समकालीन जनमत

Month : August 2022

कविता

मनीष कुमार यादव की कविताएँ अपनी चुप्पी में एक बहुत गझिन यात्रावृत्त को समेटे रहती हैं

समकालीन जनमत
वसु गन्धर्व मनीष की कविताएँ एक कठिन ज़मीन की कविताएँ हैं जो अपने प्रस्तावित पाठ में पाठक से उतने ही सृजनात्मक संघर्ष की अपेक्षा करती...
ख़बरस्मृति

शोक सभा में इप्टा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रणवीर सिंह को श्रद्धांजलि दी गई

मऊ। राहुल सांकृत्यायन सृजन पीठ पर आयोजित बैठक में देश के जाने-माने रंगकर्मी, निर्देशक, नाट्य एवं फिल्म अभिनेता, लेखक, इतिहासकार व इप्टा के राष्ट्रीय अध्यक्ष...
जनमत

डोलो 650 स्कैंडल : देशी दवा कंपनी के खिलाफ साज़िश या सड़ती हुई चिकित्सा व्यवस्था का लक्षण ?

आनंद प्रधान
कोरोना महामारी के दौरान मरीजों के इलाज के लिए कई दवाएं और मल्टी-विटामिनों के साथ देशी नुस्खे सुर्ख़ियों में रहे. उनमें ही बुख़ार और शरीर...
ज़ेर-ए-बहस

आजादी के पचहत्तर वर्षः प्रोपोगंडा, पाखंड और यथार्थ- चार

जयप्रकाश नारायण  हर घर तिरंगा अभियान अपने चरम पर है। लायल्टी प्रर्दशित करने के लिए अभियान में नौकरशाही से लेकर उद्योग जगत तक उतर चुका...
जनमत

सावन वाइब्स- कांवड़ यात्रा के हवाले से

समकालीन जनमत
तूलिका तीर्थ यात्राओं के महात्म्य से शायद ही कोई धर्म अछूता रहा हो। अगर तीर्थ यात्रा के इर्द गिर्द की बतकही या किवदंतियों से अंदाजा...
कहानीजनमतसाहित्य-संस्कृति

निराला, आजादी का आन्दोलन और कला की रूप-रेखा

निराला आजादी के लिए चल रहे संघर्ष और आन्दोलन के दौर के प्रखर सांस्कृतिक योद्धा हैं। कविता, कहानी, उपन्यास, निबन्ध आदि विधाओं में उनके लेखन...
ख़बर

बाबा नागर्जुन की जन्म भूमि पर हुआ जसम की छह दिवसीय सांस्कृतिक यात्रा के प्रथम चरण का समापन

मधुबनी। जनसंस्कृति मंच, बिहार के तत्वावधान में आयोजित राज्य स्तरीय सांस्कृतिक यात्रा ‘ उठो मेरे देश ’ के प्रथम चरण का समापन 20 अगस्त को...
नाटक

इस मगध को पहचानिए

समकालीन जनमत
प्रियदर्शन अपने जीवन के उत्तरार्ध में श्रीकांत वर्मा सत्ता-संस्कृति के प्रति अपने आकर्षण और कांग्रेस से अपने जुड़ाव की वजह से हिंदी साहित्य में पर्याप्त-...
पुस्तक

रेत समाधि: मृत्यु भी जीवन का हिस्सा है! 

जनार्दन
“बरसात का पानी बूँद-बँद बढ़ता हुआ दरार के आखिरी मुकाम पर पहुँचकर ठहर जाता, बूँद की एक थैली बना पीछे से बढ़ती आती बूँदों को...
कविता

विमल भाई की कविताएँ क्वीयर कविता के संघर्ष और सौंदर्यबोध की बानगी हैं

समकालीन जनमत
अखिल कत्याल विमल भाई, अलविदा! कुछ एक साल पहले की बात है। अपनी मित्र अदिति अंगिरस के साथ मैं एक ‘क्वीयर कविताओं’ के संग्रह का...
जनमतशख्सियतसाहित्य-संस्कृति

प्रकृति की स्वाधीनता से मनुष्य की स्वाधीनता की तलाश

राम नरेश राम
राम नरेश राम  त्रिलोचन की कविताओं पर लिखना है , समझ में नहीं आ रहा है कहाँ से और कैसे शुरू करूँ. उचित तो शायद...
समर न जीते कोय

समर न जीते कोय-20

मीना राय
(समकालीन जनमत की प्रबन्ध संपादक और जन संस्कृति मंच, उत्तर प्रदेश की वरिष्ठ उपाध्यक्ष मीना राय का जीवन लम्बे समय तक विविध साहित्यिक, सांस्कृतिक, राजनैतिक...
ख़बर

साम्प्रदायिक सौहार्द का सन्देश लेकर समस्तीपुर पहुंचा जनसंस्कृति मंच का सांस्कृतिक जत्था

समस्तीपुर। जनसंस्कृति मंच, बिहार के तत्वावधान में आयोजित जनसांस्कृतिक यात्रा का चैथे दिन समस्तीपुर में आगमन हुआ। लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा, साम्प्रदायिक सौहार्द के सन्देश...
शख्सियत

दिलखरोंच आवाज वाला लफ्जों का जुलाहा

समकालीन जनमत
पीयूष कुमार आज गुलज़ार साहब की  88वीं सालगिरह है। गुलज़ार वे शायर, गीतकार, साहित्यकार हैं जिन्होंने अपने कहन के तरीके से अदब की रवायतों, रूढ़ियों...
ख़बर

वाराणसी में महिलाओं ने कही अपने मन की बात-मोदी राज में नारियों को मिल रहा है सिर्फ कागजी सम्मान

वाराणसी। शास्त्री घाट कचहरी पर 17 अगस्त को गरीब बस्तियों की कामगार महिलाओं ने प्रधानमंत्री से अपने मन की बात कहने के लिए एक अनूठे...
कविता

‘अब बदलना होगा लिखने को लडाई में ‘

‘ लिखावट ’ की ओर से ‘ कविता लखनऊ ‘ का आयोजन शमशेर की मशहूर कविता है ‘काल से होड़’। वे कहते हैं ‘काल तुझसे...
ख़बर

जसम की सांस्कृतिक यात्रा बेगूसराय पहुंची, नफरत की राजनीति के खिलाफ खड़े होने का आह्वान

समकालीन जनमत
बेगूसराय। लूट-झूठ,नफरत,साम्प्रदायिक उन्माद और फासीवादी बर्बरता के इस दौर में जन संस्कृति मंच की बिहार इकाई ने आजादी के 75 वें वर्ष पर सत्ता संपोषित...
जनमत

क्या हम बहुराष्ट्रीय तेल कंपनियों की क्लाइमेट चेंज को नकारने की पीआर कैम्पेन की कीमत चुका रहे हैं ?

आनंद प्रधान
कार्पोरेट पीआर और लाबीइंग की ताकत से सभी वाकिफ़ हैं. उम्मीद है आप नीरा राडिया को भूले नहीं होंगे. लेकिन आज हम अमेरिकी पीआर कंपनी-...
ख़बर

जसम की सांस्कृतिक यात्रा का दूसरा दिन: पटना के चौराहों पर नाटक, जनगीत से हुआ लोगों से संवाद

पटना। आजादी के 75 वें वर्ष पर भूख, बेरोजगारी, नफरत और उन्माद के खिलफ ‘ उठो मेरे देश ’ के नारे के साथ जन संस्कृति...
कविता

जसम का आयोजनः खौफनाक समय से मुठभेड़ करती कविताओं का पाठ

समकालीन जनमत
अभी हाल के दिनों में जन संस्कृति मंच की रायपुर ईकाई ने शब्द प्रसंग के तहत छत्तीसगढ़ के दस बेहद उर्वर कवियों को लेकर एक...
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