डॉ गिरीश चन्द्र श्रीवास्तव का निधन सृजन, विचार और संगठन के क्षेत्र की बड़ी क्षतिसमकालीन जनमतFebruary 28, 2019February 28, 2019 by समकालीन जनमतFebruary 28, 2019February 28, 201903158 वरिष्ठ कथाकार, साहित्य-आलोचक और ‘निष्कर्ष’ पत्रिका के संपादक डॉ गिरीश चन्द्र श्रीवास्तव नहीं रहे। 27 फरवरी को उनका निधन लखनऊ में हुआ। पिछले कुछ महीने...
कहानी अपने समकालीन कहानीकारों के बीच शेखर जोशी की कहानियाँसमकालीन जनमतDecember 10, 2018December 10, 2018 by समकालीन जनमतDecember 10, 2018December 10, 201803871 नई कहानी के दौर के कहानीकारों ने मनुष्य-जीवन के विविध पहलुओं को वहीं से पकड़ा जहाँ प्रेमचन्द ने उसे छोड़ा था। शिल्पगत नवीनता और प्रामाणिक...
शख्सियतसाहित्य-संस्कृति मुक्तिबोध मेरे लिए -अच्युतानंद मिश्रसमकालीन जनमतNovember 13, 2018November 13, 2018 by समकालीन जनमतNovember 13, 2018November 13, 201801771 अच्युतानंद मिश्र फ़िराक ने अपने प्रतिनिधि संग्रह ‘बज़्मे जिंदगी रंगे शायरी’ के संदर्भ में लिखा है, जिसने इसे पढ़ लिया उसने मेरी शायरी का हीरा...
साहित्य-संस्कृति मुक्तिबोध आस्था देते हैं मुक्ति नहींसमकालीन जनमतNovember 13, 2018December 2, 2018 by समकालीन जनमतNovember 13, 2018December 2, 201802857 प्रियदर्शन मुक्तिबोध और ख़ासकर उनकी कविता ‘अंधेरे में’ पर लिखने की मुश्किलें कई हैं। कुछ का वास्ता मुक्तिबोध के अपने बेहद जटिल काव्य विन्यास से...
जनमत विकास, विस्थापन और साहित्य (संदर्भ झारखंड)रामजी रायNovember 7, 2018November 7, 2018 by रामजी रायNovember 7, 2018November 7, 20185 4696 आज इस बात में किसी को कोई संदेह नहीं रह गया है कि ग्लोबल पूंजीवाद के लाभ-लोभ के चलते दुनिया में गरीबी और पर्यावरण का...