समकालीन जनमत

Category : स्मृति

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हमीदिया रोड की उस बिल्डिंग से उठकर हमारे दिल में बस गये मंज़ूर सर

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पुष्यमित्र इन दिनों अपने देश में पतझड़ का मौसम है। इस पतझड़ में जो बसंत के बाद आया है, सिर्फ सूखे पत्ते ही नहीं बड़े-बड़े...
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शंख घोष को याद करते हुए

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 मीता दास   बांग्ला साहित्य का एक युग अचानक ख़त्म हो गया । कोरोना महामारी एक मूर्धन्य साहित्यकार को निगल गई। वे बांग्ला साहित्य में...
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प्रोफेसर रामनारायण शुक्ल : एक जन-बुद्धिजीवी

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( लेखक-आलोचक और बीएचयू के हिंदी विभाग के पूर्व अध्यक्ष प्रोफ़ेसर रामनारायण शुक्ल नहीं रहे। प्रो रामनारायण शुक्ल लेखक व आलोचक के अतिरिक्त जनवादी आंदोलन...
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सिनेमा के बाज़ार में सागर सरहदी का होना…

फ़िरोज़ ख़ान
सन् 1980 या 81 के किसी एक रोज एक अखबार में खबर छपती है कि गल्फ देशों के उम्रदराज़, लेकिन अमीर शेख हैदराबाद आते हैं...
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जन सांस्कृतिक आंदोलन के योद्धा थे सागर सरहदी : जन संस्कति मंच

समकालीन जनमत
मशहूर फिल्म निर्माता-निर्देशक, पटकथा और संवाद लेखक, नाटककार और उर्दू कहानीकार सागर सरहदी के निधन को जन संस्कृति मंच ने भारतीय साहित्य-कला जगत के लिए...
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साझी जन संस्कृति के झण्डे को बुलन्द करने वाले योद्धा थे कवि ओमप्रकाश मिश्र

लखनऊ। गंगाजमुनी तहजीब के शायर, गजलकार, जनवादी कवि व गीतकार ओमप्रकाश मिश्र नहीं रहे। आज जौनपुर में उनका निधन हुआ। लम्बे समय से वे बीमार...
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प्रोफेसर डी.एन. झा : तथ्यात्मक इतिहास लेखन से साम्प्रदायिक राष्ट्रवाद की चुनौती से मुकाबला

राम पुनियानी
झा उन विद्वानों में से थे जिन्होंने सक्रिय रूप से एक बेहतर समाज के निर्माण के संघर्ष में अपना योगदान दिया - एक ऐसे समाज...
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अतीत के दर्पण में वर्तमान को देखने वाला इतिहासकार    

जनार्दन
प्रोफेसर डी.एन.झा अब हमारे बीच नहीं हैं। उनका जाना एक सच्चे इतिहासकार का जाना है। वे सरलीकृत अभिकथनों से टकराने और मिथकों की हवा निकालने...
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योगेश्वर गोप को याद करने का मतलब

कौशल किशोर
जन्म दिवस, 01 जनवरी  पर समाजिक परिवर्तन का संघर्ष ऐसे शख्सियतों को पैदा करता है जो जनता के सामाजिक संघर्ष की अमूल्य निधि हैं। उनका...
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शम्सुरर्हमान फ़ारूक़ी की याद में

समकालीन जनमत
सिराज अजमली शम्सुरर्हमान फ़ारूक़ी का जन्म उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ (अब मऊ) के कोईरिया पार गाँव में हुआ ।उनके पिता मौलवी ख़लीलुर्रहमान फ़ारूक़ी शिक्षा विभाग...
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´´ हम तारों से आये हैं और तारों में ही चले जायेंगे वापस ´´

प्रणय कृष्ण
विलक्षण कवि -लेखक, सम्पादक, अनुवादक, जन संस्कृति मंच के संस्थापक सदस्य और राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, कामरेड और सबसे बढ़कर एक दुर्लभ इंसान के रूप में हमारी स्मृतियों...
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ज़िंदा शहीद कॉमरेड दर्शन दुसांझ – किसान आंदोलन के बहाने स्मरण

समकालीन जनमत
सतीश छिम्पा शहीदों की चिंताओं पर लगेंगे हर वर्ष मेले…… मुझे खंजर से मारो या सूली पर लटका दो मैं मरकर भी चारों तरफ बिखर...
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एक नाराज़ सूरज डूब गया

समकालीन जनमत
अच्युतानंद मिश्र प्रगतिशील धारा से सम्बद्ध वरिष्ठ लेखक विष्णुचंद्र शर्मा(1/4/1933-2/11/2020) का 2 नवम्बर को निधन हो गया। सोचता हूँ वे अगर इस वाक्य को सुनते...
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‘अल्लाह-ओम् ’ : पंडित जसराज की याद

समकालीन जनमत
देवराज त्रिपाठी    ‘आया है सो जाएगा ’…..सूरज उगा है तो अस्त होगा ही. लेकिन ढलते सूरज की रोशनी में कुछ पल ठहरकर ये सोचना...
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आंदोलन-संघर्ष के मोर्चे पर हमेशा याद आएंगे त्रेपन भाई

इन्द्रेश मैखुरी
यह 1998 का साल था. उस साल उच्चतम न्यायालय ने 02 अक्टूबर 1994 को उत्तराखंड आंदोलन के दौरान गठित मुजफ्फरनगर कांड के संदर्भ में 1996...
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कौमी एकता और आम अवाम के जनतांत्रिक संघर्षों की आवाज थे राहत इंदौरी : जसम

समकालीन जनमत
जन संस्कृति मंच ने सुविख्यात शायर राहत इंदौरी की कोरोना संक्रमण के दौरान हृदयाघात से हुई मौत को देश की साझी संस्कृति और हिंदुस्तानी साहित्य...
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महाश्वेता देवी की स्मृति में उनकी कहानी ‘प्याऊ’ का हिंदी अनुवाद

समकालीन जनमत
(समकालीन जनमत प्रस्तुत करता है महाश्वेता देवी के स्मृति दिवस 28 जुलाई पर कवयित्री मीता दास द्वारा अनुदित महाश्वेता देवी की कहानी ‘प्याऊ’ (रचना काल,...
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अलविदा कलीम बहादुर साहब

शम्सुल इस्लाम
  जेएनयू में एक हमदर्द सीनियर (1972-75), दोस्त और बाद में वहां के प्रोफेसर डॉ. कलीम बहादुर का शनिवार रात में दिल्ली के एक अस्पताल...
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“मैं ज़िंदगी सिर्फ़ अपनी शर्तों पर जीना चाहती हूँ, और यह हो कर रहेगा।”-सरोज ख़ान

समकालीन जनमत
कनुप्रिया झा बात उन दिनों की है जब मैं आठ या नौ साल रही हूँगी। हर शाम क़रीबन चार बजे टेलीविज़न की आवाज़ न्यूनतम कर...
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कवि बी एन गौड़: सब में बसता हूँ मैं

कौशल किशोर
86वें जन्मदिवस पर ‘मरूंगा नहीं…/क्रान्ति का इतिहास इतनी जल्दी नहीं मरता/बलिदान के रक्त की ललाई को/न धूप सुखा सकती है/न हवा और न वक्त/….इसलिए, मैं...
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