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स्मृति

दीघा घाट पर नम आंखों से कॉमरेड रामजतन शर्मा को अंतिम विदाई 

पटना। भाकपा-माले की केंद्रीय कमिटी व पोलित ब्यूरो के पूर्व सदस्य, केंद्रीय कंट्रोल कमीशन के पूर्व चेयरमैन और बिहार समेत कई राज्यों के पूर्व राज्य सचिव काॅ. रामजतन शर्मा को पटना के दीघा घाट पर नम आंखों से पार्टी नेताओं-कार्यकर्ताओं ने अंतिम विदाई दी. उनकी अंतिम यात्रा में माले नेताओं के साथ-साथ महागठबंधन के नेता और पार्टी के सभी विधायक व जिला सचिव भी शामिल हुए. किसान महासभा, खेग्रामस, आइसा, इनौस, ऐपवा, कोरस, हिरावल आदि संगठनों के कार्यकर्ताओं ने भी उनके पार्थिव शरीर पर फूल चढ़ाकर उन्हें अपनी श्रद्धांजलि दी.

उनकी अंतिम यात्रा शुरू होने के पहले माले विधायक दल कार्यालय में उनके सपनों को मंजिल तक पहुंचाने का संकल्प लिया गया. माले महासचिव काॅ. दीपंकर भट्टाचार्य, बिहार विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष व राष्ट्रीय जनता दल के नेता उदय नारायण चौधरी, सीपीआई के बिहार राज्य सचिव रामनरेश पांडेय, सीपीआईएम के राज्य सचिव अवधेश कुमार सहित पार्टी जीवन में उनके साथ लंबे समय तक काम करने वाले माले के पूर्व राज्य सचिव नंदकिशोर प्रसाद, वरिष्ठ पार्टी नेता स्वदेश भट्टाचार्य, पार्टी राज्य सचिव कुणाल, अखिल भारतीय किसान महासभा के महासचिव राजाराम सिंह, पूर्व सांसद रामेश्वर प्रसाद, पोलित ब्यूरो के सदस्य अमर व धीरेन्द्र झा ने उन्हें अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि दी.

वरिष्ठ किसान नेता के डी यादव, केंद्रीय कंट्रोल कमीशन के पूर्व चेयरमैन राजाराम, ऐक्टू के महासचिव आर एन ठाकुर, समकालीन लोकयुद्ध के संपादक संतोष सहर, अरवल विधायक महानंद सिंह, किसान महासभा के बिहार राज्य सचिव रामाधार सिंह, विधायक दल के नेता महबूब आलम, जहानाबाद जिला सचिव श्रीनिवास शर्मा, घोषी विधायक रामबली सिंह यादव, कर्मचारी नेता रामबलि सिंह, राजद के प्रदेश कार्यालय सचिव चंदेश्वर प्रसाद सिंह व प्रदेश महासचिव मदन शर्मा, एटक के नेता गजनफर नबाव, एसयूसीआईसी की नेता साधना मिश्रा, सीपीआईएम नेता अरूण कुमार सिंह, गणेश शंकर सिंह, रामपरी, पटना के प्रख्यात चिकित्सक पीएनपी पाल, तलाश पत्रिका की संपादक मीरा दत्त, मीना तिवारी, शशि यादव, वंचित समाज मोर्चा के किशोरी दास, लोकयुद्ध के प्रबंध संपादक संतलाल, कमलेश शर्मा आदि ने उनके पार्थिव शरीर पर फूल चढ़ाकर कॉमरेड को विदाई दी. काॅमरेड रामजतन शर्मा की अंतिम यात्रा में उनके परिजन भी शामिल हुए.

माले महासचिव काॅ. दीपंकर भट्टाचार्य ने श्रद्धांजलि सभा में कहा कि आज की विकट परिस्थितियों का जिस मजबूती से हम सामना कर रहे हैं, काॅ. रामजतन शर्मा उसी मजबूती के प्रतीक थे. 5 जून की सुबह जहानाबाद में उन्हें पहला हृदयाघात हुआ था, लेकिन जिला अस्पताल में ईसीजी की मामूली व्यवस्था भी न होने के कारण सही समय पर हृदयाघात का इलाज आरंभ नहीं हो सका. यदि ऐसा होता तो शायद उन्हें बचाया जा सकता था. बिहार की बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था ने इस दौर में हमसे कई जिंदगियां छीन ली है. काॅ. रामजतन शर्मा की मौत भी उसी बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था का परिणाम है.

पार्टी के एक पूरावक्ती कार्यकर्ता के बतौर वे लगभग 50 साल पार्टी के निर्माण व विस्तार के सतत प्रयास में लगे रहे. केवल बिहार में ही नहीं बल्कि उत्तरप्रदेश, झारखंड, छतीसगढ़ में पार्टी निर्माण में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका कभी भुलाई नहीं जा सकती. 50 सालों के दरम्यान उन्होंने कई उतार-चढ़ाव देखे, लेकिन संकटपूर्ण स्थितियों का बहुत ठंडे दिमाग से हर दौर में सामना किया. हमने उन्हें कभी थकते नहीं देखा. थोड़ी देर के लिए भी उन्होंने कभी उम्मीद नहीं छोड़ी. वे पार्टी की वैचारिक मजबूती के प्रतीक थे. आम लोगों के बीच मार्क्सवाद की समझदारी विकसित करना और छात्र-युवाओं-महिलाओं को राजनीतिक कार्यकर्ता के बतौर तैयार करना, उनके विशिष्ट गुण थे. वे बिल्कुल आज की पीढ़ी के थे. आज सभी पीढ़ी के लोग महसूस कर रहे हैं कि हमारे एक साथी चले गए हैं. आज के कठिन दौर में जब हमारे ऊपर कई जिम्मेवारियां हैं, हमारी पार्टी से बड़ी अपेक्षा है, हमें इसपर खरा उतरना होगा. काॅ. रामजतन शर्मा चुपचाप पार्टी निर्माण के हर मोर्चे पर लगे रहते थे, हमें उस रास्ते को आगे बढ़ाना है. जिस क्रांति का सपना लेकर उन्होंने 50 साल काम किया, उसे आज हम आगे बढ़ाने का संकल्प लेते हैं.

राजद नेता उदय नारायण चौधरी ने इस मौके पर कहा कि रामजतन शर्मा आजीवन गरीब, किसान, मजदूरों की लड़ाई को आगे बढ़ाते रहे. अपनी पार्टी की लाइन को आम जनमानस तक पहुंचाने का काम किया. उनके निधन से राजद परिवार अत्यंत दुखी है. राजद परिवार भाकपा-माले व दिवंगत काॅमरेड के परिजनों के साथ अपनी संवेदना व्यक्त करता है. सीपीआई के बिहार राज्य सचिव रामनरेश पांडेय ने उन्हें एक जुझारू व संघर्षशील काॅमरेड बताते हुए व्यवस्था परिवर्तन की उनकी लड़ाई को पूरा करने और वामपंथी-जनवादी ताकतों के बीच व्यापक एकता के निर्माण पर जोर दिया.

अन्य वक्ताओं ने कहा कि विचारों के प्रति दृ़ढ़ता और कर्मठता, जनआंदोलनों के प्रति अटूट निष्ठा और कामरेडों के प्रति स्नेहिल व गर्मजोशी भरा व्यवहार करने वाले काॅमरेड रामजतन शर्मा हम सबों के दिल में हमेशा जिंदा रहेंगे और प्रेरणा देते रहेंगे.

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